भारत की प्रमुख कंज्यूमर ड्यूरेबल्स कंपनियों में एक, ऊषा इंटरनेशनल ने सबमर्सिबल पंप की ड्यूराकिंग रेंज को लॉन्च किया है। इस पेशकश से ऊषा का वॉटर पंप पोर्टफोलियो और मजबूत हो गया है। इस नई रेंज के सबमर्सिबल पंप में कोई चीज अटकने, फंसने या जाम होने का खतरा नहीं रहता। इस पंप से 35 मिमी व्यास के ठोस कण भी आसानी से निकल जाते हैं। इस रेंज में ड्यूराकिंग के 050,100, 200, 200 टी और 300 टी के सबमर्सिबल वॉटर पंप शामिल हैं।
पानी में प्रतिकूल और कठोर माहौल में लंबी सर्विस देने के कारण वॉटर पंप के उपकरणों पर सीईडी (कैथोड इलेक्ट्रो डिपोजीशन) कोटिंग की जाती है, जिससे यह वॉटरपंप जंग प्रतिरोधक बन जाते है। यह पंप मजबूत स्टेनलेस स्टील से बनाए जाते हैं। इसकी मोटर की बॉडी को थर्मल ओवरलोड प्रोटेक्शन (टीओपी) मुहैया कराया जाता है, जो मोटर की क्वॉयल को जलने से बचाता है। लंबे समय तक सालों साल चलने और ताकतवर परफॉर्मेंस के लिए निर्मित यह पंप आवासीय और कॉमर्शियल बिल्डिंग के साथ हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री के लिए विशेष रूप से प्रभावी हैं, जहां डिवाटरिंग और गंदे पानी के स्थानांतरण की काफी जरूरत होती है। इसके अलावा ड्यूराकिंग के 050, 100 और 200 आदि विभिन्न मॉडलों में फ्लोट स्विच भी दिया गया है, जिससे पानी न रहने पर सूखे चलते रहने पर पंप की सुरक्षा हो सके। पंप की यह रेंज काफी विश्वसनीय है क्योंकि इसे बनाने में बेहतरीन क्वॉलिटी के साजो-सामान का इस्तेमाल किया गया है।
ऊषा इंटरनेशनल में इलेक्ट्रिक फैंस और पंप्स के प्रेसिडेंट श्री रोहित माथुर ने नई रेंज के बारे में कहा, ह्लआजकल ड्यूराकिंग जैसे वॉटर पंपों की जरूरत बढ़ती जा रही है क्योंकि यह वर्तमान में देश में अपशिष्ट प्रबंधन की जरूरतों के बड़े हिस्से को पूरा करते हैं। भारतीय अर्थव्यवस्था में विकास की प्रकृति को देखते हुए, कॉमर्शियल और रेजिडेंशियल टाउनशिप्स दिन पर दिन विकसित होती जा रही हैं। हॉस्पिटैलिटी का भी लगातार विकास हो रहा है।
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