नई दिल्ली। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेसी नेता अशोक चव्हाण ने इंडिया टुडे के कंसल्टिंग एडिटर राजदीप सरदेसाई और एनडीटीवी के जाने-माने वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार को मिल रही जान से मारने की धमकियों के मद्देनजर दोनों की सुरक्षा के प्रति चिंता जताई है। इतना ही नहीं उन्होंने गृह मंत्री राजनाथ सिंह को एक पत्र लिखकर दोनों को सुरक्षा देने की मांग की है। 28 सितंबर को लिखे इस पत्र में चव्हाण ने लिखा, ‘इंटरनेट पर सक्रिय रहने वाला एक समुदाय (नेटिजंस) दोनों के विचारों से इत्तेफाक नहीं रखता, इसलिए यह समुदाय इन्हें धमकियां दे रहा है।’ चव्हाण ने इसे खतरनाक प्रवृत्ति बताते हुए कर्नाटक की पत्रकार गौरी लंकेश और तर्कवादी नरेंद्र दाभोलकर, एमएन कलबुर्गी और गोविंद पानसरे की हत्या का जिक्र किया। चव्हाण ने लिखा कि पत्रकारों पर हमला लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ पर सीधा हमला है।
चव्हाण ने लिखा है, ‘भारतीय संसद में बैठने वाले हम सभी चुने हुए जन-प्रतिनिधियों के लिए ये हत्याएं स्वतंत्र भारत के इतिहास का शर्मनाक अध्याय हैं। राजदीप सरदेसाई और रवीश कुमार लोकतांत्रिक ढंग से अपना काम कर रहे हैं। इस तरह की धमकी देकर उनकी आवाज को खामोश कराना बिलकुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और पार्टी लाइन से आगे जाकर भी इसका विरोध होगा। चव्हाण कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख हैं। चव्हाण ने राजनाथ सिंह दोनों पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग की है ताकि दोनों वरिष्ठ पत्रकारों को कोई शारीरिक क्षति न पहुंचा सके। चव्हाण ने दोनों को धमकी देने वाले कट्टरपंथी प्रतीत होने वाले लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की भी मांग की है। चव्हाण ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली राजग सरकार से कोई और शर्मसार करने वाली घटना होने से पहले कदम उठाने की अपील की है। गौरतलब है कि अशोक चव्हाण का पत्र ऐसे समय पर आया जब एक दिन पहले ही वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुला खत लिखकर कुछ लोगों से अपनी जान का खतरा बताया और इसकी जांच कराने की मांग भी की है।
- Blogger Comments
- Facebook Comments
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
0 comments:
Post a Comment
आपकी प्रतिक्रियाएँ क्रांति की पहल हैं, इसलिए अपनी प्रतिक्रियाएँ ज़रूर व्यक्त करें।