भुवनेश्वर। श्रीलंका उच्चायुक्त मि.आॅस्टीन फर्नाण्डो ने भुवनेश्वर स्थित विश्व के सबसे बड़े आदिवासी आवासीय विद्यालय कलिंग इंस्टीट्यूट आफ सोशल साइंसेज (कीस) का दौरा किया। वहां के कुल 27500 से भी अधिक बच्चों को संबोधित किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि विकास की एकमात्र कुंजी शिक्षा है। आदिवासी समाज आरंभ से ही विकास की मुख्य धारा से कटा और वंचित समाज रहा है। जिसका सर्वांगीण विकास मात्र उत्कृष्ट शिक्षा के माध्यम से ही संभव है। यह काम कीट-कीस के संस्थापक और लोकसभा सांसद प्रो अच्युत सामंत पिछले लगभग 25 वर्षों के बड़ी ईमानदारी, त्याग और कठोर परिश्रम से करते आ रहे हैं। उनके अनुसार आज आदिवासी बच्चों के लिए कीस हर प्रकार से उनके घर से दूर उनका अपना घर बन चुका है। यहां पर ये बच्चे अपनी आदिवासी संस्कार और संस्कृति को सुरक्षित रखकर और भारतीयता को अपनाकर अपने जीवन का सर्वांगीण विकास कर रहे हैं। उन्होंने प्रो सामंत के नि:स्वार्थ, त्यागमय और जनहित के लिए उनके समर्पित जीवन को बच्चों के लिए आदर्श बताया। उनके अनुसार प्रो सामंत आज कीट-कीस के बच्चों के ही आदर्श नहीं हैं अपितु विश्व के लाखों युवाओं और नि:स्वार्थ समाजसेवियों के भी आदर्श हैं। इस अवसर पर श्रीलंका उच्चायुक्त की पत्नी सिल्वीया फर्नाण्डो और श्रीलंका उच्चायुक्त के काउंसलर अचिनी परेरा आदि ने भी कीट-कीस का दौरा किया। आगत अपने सभी विशिष्ट मेहमान का स्वागत-सम्मान प्रो अच्युत सामंत ने बड़ी आत्मीयता के साथ किया। मौके पर कीट-कीस के सचिव आर एन दाश, कीस डीम्ड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो हरेकृष्ण सतपथी, कीट डीम्ड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो एच के महंती, कीस के सीइओ डा प्रसन्न कुमार राउतराय आदि समेत कीट-कीस के अनेक आला अधिकारीगण भी उपस्थित थे।
प्रस्तुति : अशोक पाण्डेय
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