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यशवंत सिन्हा का पीएम मोदी पर पलटवार, 'अर्थव्यवस्था के चीर-हरण पर चुप नहीं रहूंगा'

नई दिल्ली। मोदी सरकार पर लगातार हमलावर रहे यशवंत सिन्हा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बुधवार को दिए भाषण के बाद एक बार फिर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि पीएम ने अर्थव्यवस्था पर आगे आकर राय दी है यह खुशी की बात है। सिन्हा ने आक्रामक तेवर नहीं दिखलाए लेकिन साफ कर दिया कि अर्थव्यवस्था को लेकर चुनौतियां हैं और वह इस पर बोलते रहेंगे। वाजपेयी सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके यशवंत सिन्हा ने कहा कि यह महत्वपूर्ण नहीं है कि हम आशावादी है कि निराशावादी। हमने या कुछ और लोगों ने जिन मुद्दों को उठाया जरूरी है कि सरकार उन पर गंभीरता से विचार करे। देश और अर्थव्यवस्था के सामने जो संकट है उसे दूर किया जाए। पूर्व वित्त मंत्री ने कहा, 'मुझे इस बात की खुशी है कि अर्थव्यवस्था पर चर्चा शुरू हुई। अगर प्रधानमंत्री ने स्वयं देश की जनता के सामने कुछ बातें रखी हैं तो यह स्वागत योग्य है। पीएम ने जो आंकड़े दिए उस पर मुझे यही कहना है कि आंकड़ों का खेल खतरनाक होता है। 6 तिमाही से विकास दर नीचे आ रहा है। 2019 में चुनाव में जाएंगे तो लोग ये नहीं पूछेंगे कि UPA की तुलना में कैसा काम किया? लोग पूछेगे कि जो वादे किए थे वो पूरे हुए या नहीं।' कभी बीजेपी के कद्दावर नेता रहे यशवंत सिन्हा ने पीएम के शल्य वाले उदाहरण पर कहा कि महाभारत में हर प्रकार के चरित्र हैं। उन्होंने कहा, 'शल्य कौरवों के पक्ष में कैसे गए सब जानते हैं। नकुल-सहदेव के मामा शल्य दुर्योधन की ठगी के शिकार हो गए। महाभारत में एक और अच्छा चरित्र हैं भीष्म पितामह का। उन्हें आज भी इतिहास में द्रौपदी के चीर हरण के वक्त खामोश रहने के लिए दोषी माना जाता है। अर्थव्यवस्था के चीर-हरण के वक्त मैं खामोश नहीं रहूंगा।' पीएम के ईपीएफ में अधिक लोगों के शामिल होने पर उन्होंने कहा, 'पीएम ने एक फिगर कोट किया कि EPF में इतने नए लोग शामिल हो गए हैं। जब विस्तार में जाते हैं तो पता चलेगा कि जो लोग EPF में शामिल नहीं थे और 2009 से रोजगार में शामिल थे उन्हें EPF में शामिल किया गया। यह रोजगार सृजन नहीं हुआ है।' पूर्व वित्त मंत्री ने कहा, 'मैं कोई सलाह नहीं दूंगा न खुद को उसके काबिल समझता हूं। वित्त मंत्री न रहा होता तो सलाह देने का उत्साह होता। मैंने जो किया उसका सरकार में लोग अध्ययन करें और उन्हें बहुत से जवाब मिलेंगे। सारे वादों पर हम खरे नहीं उतर रहे हैं। भारतीय अर्थव्यवस्था 8 फीसदी के विकास दर से बढ़ेगी तो 21 वर्ष लगेंगे गरीबी से छुटकारा पाने में। कई क्षेत्रों में रोजगार पहले की तुलना में घटा है।' यशवंत सिन्हा ने पिछले दिनों 2019 में ज्यादा सीटें जीतने के दावे पर कहा कि मोदी लहर है नहीं है मुझे पता नहीं अभी 1.5 साल का वक्त है। आज से 1.5 साल बाद क्या स्थिति रहेगी कहना मुश्किल है। हमारी शुभकामनाएं है ज्यादा सीटें लेकर आने के लिए। यशवंत सिन्हा का कहना है कि पार्टी अगर उनके खिलाफ एक्शन लेती है तो वो उनकी ज़िन्दगी का सबसे अच्छा दिन होगा. पिता-पुत्र के बीच विवाद बनाकर असल मुद्दे को भटकाने की कोशिश हुई, लेकिन हो ना सका फिर ब्रिक्स में पद पाने की चाहत का झूठा आरोप लगाया गया. वो सब कुछ चला नहीं. अगर चला होता तो उनको लंबा भाषण नहीं देना पड़ता. हालांकि प्रधानमंत्री का सीधे नाम लेने से बचते दिखे. इसके अलावा बीजेपी नेता ने कहा कि ऐसा कोई आगरा फोर्ट नहीं बना है, जहां मुझे बंद रखा जाए. आज बीजेपी में पर्सनालिटी डोमिनेटिंग फेज है, जो वक्त के साथ गुज़र जाएगा. मैंने पार्टी को खून पसीने से सींचा है, ये मेरी भी उतनी ही है, जितनी किसी और की. मेरे लिए वैल्यू पहले है.
इकोनॉमी पर पीएम की सफाई, आएंगे अच्छे दिन! 
जिसका हमें था इंतजार वो घड़ी आ गई। कई दिनों से बल्कि हफ्तों या महीनों से लोग इंतजार कर रहे थे, कुछ कह भी रहे थे कि प्रधानमंत्री मोदी जवाब क्यों नहीं देते। यशवंत सिन्हा के पत्र के बाद तो ये आवाज़ काफी तेज हो गई थी। तो आज प्रधानमंत्री मोदी ने जवाब दे दिया। और जवाब भी काफी करारा दिया। उन्होंने तरह तरह के आंकड़े गिनाए, आलोचकों पर सवाल उठाए, शल्यवृत्ति का आरोप लगाया और ये भी कहा कि 2022 में भारत की आज़ादी की पचहत्तरवीं जयंती तक इस देश को टैक्स कंप्लाएंट सोसाइटी बनकर दिखाना होगा। प्रधानमंत्री कंपनी सेक्रेटरीज़ के समारोह में भाषण दे रहे थे। उन्होंने चार्टर्ड एकाउंटेंटों की तरह इस बिरादरी को भी सवालों के घेरे में खड़ा किया, लेकिन फिर भी जमकर तालियां बटोरीं। सवाल ये है कि आज मोदी ने जो जवाब दिया वो कितना घड़ी आ गई। ईमानदारी की नसीहत से शुरूआत करते हुए उन्होंने ग्रोथ पर विपक्ष के सवालों का भी करारा जवाब दिया। उन्होंने विपक्ष पर भी पलटवार किया और कहा कि एक तिमाही में ग्रोथ गिरने से कुछ लोगों को मौका मिल गया है लेकिन जल्द ही ग्रोथ पटरी पर आएगी और विरोधियों को खुद जवाब मिल जाएगा। आईसीएसआई यानी इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज ऑफ इंडिया की गोल्डन जुबली समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी और जीएसटी पर बात की। पीएम मोदी ने 8 नवंबर को भ्रष्टाचार मुक्ति का प्रारंभ दिवस बताया। सरकार की उपलब्धियां गिनवाते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार में सभी कंपनियों से कानून का पालन करने की अपील करते हुए कहा कि देश का कॉरपोरेट कल्चर कैसा हो वह कंपनियां तय करती है। जरुरत है कि इस कॉरपोरेट कल्चर मजबूत हो उसके लिए कंपनियों को पारदर्शिता बनाए रखनी होगी। उन्होंने आगे कहा कि देश के विकास में योगदान देने वालों को नमन करता हूं। कुछ तत्व देश को कमजोर करने का काम करते हैं। लेकिन मौजूदा सरकार ने कालेधन के खिलाफ कठोर ब्लैकमनी एक्ट बनाया और नोटबंदी, जीएसटी को लागू करने की हिम्मत दिखाई है। मौजूदा समय में ब्लैकमनी के लेनदेन पर अब लोग 50 बार सोचते हैं। इकोनॉमी पर बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि इकोनॉमी ठीक रास्ते पर है लोगों में बेवजह निराशा फैलाई जा रही है। कालेधन को लेकर सबसे ज्यादा काम किया गया। उन्होंने आगे कहा कि सिर्फ 1 तिमाही से ग्रोथ का अनुमान लगाना गलत है। अगली तिमाही में ग्रोथ की रफ्तार अपने पटरी पर वापस लौटेगी। निर्माण पर विपक्ष पर निशाना साधा देते हुए उन्होंने आगे कहा कि पिछली सरकार ने आखिरी 3 साल में 80 हजार किमी बनाई थी और मौजूदा सरकार ने 3 साल में 1 लाख 3 हजार किमी सड़क बनाई है। साथ ही 50 फीसदी से ज्यादा ग्रामीण सड़कों का निर्माण हुआ है। पिछली सरकार ने 15000 किमी नेशनल हाइवे बनाए जबकि हमने 34 हजार किमी से ज्यादा नेशनल हाइवे बनाए। विकास पर पीएम मोदी बात करते हुए कहा कि देश की जीडीपी ग्रोथ 5.7 फीसदी तक पहुंची। साथ ही महंगाई पर असर पड़ा है। मंहगाई 10 फीसदी से ज्यादा की महंगाई 2.5 फीसदी पर आ गई है। लगभग 4 फीसदी का सीएडी 1 फीसदी के आसपास आ गया है।वहीं वित्तीय घाटा कम हुआ है और फॉरन एक्सचेंज रिसर्व बढ़ा है। 30 हजार करोड़ डॉलर से बढ़कर 40 हजार करोड़ डॉलर के पार चला गया है। अर्थव्यवस्था में सुधार आया है
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