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जी-20: ओसाका में मिलेंगे ट्रंप और शी जिनपिंग

जापान के ओसाका में जी-20 सम्मेलन का आज दूसरा और आखिरी दिन है, जहां अब से कुछ देर बाद अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच मुलाक़ात होने वाली है. दोनों देशों के बीच जारी ट्रेड वॉर की वजह से इस मुलाक़ात को काफी अहम माना जा रहा है. उम्मीद की जा रही है इस मेल-मुलाक़ात के बहाने दोनों देश ट्रेड वॉर की तल्ख़ी को कम करने की कोशिश करेंगे. पिछले साल अमरीका ने चीन के सामान पर लगभग 250 अरब डॉलर का टैरिफ़ लगाया था. इसके जवाब में चीन ने भी अमरीकी सामान पर लगभग 110 अरब डॉलर का टैरिफ़ लगाया था. चीन का आरोप है कि आर्थिक इतिहास में अब तक से सबसे बड़े ट्रेड वॉर की शुरुआत अमरीका ने की है. हाल के महीनों में दोनों देशों के बीच सुलह की कोशिशें हुई हैं लेकिन नतीजा कुछ ख़ास नहीं निकला. ओसाका में मौजूद बीबीसी संवाददाता रूपर्ट विंगफील्ड का कहना है, ''कल इस सम्मेलन के शुरू होने से पहले ही चीन और अमरीका के बीच ट्रेड वॉर का मुद्दा बाक़ी तमाम मुद्दों पर छाया रहा है. आज होने वाली मुलाक़ात से पहले दोनों देश सख़्त रवैया अपनाते रहे हैं. राष्ट्रपति ट्रंप यहां तक कह चुके हैं कि बातचीत की गाड़ी पटरी पर नहीं आई तो अमरीका, चीन के सामान पर और अधिक टैरिफ़ लगा सकता है. इसी तरह चीन भी कह चुका है कि वो अमरीका के दबाव में नहीं आएगा.'' रूपर्ट विंगफील्ड के मुताबिक, ''लेकिन आज सुबह चीन की सरकारी समाचार एजेंसी से कहा है कि दोनों देशों के बीच तनाव कम करने के लिए ये एक बेहतरीन मौक़ा है. चीन के साथ-साथ अमरीका के स्वर भी थोड़े बदले हैं, इससे उम्मीद लगाई जा रही है कि दोनों देश किसी एक बात पर सहमत हो सकते हैं.'' आज जी-20 सम्मेलन में चीन और अमरीका के ट्रेड वॉर के अलावा, ईरान के साथ हुए परमाणु समझौते और खाड़ी देशों में तनाव पर भी चर्चा होने की संभावना है. 25 सितंबर 1999 को अमरीका की राजधानी वॉशिंगटन डीसी में विश्व के सात प्रमुख देशों के संगठन जी 7 ने एक नया संगठन बनाने की घोषणा की थी. उभरती आर्थिक ताक़तों की बुरी वित्तीय स्थिति से बने चिंता के माहौल के बीच गठित इस संगठन का नाम दिया गया- जी 20. इस संगठन के गठन के समय इसका उद्देश्य था विकसित औद्योगिक देशों के साथ-साथ उभरते बाज़ारों को जोड़ना जिनमें प्रमुख थे चीन और भारत. ये संगठन कितना महत्वपूर्ण है, यह बात इसी से साफ़ हो जाती है कि इसके सदस्यों में दुनिया के लगभग सभी प्रमुख देश शामिल हैं. जी-20 के सदस्य हैं- अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राज़ील, कनाडा, चीन, फ़्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, रिपब्लिक ऑफ कोरिया, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ़्रीका, तुर्की, ब्रिटेन अमरीका और यूरोपीय संघ. विश्व अर्थव्यवस्था में ये सभी मिलकर 80 प्रतिशत जीडीपी का योगदान देते हैं. जापान के ओसाका में हो रहे जी 20 के इस सम्मेलन की थीम वैश्विक अर्थव्यवस्था, व्यापार और निवेश, नवाचार, पर्यावरण और ऊर्जा, रोज़गार, महिला सशक्तिकरण, विकास और स्वास्थ्य है. जापान में जी 20 सम्मेलन का आयोजन पहली बार हो रहा है. साभार बीबीसी हिन्दी
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