सूरत (गुजरात)। नोटबंदी की पहली बरसी यानी 08 नवम्बर को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने गुजरात के सूरत पहुंचकर व्यापारियों और कामगारों का हाल जाना। राहुल ने वहां के कई व्यापारियों और कामगारों से मुलाकात की। उन्होंने नोटबंदी और जीएसटी से हुए नुकसान को लेकर उनकी शिकायतें सुनीं। राहुल ने एक कार्यक्रम में शहर के व्यापारियों को संबोधित करते हुए मोदी सरकार की नीतियों पर निशाना साधा। राहुल ने कहा कि मोदी सरकार ने अगर बड़े उद्योगपतियों पर खर्च की गई रकम का 15 फीसद भी सूरत में लगा देती तो आज यहां की तस्वीर ही कुछ और होती। राहुल ने कारोबारियों को भरोसा दिलाते हुए कहा, “मैं वही वादा करता हूं जो पूरा कर सकता हूं। मैं एक बार जब कुछ ठान लेता हूं तो फिर उससे पीछे नहीं हटता।” उन्होंने कहा कि ‘’हमने कई बार केंद्र सरकार से अपील की थी कि जीएसटी के 5 स्लैब नहीं हो सकते। जीएसटी का स्लै ब अधिक से अधिक 18 फीसदी तक होना चाहिए। हमारा मानना है कि जीएसटी में सुधार की बहुत जरूरत है। केंद्र सरकार ने हमारी एक भी बात नहीं सुनी।”
8 नवंबर का पूरा दिन राहुल ने सूरत के कारोबारियों और कामगारों के साथ बिताया। उन्होंने शहर के कई उद्योगों का जायजा लिया और वहां के कारोबारियों और कर्मचारियों से उनकी परेशानियां समझने की कोशिश की। इससे पहले दिन में राहुल ने एम्ब्रॉयडरी वर्कर्स से मुलाकात की। जहां महिला एम्ब्रॉयडरी वर्कर्स ने उन्हें अपनी समस्याओं के बारे में बताया। राहुल से मिलकर वर्कर्स काफी खुश हुए। सूरत पहुंचने के बाद राहुल ने सबसे पहले धागा उद्योग से जुड़े लोगों के एक समूह के साथ अनौपचारिक बैठक की। बैठक के दौरान उद्योग से जुड़े लोगों ने नोटबंदी और जीएसटी के बाद होने वाली परेशानियों के बारे में राहुल गांधी को बताया। इस दौरान राहुल गांधी ने जीएसटी के मुद्दे पर केंद्र सरकार को पूरी तरह से विफल बताया। इसके बाद बुधवार के दिन राहुल दिन भर सूरत के अलग-अलग हिस्सों में स्थित उद्योगों का जायजा लेने गए। उन्होंने नोटबंदी और जीएसटी की वजह से बंद हो चुकी और बंदी की कगार पर पहुंच चुकी कई मिलों का दौरा किया। उन्होंने मिल मालिकों और वहां के कर्मचारियों से बातचीत की और उनकी परेशानी को समझने की कोशिश की। उसके बाद राहुल सूरत के फूलपड़ा स्थित बालकृष्ण सिंथेटिक्स कपड़ा मिल का जायजा लेने पहुंचे। यहां उन्होंने वहां काम कर रहे कर्मचारियों से काम में आने वाली परेशानियों और अन्य समस्याओं के बारे में जानकारी ली।
इसके बाद राहुल गांधी सूरत के साई संत सिल्क मिल पहुंचे। जहां उन्होंने मिल के अधिकारियों और कर्मचारियों से मुलाकात की। मिल के अंदर जाकर राहुल गांधी ने मशीन के बारे में भी जानकारी ली और वहां काम कर रहे कर्मचारियों से भी बातें कीं। इसके बाद राहुल सूरत के प्रसिद्ध हीरा कारोबार के केंद्र कपोडरा पहुंचे और हीरा उद्योग से जुड़े व्यापारियों और कर्मचारियों की परेशानी सुनी। वहां हीरा तराशने का काम करने वाले कर्मचारियों ने उन्हें अपने काम के बारे में जानकारी दी। उसके बाद राहुल ने भी कुछ हीरे तराशने की कोशिश की। नोटबंदी से सूरत के हीरा उद्योग को भी बहुत झटका लगा है। नोटबंदी और जीएसटी के मुद्दे पर राहुल गांधी लगातार मोदी सरकार को घेर रहे हैं। सूरत नोटबंदी और जीएसटी की मार से संभवतः सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाला शहर है। नोटबंदी के बीद जीएसटी ने तो जैसे यहां के व्यातपारियों की कमर ही तोड़ दी। जिसके बाद से यह शहर नोटबंदी और जीएसटी के विरोध का सबसे बड़ा केंद्र बनकर उभरा है। इसीलिए नोटबंदी की बरसी पर सूरत पहुंचकर कांग्रेस उपाध्यक्ष ने मोदी सरकार को आईना दिखाने की कोशिश की। अपने दिन भर के व्यस्त कार्यक्रम में राहुल ने सूरत के कई उद्योगों का दौरा किया। उन्होंने कपड़ा, एम्ब्रॉयडरी, डाइंग, हीरा, साड़ी आदि मिलों का दौरा किया और वहां के कर्मचारियों से मिले। इस दौरान राहुल गांधी ने कहा कि गुजरात का सूरत शहर चीन से मुकाबला कर रहा था, लेकिन जीएसटी, नोटबंदी ने तस्वीर बिगाड़ दी। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने बेरोजगारी की वजह से लोगों में उपजे गुस्से को सांप्रदायिकता की तरफ मोड़ दिया। इससे पहले बुधवार की सुबह नोटबंदी की बरसी पर राहुल ने एक फोटो के साथ एक शेर ट्वीट किया। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, “एक आंसू भी हुकूमत के लिए खतरा है, तुमने देखा नहीं आंखों का समुंदर होना।” इस शेर के साथ नोट बदलने के लिए लाइन में लगे एक बूढे़ की पुरानी तस्वीर शेयर कर राहुल ने मोदी सराकर को लोगों को हुई परेशानी का एहसास कराने की कोशिश की। साभार नवजीवन
राजीव रंजन तिवारी (संपर्कः 8922002003)
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