
ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली पुष्पा सेल्स पर नया आरोप
एईएस प्रभावित पूर्वांचल के नौ जिलों में 10 पीआईसीयू का संचालन 2014 से शुरू किया गया। वहां लगने वाले सामान से लेकर टेक्निकल सर्पोट का ठेका पुष्पा सेल्स प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया। पीआईसीयू (पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट) की मशीनों के संचालन व रखरखाव के लिए कम्पनी ने 40 ऑपरेटर व 10 टेक्नीशियन की तैनाती की थी। बुधवार को निरीक्षण के लिए जिला अस्पताल बस्ती पहुंचीं प्रमुख सचिव रेणुका कुमार को कर्मियों ने बताया कि उनसे 13 हजार रुपए प्रतिमाह वेतन भुगतान का अनुबंध कराने के बाद भी चार हजार रुपए का भुगतान नगद किया जा रहा है। उनका पीएफ भी नहीं जमा कराया गया है। मार्च 2017 में ठेका समाप्त होने के बावजूद वह पुष्पा सेल्स के अधिकारियों के आश्वासन पर मरीजों के हित में चार माह से बगैर वेतन के काम कर रहे हैं। यही हाल अन्य जनपदों में भी है। इस पर प्रमुख सचिव काफी नाराज हुईं। उन्होंने अधिकारियों से पूछा कि जब खाते में भुगतान का नियम है तो फिर कैश भुगतान कैसे किया जा रहा है। उन्होंने साथ में मौजूद डीएम अरविंद कुमार सिंह को पुष्पा सेल्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराकर पूरे मामले की जांच कराने का निर्देश दिया। प्रमुख सचिव के रुख से स्वास्थ्य महकमे में खलबली मची।
सरकारी डाक्टरों पर कसा शिकंजा
गोरखपुर के सहजनवां तहसील दिवस में शामिल होने के बाद अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा व जिले के नोडल अधिकारी संजय अग्रवाल ने बुधवार शाम विभिन्न विभागों के कार्यों की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने सबसे ज्यादा जोर स्वास्थ्य सेवाओं पर दी। उन्होंने कहा कि अगर किसी ने भी बाहर की दवा लिखी तो उसे दिक्कत उठानी पड़ेगी। उन्होंने बिजली आपूर्ति को चुस्त-दुरुस्त बनाए रखने के लिए भी जोर दिया। कमिश्नर सभागार में आयोजित बैठक के दौरान नोडल अफसर ने सीएमओ को मरीजों के बेहतर इलाज और हर सीएचसी, पीएचसी पर चिकित्सकों की उपस्थिति व दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने कहा कि अगर बजट की कमी सामने आए तो तुरंत बजट की मांग करें। मरीजों को जो भी दवाएं लिखी जाएं उनमें प्रत्येक तीन दिन पर दवाओं का सत्यापन भी कराया जाए। इंसेफेलाइटिस प्रभावित गांवों में नियमित फागिंग, छिड़काव, साफ सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। सिंचाई विभाग की समीक्षा के दौरान जिले में खराब 37 नलकूपों को तत्काल ठीक कराकर शुरू कराने की बात कही। विद्युत विभाग के अफसरों को निर्देशित किया कि ग्रामीण क्षेत्रों में 48 घंटे के भीतर खराब ट्रांसफॉर्मर बदल दिए जाएं। 135 ट्रांसफॉर्मरों के 90 घंटे बाद भी नहीं बदले जाने पर नाराजगी भी जताई। उन्होंने गड्ढामुक्त सड़कों के सत्यापन का निर्देश देने के साथ ही कई योजनाओं की समीक्षा की। बैठक में डीएम, एसएसपी, सीडीओ समेत कई विभागों के अफसर मौजूद रहे। नोडल अधिकारी गुरुवार की सुबह 8.30 बजे सहजनवां के वसिया गांव का निरीक्षण करने जाएंगे।
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