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योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि हिंदी को राजभाषा का दर्जा मिले

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मानना है कि हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिया जाना चाहिए। योगी ने न्यूज18 नेटवर्क से खास बातचीत में गो रक्षा से लेकर जनसंख्या विस्फोट और उन्नाव बलात्कार कांड पर भी बेबाक राय रखी। योगी न्यूज18 नेटवर्क के एमडी और ग्रुप एडिटर राहुल जोशी से रूबरू थे। उन्होंने कहा कि हिंदी हमारी राजभाषा है और जिस तरह देश में सभी महत्वपूर्ण प्रतीकों का सम्मान करते हंै उसी तरह राजभाषा का सम्मान करना भी हमारा दायित्व है। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने हिंदी दिवस के मौके पर कहा था कि हिंदी को पूरे देश को गले लगाना चाहिए, कई दक्षिण भारतीय राजनेताओं ने उनके विचार का विरोध किया था। योगी आदित्यनाथ हिंदी को सियासत से परे मानते हैं, उनका साफ कहना है कि हिंदी को गले लगाकर इस देश की सुंदरता में चार चांद लग जाएंगे। दक्षिण भारतीय राज्यों के हिंदी विरोध पर भी योगी अपना फॉमूर्ला देते हैं, उनका कहना है कि स्थानीय भाषा जरूरी है, उसकी अनदेखी नहीं की जा सकती लेकिन उसके साथ हिंदी और अंग्रेजी भी रहे, क्योंकि हिंदी तो देश की बिंदी है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने अपने सूबे की कानून व्यवस्था पर उठने वाली आवाजों का भी जवाब दिया। साफ कहा कि उनकी सरकार अपना आधा कार्यकाल पूरा कर चुकी है और इस अवधि में न तो कहीं दंगा फसाद हुआ न ही लिंचिंग की कोई घटना। उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पूरी तरह चाक चौबंद है और अब पुलिस वाले निठल्ले नहीं बैठते बल्कि अपराधियों की गोली का जवाब गोली से देते हैं।
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