नई दिल्ली। गुरुवार शाम कांग्रेस पार्टी के महासचिव गुलाम नबी आजाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करा नसीमुद्दीन को पार्टी की सदस्यता ग्रहण कराई। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) में पार्टी सुप्रीमो मायावती के बाद एक जमाने में नंबर 2 का ओहदा पाने वाले उनके करीबी और कद्दावर नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने गुरुवार को कांग्रेस का हाथ थामा। यह कदम उन्होंने बसपा से अपने निष्कासन के बाद उठाया है। नसीमुद्दीन को जब पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया गया था, तब वह पार्टी में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रभारी थे। पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सिवाल खास और गाजियाबाद सीट के प्रत्याशियों के सदस्यता शुल्क जमा न होने और इन इलाकों के कुछ अन्य मामले ही उनके बसपा से निष्कासन का कारण बने थे। कांग्रेस पार्टी में शामिल होने के बाद लेकिन उनसे एक गलती हो गई। जल्दबाजी में नसीमुद्दीन ने कहा कि वह बसपा में आ गए हैं। वैसे बाद में उन्होंने अपनी इस गलती के लिए माफी मांग ली थी। नसीमुद्दीन ने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करने के दौरान गुलाम नबी आजाद के साथ पार्टी के बाकी नेताओं का शुक्रिया अदा किया।
सिद्दीकी ने इस मौके पर कहा, “मैं आभार व्यक्त करता हूं कि मुझे देश की सबसे बड़ी पार्टी में जगह मिली है, जिसने देश को आजाद कराने में अहम किरदार निभाया था।” नसीमुद्दीन ने अपनी गलती पर कहा कि लंबा समय उन्होंने बसपा में बिताया है। ऐसे में इसे सुधारने में 34 मिनट तो लगेंगे। कांग्रेस में आने के बाद वह राष्ट्रीय बहुजन मोर्चा का कांग्रेस में विलय कर रहे हैं। बकौल सिद्दीकी, “दिलो-दिमाग में बसपा ही है, इसलिए मैं गलती से कांग्रेस के बजाय उसका नाम ले बैठा। आप सभी से माफी चाहूंगा।” पार्टी का नाम उनके दिमाग और जुबान पर इस कदर बसा और रटा था कि वह दोबारा गलती कर बैठे। सिद्दीकी ने आगे कहा, “हमारे बाप-दादाओं के दिल में बसपा रही है।” बता दें कि यह पर वह कांग्रेस का जिक्र करना चाह रहे थे, लेकिन गलती से वह बसपा का नाम ले बैठे। हालांकि, कांग्रेस महासचिव गुलाम नबी आजाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के बीच में सिद्दीकी की गलती पर उनका बचाव किया। मजाकिया अंदाज में वह बोले कि अभी एक महीने तक माफ है। सिद्दीकी इस पर बोले कि अभी माफी दे दी। सिद्दीकी के पार्टी में शामिल होने के अलावा कुछ अन्य नेता भी बसपा का दामन छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए हैं। गुरुवार शाम को कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी ने उन सभी से मुलाकात की। साभार जनसत्ता
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