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उत्तराखंड के युवा क्रिकेटरों का भविष्य अंधकारमय हुआः दिव्य नौटियाल


लखनऊ। अलग राज्य बने उत्तराखंड को 17 साल हो गये हैं और पिछले लगभग डेढ दशक से उत्तराखंड राज्य को क्रिकेट को मान्यता दिये जाने के अथक प्रयासों के बावजूद बीसीसीआई ने अभी तक इसे मान्यता नहीं दी है। इसका दुष्परिणाम इस पहाडी राज्य के प्रतिभाशाली होनहार युवा क्रिकेटरों को भागना पड रहा है। उन्हें दूसरे राज्यों से जाकर खेलना पडता है। कई बार तो उन्हें इसका भी अवसर नहीं मिल पाता है। यह दर्द है उत्तराखंड क्रिकेट एसोसियेशन (यूसीए) के निदेशक व सचिव दिव्य नौटियाल का, जो आज ‘expressnews7.com‘ से बात करते समय छलक आया था। इनका कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के भी यूसीए को मान्यता दिये जाने के आदेश के बाद भी बीसीसीआई अपनी मनमर्जी से ही काम कर रहा है। आरोप है कि इसके बदले बीसीसीआई ने वर्ष 2016 में सुप्रीम कोर्ट को एक रिपोर्ट भेजकर गुमराह कर दिया था कि उसके आदेश का अनुपालन करते हुए मान्यता दे दी गयी है। इसका जमीनी हकीकत से कुछ भी लेना देना नहीं है। सच तो यह है कि उत्तराखंड क्रिकेट आज भी उत्तर प्रदेश की बैशाखी पर ही चल रहा है। नतीजतन, इस वर्ष भी यहां के क्रिकेटरों को राज्य से रणजी में खेलने का अवसर नहीं दिया जा सका है। उत्तराखंड क्रिकेट आज भी उत्तर प्रदेश की बैशाखी पर ही चल रहा है। एक प्रश्न के उत्तर में इनका कहना रहा है कि 2000 में कंपनी एक्ट 1956 के तहत एसोसियेशन का विधिवत गठन किया गया है। 29 अगस्त 2009 में यूसीए के पदाधिकारियों ने बीसीसीआई की मान्यता समिति को सारे अपेक्षित प्रामाणिक दस्तावेज भी दे दिये थे। इसके अलावा वह प्रतियोगिताओं का नियमित आयोजन भी करती चली आ रही है। प्रदेश के सभी 13 जिलों के क्रिकेट एसोसियेशनों से यह जुडी हुई भी है। इसके बावजूद बीसीसीआई ने इस राज्य के होनहार प्रतिभाशाली क्रिकेटरों क भविष्य पर ग्रहण लगा रखा है। मान्यता मिल जाने पर देश की सभी प्रतिष्ठित क्रिकेट प्रतियोगिताओं में सूबे की टीम उतर सकेगी। पता चला है कि उत्तराखंड में कुछ अन्य क्रिकेट एसोसियेशन भी मान्यता के लिये प्रयत्नशील हैं। इनकी आपसी गुटबाजी भी मान्यता न मिल पाने की एक वजह हो सकती है। इसे सुलझाने के लिये बीसीसीआई ने मान्यता समिति के सदस्य अंशुमन गायकवाड और प्रकाश दीक्षित को भेजा भी था। लेकिन, यहां के सभी क्रिकेट एसोसियेशनों की आपसी खींचतान के कारण उन्हें कामयाबी नहीं मिल सकी। मान्यता मिल जाने पर देश की सभी प्रतिष्ठित क्रिकेट प्रतियोगिताओं में सूबे की टीम उतर सकेगी। दिव्य नौटियाल का आरोप है कि बीसीसीआई अपनी मनपसंद के एसोसियेशन को ही मान्यता देना चाहता है। इसलिये ‘ऊपर‘ के इशारे पर ही उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसियेशन में 12वां जोन बना कर रखा गया है। इस समस्या के निराकरण के लिये अभिमन्यु क्रिकेट अकादमी के आर.पी.ईश्वरन, तनिष्क क्रिकेट अकादमी के त्रिवेंद्र सिंह रावत और यूनाइटेड क्रिकेट एसोसियेशन के राजेंद्र पाल और आलोक गर्ग यूसी ए के निदेशक बन गये हैं। इससे बीसीसीआई को मान्यता देने में किसी भी प्रकार की अडचन नहीं होनी चाहिये। इसके बावजूद, अडंगा लगा रखा गया है। बीसीसीआई की मान्यता के बावजूद, इसी महीने रणजी मैच की जिम्मेदारी उ0प्र0 किकेट एसोसियेशन से संबद्ध देहरादून क्रिकेट एसोसियेशन को दे दी गयी है। आरोप है कि सारे नियमों की धज्जियां उडाते हुए 70 साल के पी.सी.वर्मा को इसका पदाधिकारी बनाया गया है। इन पर राजीव शुक्ल का वरदहस्त बताया जाता है। इन्होंने क्रिकेट ऐसोसियेशन आफ उत्तर प्रदेश के सचिव के पद पर अपने साहबजादे को बैठा रखा है।  
यूसीए ने मुख्यमंत्री की पहल का स्वागत किया 
देहरादून में उत्तराखण्ड राज्य क्रिकेट को बीसीसीआई से पूर्ण सदस्यता दिलाने के बाबत मुख्यमंत्री द्वारा आहूत बैठक का उत्तराखण्ड क्रिकेट एसोसिएशन ने स्वागत किया है। उत्तराखण्ड क्रिकेट एसोसिएशन (यूसीए) के सचिव दिव्य नौटियाल ने बताया कि, उत्तराखण्ड राज्य क्रिकेट को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) से पूर्ण मान्यता दिलाने के लिये मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत जी ने आगामी 15 अक्टूबर 2017 को प्रदेश की चार क्रिकेट एसोसिएशनों को बैठक हेतु बुलाया है। उत्तराखण्ड क्रिकेट एसोसिएशन (यूसीएस) को भी बैठक हेतु आमंत्रित किया गया है। दिव्य नौटियाल ने बताया कि, पिछले 17 वर्षों से उत्तराखण्ड राज्य क्रिकेट को बीसीसीआई से मान्यता का मामला लटका हुआ है। मुख्यमंत्री द्वारा आहूत बैठक से पूर्व वर्ष 2009 एवं 2015 में बीसीसीआई ने मान्यता के मामले को सुलझाने के लिये प्रदेश की चारों एसोसिएशनों (उत्तराखण्ड क्रिकेट एसोसिएशन (यूसीएस), क्रिकेट एसोसिएशन, यूनाइटेड क्रिकेट एसोसिएशन एवं उत्तरांचल क्रिकेट एसोसिएशन) को बुलाया था, लेकिन मान्यता का मामला हल नहीं हो पाया था। यूसीए सचिव दिव्य नौटियाल ने उम्मीद जताई है कि, मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत द्वारा आहूत बैठक में पूर्ण मान्यता का लंबित मुद्दा हल होगा। और उत्तराखण्ड राज्य क्रिकेट को बीसीसीआई से पूर्ण मान्यता प्राप्त होगी। नौटियाल ने आगामी 24 अक्टूबर 2017 को प्रदेश में आयोजित हो रहे रणजी ट्राफी मैच के लिये यूसीए की ओर से हर प्रकार की मदद व सहयोग का एलान किया है।साभार
राजीव रंजन तिवारी (संपर्कः 8922002003)
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