लाहौर। कुलभूषण जाधव की उनकी मां और पत्नी से मुलाकात के बाद मंगलवार को भी पाकिस्तान की मीडिया में यह मुद्दा छाया रहा। हालांकि निष्पक्षता का दावा करने वाले वहां के ज्यादातर अखबार, टीवी, वेबसाइट और मीडिया संस्थानों ने अपनी सरकार की ही भाषा बोली। उन्हें न इस मुलाकात के दौरान में बीच रखी गई शीशे की दीवार में अमानवीयता दिखी और न दोनों महिलाओं के कपड़े बदलवाने पर कोई सवाल उठाया गया। पाकिस्तान मीडिया ने इस मुलाकात को अपने देश की शानदार डिप्लोमेसी का प्रतीक बताया।
पाकिस्तान के द इंटरनेशनल न्यूज ने कुलभूषण की मां और पत्नी की भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात की खबर को प्रमुखता से ली। वहीं लेखक और पत्रकार आमिर गौरी ने इस अखबार में लिखे अपने लेख में पाकिस्तान की डिप्लोमेसी की तारीफ की। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने क्रिसमस और जिन्ना के जन्मदिन जैसे पाक दिन को इस मुलाकात के लिए चुना। बीच में मौजूद शीशे की दीवार और कैमरों को भी जरूरी बताया। उनका कहना था कि मुद्दा संवेदनशील है। इसलिए यह सब जरूरी है।
द नेशन ने पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के उस बयान को प्रमुख से लिया जिसमें कहा गया कि जाधव को फांसी देने से पाकिस्तान के लिए ठीक नहीं होगा। उसे जीवित रहने से यह केस चलता रहेगा। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने जाधव के मुलाकात के लिए पाकिस्तान का शुक्रिया अदा करने की खबर प्रकाशित की। डॉन ने सुषमा और कुलभूषण के परिवार की मुलाकात को प्रमुख से प्रकाशित किया। पाकिस्तानी मीडिया ने भारतीय सेना के सर्जिकल स्ट्राइक जैसे हमले को भी जाधव के परिवार की मुलाकात से जोड़ा। कई अखबारों ने कटाक्ष करते हुए लिखा कि यह हमारी मानवीयता पर भारत का जवाब है।
साभार अमर उजाला
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