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भय्यूजी महाराज ने परिवार को नहीं, सेवादार को दे दी पूरी संपत्ति

इंदौर। हाई प्रोफाइल आध्यात्मिक गुरु भय्यूजी महाराज की मौत मामले में नया मोड़ आ गया है। इंदौर पुलिस ने कथित तौर पर उनके सुसाइड नोट का एक दूसरा पेज बरामद किया है। जो स्पष्ट रूप से पारिवारिक विवाद की ओर इशारा करता है। सुसाइड नोट के दूसरे पेज के मुताबिक भय्यूजी महाराज ने अपनी सारी संपत्ति और बैंक अकाउंट की पॉवर ऑफ अटॉर्नी अपने विश्वासी सेवादार विनायक को दे दी है। उन्होंने लिखा, मैं अपने सभी वित्तीय, संपत्ति, बैंक अकाउंट्स के लिए हस्ताक्षर करने के अधिकार विनायक को देता हूं क्योंकि मैं विनायक पर पूरा भरोसा करता हूं। मैं यह सब बिना किसी दबाव में आकर लिख रहा हूं। पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) हरिनारायणचारी मिश्र ने बताया कि भय्यूजी महाराज ने सुसाइड नोट के एक पेज में लिखा है कि वह भारी तनाव से तंग आने के कारण जान दे रहे हैं, जबकि इसके दूसरे पेज में उन्होंने अपने उत्तराधिकार को लेकर उनके एक खास सेवक पर भरोसा जताया है जो पिछले 15 साल से उनसे जुड़ा था। सीबीआई जांच की मांग के बीच पुलिस ने बुधवार को इन अटकलों पर विराम लगाने की कोशिश की कि उनकी हत्या की गई थी। डीआईजी ने मीडिया से कहा, 'मौके से मिले पक्के सबूतों और मामले की शुरुआती जांच के आधार पर हमें रत्ती भर भी संदेह नहीं है कि भय्यू महाराज ने खुद को गोली मारकर जान दी। घटना का स्वरूप और इसकी प्रकृति एकदम स्पष्ट है। उन्होंने खुदकुशी का बड़ा कदम क्यों उठाया, इसकी अलग-अलग पहलुओं पर विस्तृत जांच की जा रही है।' डीआईजी ने कहा, 'मामले की शुरुआती जांच में इस बात के संकेत जरूर मिले हैं कि वह पारिवारिक कलह के कारण तनाव में थे। लेकिन अलग-अलग सबूतों और बयानों की रोशनी में विस्तृत जांच जारी होने के चलते हम उनकी खुदकुशी के वास्तविक कारण को लेकर किसी अंतिम नतीजे पर नहीं पहुंचे हैं।' उन्होंने बताया कि घटना में जिस रिवॉल्वर का इस्तेमाल किया गया, उसे जांच के लिए अपराध विज्ञान प्रयोगशाला भेजा जा रहा है। डीआईजी ने बताया कि पता लगाया जा रहा है कि इस रिवॉल्वर का लाइसेंस किसके नाम पर है। हालांकि, भय्यूजी महाराज के पारिवारिक सदस्यों ने पुलिस को बताया है कि इस आग्नेय हथियार का लाइसेंस आध्यात्मिक सन्त के नाम पर ही जारी किया गया था। इस बीच, सोशल मीडिया पर सीसीटीवी कैमरे का 11 जून का वीडियो फुटेज सामने आया है जिसमें भय्यूजी महाराज एक महिला और कुछ अन्य लोगों के साथ एक स्थानीय रेस्तरां में दिखाई दे रहे हैं। डीआईजी ने कहा कि पुलिस की जांच में स्पष्ट हुआ है कि इस वीडियो फुटेज का भय्यूजी महाराज की आत्महत्या के मामले से कोई लेना-देना नहीं है। भय्यू महाराज अपनी पारिवारिक मित्र की संतानों के एक शिक्षण संस्थान में दाखिले के सिलसिले में मदद के लिए रेस्तरां पहुंचे थे। भय्यूजी महाराज को अंतिम विदाई देने इंदौर पहुंचे उनके कुछ भक्तों ने अपने गुरु की साजिशन हत्या का संदेह जताते हुए मामले की सीबीआई जांच की मांग की है। संत की मौत को लेकर उठे अलग-अलग सवालों के बीच प्रदेश कांग्रेस पहले ही मांग कर चुकी है कि उनकी खुदकुशी के मामले की सीबीआई जांच कराई जाए। (एजेंसी इनपुट के साथ)
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