जबलपुर। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने एक बार फिर बागी तेवर दिखाते हुए दावा किया कि आज की भाजपा वह भाजपा नहीं रह गई है जो अटल बिहारी वाजपेयी एवं लाल कृष्ण आडवाणी के जमाने में थी। सिन्हा ने संवाददाताओं से कहा, ”आज जो भाजपा है वह अटल जी एवं आडवाणी जी की भाजपा नहीं है।” उन्होंने कहा, ”अटल जी एवं आडवाणी जी के काम करने का जो तरीका था, जो शैली थी, वह बिलकुल भिन्न थी।” सिन्हा ने कहा कि एक साधारण कार्यकर्ता जबलपुर से जाकर भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष आडवाणी से पहले से समय लिए बिना मिल सकता था। लेकिन आज वह व्यवस्था बदल गई है। सिन्हा ने बताया, ”मैंने 13 माह पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलने के लिए समय मांगा था। वह समय हमें आज तक नहीं मिला है।” उन्होंने कहा, ”चूंकि समय नहीं मिला, तो मैंने तय किया है कि अब मैं सरकार में बैठे किसी भी व्यक्ति से बात नहीं करूंगा। बात होगी तो सार्वजनिक तौर पर होगी। बंद कमरे में नहीं होगी।” उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष में रहते हुए भाजपा ने जिन मुद्दों का विरोध किया था, सरकार में आने के बाद उन मुद्दों को स्वीकार कर रही है।
सिन्हा ने बताया कि देश में किसानों की कोई पूछ नहीं हो रही है। मध्य प्रदेश में भी किसानों के हालात ठीक नहीं हैं। किसानों को उनकी उपज के वाजिब दाम दिलाने के लिए मध्य प्रदेश सरकार द्वारा हाल ही में शुरू भावांतर योजना एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की फसल बीमा योजना को सिन्हा ने झुनझुना करार दिया। उल्लेखनीय है कि पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने कुछ दिनों पहले पटना में नोटबंदी और जीएसटी को पूरी तरह असफल बताते हुए कहा था कि वित्तमंत्री अरुण जेटली ने जीएसटी लागू करने में अपने दिमाग का इस्तेमाल नहीं किया। उन्होंने कहा था, “नोटंबदी के बाद 20 लाख लोगों की नौकरी खत्म हो गई। अब सरकार नोटबंदी को सफल बताने के लिए झूठ का सहारा ले रही है।” पटना में एक कार्यक्रम में भाग लेते हुए सिन्हा ने कहा था, “नोटबंदी का उद्देश्य पूरा नहीं हुआ है और कोई कालाधन भी वापस नहीं आया है, बल्कि 99 फीसद करेंसी वापस आ गई है।” साभार जनसत्ता
राजीव रंजन तिवारी (संपर्कः 8922002003)
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