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गुरमीत राम रहीम सिंह को बलात्कार के दोनों मामलों में 10-10 साल की सश्रम सज़ा

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नई दिल्ली। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को बलात्कार के दो मामलों में 10-10 साल की सज़ा सुनाई गई है. गुरमीत राम रहीम के वकील एसके गर्ग ने मीडिया से बातचीत में कहा कि दो मामलों में 10-10 साल सज़ा सुनाई गई हैं और ये दोनों सज़ाएं एकसाथ नहीं चलेंगी. उन्होंने बताया कि इसके साथ ही कोर्ट ने दोनों मामलों में 15-15 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया. इनमें से 14-14 लाख रुपये दोनों मामलों की पीड़िताओं को दिए जाएंगे. सीबीआई के प्रवक्ता आर.के. गौड़ ने भी बीबीसी हिंदी से गुरमीत राम रहीम को 20 साल की सज़ा मिलने की पुष्टि की है. हरियाणा में रोहतक की सुनारिया जेल के अंदर लगी विशेष अदालत में जज जगदीप सिंह ने यह सज़ा सुनाई. इससे पहले 25 अगस्त को पंचकुला में सीबीआई की विशेष अदालत ने गुरमीत राम रहीम सिंह को साल 2002 में दो महिलाओं से बलात्कार का दोषी माना था. मीडिया से बात करते हुए गुरमीत राम रहीम के वकील ने बताया कि उन्होंने अदालत से सज़ा में उदारता बरतने की अपील की थी. उन्होंने कहा, 'हमने कहा कि यह 18-19 साल पुराना केस है और इसके बाद इनके ख़िलाफ कोई मुकदमा दायर नहीं हुआ है, सज़ा भी नहीं हुई है. हमने स्वास्थ्य का भी हवाला दिया. अदालत को इनके द्वारा किए गए मानवता की भलाई के 133 कामों के बारे में भी बताया.' वकील ने कहा कि फ़ैसले को पढ़ने के बाद आगे ज़रूर हम अपील करेंगे. गुरमीत राम रहीम को सज़ा सुनाए जाने के कुछ ही मिनटों के अंदर डेरा परिसर से ग़ुस्साई भीड़ निकली और एक कार को आग लगा दी. हालांकि सिरसा प्रशासन का कहना है कि इस घटना की जांच की जा रही है. पंजाब और हरियाणा में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए 16 हज़ार अर्धसैनिक बलों और सेना के जवानों की तैनाती की गई है. अनाधिकारिक अनुमान के मुताबिक डेरा परिसर के अंदर बाबा के 15 हज़ार कट्टर समर्थक हो सकते हैं. डेरा समेत बाबा की संपत्तियों को ज़ब्त करने के आदेश पहले ही जारी किए जा चुके हैं. मगर बाबा के समर्थक संघर्ष के बिना पीछे हटने को तैयार नज़र नहीं आ रहे. हरियाणा प्रशासन ने दावा किया है कि सिरसा में आज कहीं पर भी हिंसा नहीं हुई. गुड़गांव नगर निगम के विशेष आयुक्त वी. उमा शंकर और सिरसा के आईजी ए.एस. ढिल्लों सिरसा में मीडिया के सामने आए. उन्होंने कहा कि डेरा प्रमुख को सज़ा सुनाए जाने को देखते हुए हमने पहले ही पूरे इंतज़ाम किए थे. सोमवार को डेरा के पास कार में आग लगने की घटना को लेकर सिरसा के आईजी ए.एस. ढिल्लों ने कहा, 'एसएचओ ने शुरुआती जांच में पाया है कि कुछ लड़के कार में बैठे हुए थे और हॉर्न के साथ कोई समस्या थी. जैसे ही वे बाहर निकले इसमें आग लग गई.' हालांकि, उन्होंने कहा कि मामले की जांच की जा रही है और फरेंसिक एक्सपर्ट देखेंगे कि आग अपने आप लगी या किसी ने लगाई. यह भी पता किया जा रहा है कि गाड़ी किसकी थी. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने डेरा सच्चा सौदा के अनुयायियों से कोर्ट के फैसले का सम्मान करने की अपील की है. खट्टर ने कहा, 'कोई भी व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं है, सभी को कोर्ट के फैसले का सम्मान करना चाहिए.' उन्होंने कहा कि प्रदेश में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए उचित इंतजाम किए गए हैं. यदि कोई भी व्यक्ति कानून को अपने हाथ में लेता पाया गया तो उसके ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. वी. उमाशंकर ने बताया कि कुछ लोग डेरे से निकलना चाहते थे, उन्हें डेरा प्रबंधन से बात करके जाने दिया गया है. उन्होंने कहा कि डेरे के साथ की रिहायशी कॉलोनियों में रहने वाले बाबा समर्थकों को मिला लिया जाए तो यहां करीब 5000 डेरा प्रेमी हैं. उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने हिंसा भड़काई है, उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई होगी. डेरा में कितने हथियार हैं, इस बारे में उन्होंने कहा कि कुछ हथियार डेरा के नाम पर पंजीकृत हैं तो कुछ लोगों के नाम पर. उन्होंने दावा किया कि इसकी पूरी जानकारी जुटा ली गई है. उन्होंने कहा कि शाम को जॉइंट कमांड की मीटिंग होगी, जिसमें कर्फ़्यू का आकलन किया जाएगा. हरियाणा सरकार ने उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है. इसमें मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर के साथ हरियाणा के चीफ़ सेक्रेटरी और डीजीपी भी हिस्सा लेंगे. चंडीगढ़ के स्थानीय पत्रकार रविंदर सिंह रॉबिन ने बताया है कि पंजाब सरकार ने किसी भी तरह के हालात से निपटने के लिए अपनी तरफ़ से सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम करने का दावा किया है. सिरसा में मौजूद बीबीसी संवाददाता फ़ैसल मोहम्मद अली ने बताया कि शहर में कर्फ्यू लगा है और बिना पास के घूमना मुश्किल है. शहर बंद है, इंटरनेट सेवाओं पर भी रोक लगी है और सिर्फ़ वाई-फ़ाई काम कर रहा है. शहर में अफ़वाहें भी फैल रही हैं. गाड़ी में आग लगाए जाने ख़बर फैली जो सच नहीं थी. यहां उनकी मुलाकात फ़तेहाबाद के रतिया से आए दर्शन सिंह से हुई जो डेरा के लंगर में सेवा करते हैं. वह डेरे की तरफ़ जा रहे थे मगर उनका कहना था कि सेना ने उन्हें वापस भेज दिया है. 2002 में सिरसा के स्थानीय पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या हो गई थी, जिसका आरोप डेरा पर लगा था. रामचंद्र छत्रपति के बेटे अंशुल छत्रपति के वकील लेखराज धूत ने फ़ैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा, 'अपराध को देखते हुए और कड़ी सज़ा मिलनी चाहिए थी, मगर न्याय की अपनी व्यवस्था होती है. इसलिए हम अदालत के फ़ैसले का सम्मान करते हैं.' इससे पहले शुक्रवार को गुरमीत राम रहीम सिंह को दोषी ठहराए जाने के बाद डेरा समर्थकों ने हिंसक प्रदर्शन किया था. हरियाणा सरकार के मुताबिक हालात पर काबू पाने के लिए सुरक्षाबलों की गई कार्रवाई में 38 लोगों की मौत हो गई थी और कई घायल हो गए थे. दोषी करार दिए जाने के बाद गुरमीत राम रहीम सिंह को पंचकुला से हेलिकॉप्टर के ज़रिए रोहतक जेल ले जाया गया था. पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के आदेश के बाद सज़ा सुनाने के लिए रोहतक जेल में ही ख़ास अस्थायी अदालत बनाई गई थी. डेरा समर्थकों की हिंसा की आशंका को देखते हुए रोहतक में सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए गए हैं. 25 अगस्त को भड़की हिंसा को लेकर पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार को कड़ी फटकार लगाई थी.  
बीजेपी समेत कई पार्टियां गुरमीत राम रहीम को बचाना चाहती थीं 
बीबीसी संवाददाता फैसल मोहम्मद अली ने लिखा है कि गुरमीत राम रहीम को सीबीआई जज जगदीप सिंह द्वारा सज़ा सुनाए जाने की ख़बर जैसे ही अंशुल छत्रपति को मिली उन्हें अपने पिता याद आने लगे. अंशुल के पिता रामचंद्र छत्रपति ने अपने अख़बार 'पूरा सच' में वो गुमनाम चिट्ठी छापी थी जिसमें गुरमीत राम रहीम पर एक महिला ने रेप का आरोप लगाया था. बाद में रामचंद्र छत्रपति की उनके घर में हत्या कर दी गई थी. अंशुल छत्रपति कहते हैं, ''मेरे पिता ने इस कथित संत के ख़िलाफ़ सबसे पहले सरकार, प्रशासन और समाज को अगाह करने की कोशिश की थी, लेकिन तब किसी ने उनकी ना सुनी.'' अपने पिता को याद करते हुए 30 साल के अंशुल भावुक हो रहे थे लेकिन उनकी आवाज़ में ठहराव बरकरार है. टीवी चैनल के सवालों का जवाब वो सोच समझकर दे रहे थे. अंशुल के पिता रामचंद्र छत्रपति की हत्या के मुक़दमे पर सुनवाई 16 सितंबर से पंचकुला की अदालत में शुरू होने वाली है. छत्रपति पर साल 2002 में हमला हुआ, 28 दिनों तक मौत से लड़ने के बाद सांसों ने उनका साथ छोड़ दिया. सोमवार दोपहर को 14 साल बाद कथित संत राम रहीम को रेप के दो मामलों में सज़ा सुनाई गई. अंशुल से मैंने पूछा, ''इतने लंबे संघर्ष में उनकी हिम्मत ने थकान महसूस नहीं की?'' अंशुल कहते हैं, ''हां, कई बार ये लड़ाई बहुत मुश्किल लगती थी, ये सवाल भी दिल में आता था कि क्या कभी न्याय मिलेगा!'' वो कहते हैं, ''किसी राजनीतिक दल ने हमारा साथ नहीं दिया. चाहे वो आरएनएलडी हो, बीजेपी हो या अन्य पार्टियां - सभी उसे बचाना चाहते थे, लेकिन ऐसे लोग भी थे जो शहर के थे, मीडिया समाज से थे, जिन्होंने हमारी मदद की और उससे मुझे बहुत ढांढस मिला.'' अंशुल ख़ासतौर पर अपने वकील लेखराज धोत का नाम लेते हैं, जो उनके साथ उनके घर पर मौजूद हैं और आरोप लगाते हैं कि रामचंद्र छत्रपित के 'मृत्यु के वक्त दर्ज हुए कथन' में भी फेरबदल कर दिया गया. अंशुल कहते हैं कि हमारे समाज में इस तरह की शिक्षा दी जाती है कि हमें बचपन से ही धर्म, इन बाबाओं और कथित संतों पर सवाल करना नहीं सिखाया जाता. अंशुल ने पिता का अख़बार बंद कर दिया है और वो खेती-बाड़ी का काम देखते हैं. उनका आरोप है कि अख़बार चलाना उनके लिए मुश्किल हो गया था क्योंकि कुछ लोग उसमें लगातार दिक्कतें और परेशानियां पैदा कर रहे थे. अंशुल कहते हैं कि उनकी लड़ाई अब अपने पिता को न्याय दिलवाने की है और अगर ज़रूरत पड़ी तो वे इस लड़ाई को ऊंची से ऊंची अदालत तक लड़ेंगे.  
बाबा रामदेव ने कहा धर्म के नाम पर अधर्म नहीं होना चाहिए 
योगगुरु रामदेव ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को सज़ा सुनाए जाने को एक उदाहरण क़रार दिया है. मीडिया से बात करते हुए रामदेव ने कहा, ''धर्म के नाम पर अधर्म नहीं होना चाहिए. धर्म तो जीवन का श्रेष्ठ आचरण है. ढोंग, आडंबर, पाखंड, हिंसा, क्रूरता, हत्या और बलात्कार को धर्म नहीं कहा जा सकता.'' सज़ा को लेकर बात कहते हुए उन्होंने कहा, ''कोर्ट ने जो सज़ा दी है, 15 साल तक इस पर जांच हुई है. मुझे लगता है कि देर हो सकती है मगर अंधेर नहीं है. न्याय व्यवस्था आज इतनी म़जबूत हो चुकी है कि कोई भी व्यक्ति अपराध करके बच नहीं सकता. कोर्ट ने इसका बहुत बड़ा उदाहरण पेश किया है.'' रामदेव ने कहा कि जो भी तथाकथित ताकतवर लोग हैं, वे ज़रूर इससे सीख लेंगे और पाप करने से बचेंगे. डेरा समर्थकों द्वारा किए गए हिंसक प्रदर्शनों पर बात करते हुए रामदेव ने कहा, ''आरोप हमारे ऊपर भी लगे. आरोप लगने से कोई अपराधी नहीं हो जाता लेकिन आप सच्चे हैं तो साबित करो न! और यदि आप अपराधी हैं तो जो सज़ा मिली है, उसे भुगतो. इसमें दूसरे लोगों को बीच में क्यों लाते हो?'' रामदेव ने कहा, ''मुझसे लोग प्रेम करते हैं तो मेरी पवित्रता से प्रेम करते हैं. मगर जिस दिन मैं गिर जाऊं, फिर दूसरों को उकसाऊं, आग लगाने के लिए प्रेरित करूं और उनका हिंसा में अंत हो जाए... यह तो एक अपराध के बाद दूसरा अपराध है.'' रामदेव ने गुरमीत राम रहीम को लेकर यह भी कहा कि अभी तो आगे मर्डर और नपुंसकता आदि के और केस हैं. उन्होंने कहा, ''यदि वह निर्दोष हैं तो उन्हें भयभीत नहीं होना चाहिए. मगर वह दोषी हैं, तो जो सज़ा मिले, उसे स्वीकारना चाहिए.'' साभार बीबीसी
राम रहीम की सजा को कीकू शारदा ने यूं किया सेलिब्रेट 
आज डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को यौन शोषण का दोषी मानते हुए दस साल की सजा सुना दी गई, जिसके बाद कॉमेडियन कीकू शारदा को सोशल मीडिया पर लगातार बधाईयां मिल रही हैं। गुरमीत राम रहीम की सजा से एक बार फिर सुर्खियों में आए कीकू शारदा पर दरअसल एक शो को करते दौरान एक आरोप लगा था कि उन्होंने धार्मिक भावनाओं को भड़काने का काम किया है। कीकू शारदा ने कलर्स के कॉमेडी शो 'कॉमेडी नाइट्स विद कपिल' में राम रहीम का हुलिया बनाकर उनकी फिल्म का सीन कॉपी किया था। इसके बाद राम रहीम के समर्थकों ने उन पर धार्मिक भावनाओं को भड़काने के आरोप में केस दर्ज कराया था। बाद में 1 लाख रुपये के निजी मुचलके पर कीकू को छोड़ा गया। अब तक इस पूरे मामले पर चुप्पी साधने वाले कीकू शारदा ने बाबा को सजा होने के बाद अपनी पत्नी प्रियंका के साथ एक फोटो शेयर की है, जिसमें उन्होंने बड़े ही मजाकिया अंदाज में लिखा है कि वो शांतिपूर्ण चाइनीज खाना खा रहे हैं। बता दें कि कुछ दिन पहले 'मिसेज फनीबोन' ट्विंकल खन्ना ने कीकू को सलाह देती हुई कहा था कि कीकू को किसी चाइनीज रेस्तरां में जाकर नॉन एमएसजी चाइनीज खाना खाना चाहिए। साभार अमर उजाला
“मुझे बाहों में ले लिया, विरोध पर कहा- पूरे परिवार को मरवा देंगे’’ 
डेरा सच्चा सौदा समिति प्रमुख बलात्कारी बाबा राम रहीम को आखिरकार अदालत ने 20 साल के लिए जेल भेज दिया है। 2002 के बलात्कार मामले में 15 साल बाद उसे सजा सुनाई गई है। पीड़ित साध्वी ने साल 2002 में चिट्ठी लिखकर अपने साथ हुई वारदात की जानकारी तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस को दी थी। उसके पत्र पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दिए थे। बाद में इस मामले को जांच के लिए सीबीआई को सौंपी गई थी।
पढ़िए, डेरा सच्चा सौदा की पीड़ित साध्वी की वह चिट्ठी, जो बनी राम रहीम के जेल जाने का आधार
  “श्रीमान जी, मैं पंजाब की रहने वाली लड़की हूं। पांच साल से डेरा सच्चा सौदा सिरसा में साधु लड़की के रूप में काम कर रही हूं। मेरे साथ यहां सैकड़ों लड़कियां भी डेरे में 16 से 18 घंटे तक सेवा करती हैं। हमारा यहां शारीरिक शोषण किया जा रहा है। डेरे के महाराज गुरमीत सिंह द्वारा यौनिक शोषण (बलात्कार) किया जा रहा है। मैं बीए पास लड़की हूं। मेरे परिवार के सदस्या महाराज के श्रद्धालु हैं। जिनकी प्रेरणा से साधु बनी थी। साधु बनने के दो तीन साल बाद एक दिन महाराज गुरमीत राम रहीम की खास साधु गुरुजोत ने रात 10 बजे मुझे बताया कि मुझे महाराज जी ने गुफा में बुलाया है। मैं पहली बार वहां जा रही थी। बहुत खुश थी, मुझे लग रहा था खुद परमात्मां ने बुलाया है। अंदर जाकर मैंने देखा कि महाराज बेड पर बैठे हैं। वहां पर टीवी पर एक पोर्न फि‍ल्मा चल रही है। वहां पहुंचते ही महाराज ने मुझे बाहों में लेते हुए कहा कि हम तुझे दिल से चाहते हैं। तुम्हारे साथ प्यार करना चाहते हैं, क्योंकि तुमने हमारे साथ साधु बनते वक्त तन मन धन सब सतगुरु को अर्पण करने को कहा था तो अब ये तन मन हमारा है। महाराज मेरे साथ जबर्दस्ती कर रहे थे। मैंने विरोध किया तो उन्होंने कहा- इसमें कोई शक नहीं कि हम ही खुदा हैं। जब मैंने उनसे कहा कि क्या। खुदा ये काम करता है, तो उन्होंने कहा श्रीकृष्ण भगवान थे। उनके यहां 360 गोपियां थीं। जिनसे वह हर रोज प्रेम लीला करते थे। फि‍र भी लोग उन्हें परमात्मा मानते हैं। ये कोई नई बात नहीं है। अगर हम चाहें तो तुम्हारी जान लेकर तुम्हारा दाह संस्कार कर सकते हैं। तुम्हारे घर वाले हर प्रकार से हम पर विश्वास करते हैं और हमारे गुलाम हैं। वो मुझसे बाहर नहीं जा सकते, ये तुम्हेंर भी अच्छी तरह पता है। हमारी सरकार में बहुत चलती है। हरियाणा और पंजाब के मुख्यहमंत्री, पंजाब के केंद्रीय मंत्री हमारे चरण छूते हैं। राजनेता हमसे समर्थन लेते हैं, पैसा लेते हैं और हमारे खिलाफ कभी नहीं जाएंगे। हम तुम्हाहरे परिवार से नौकरी लगे सदस्यों को बर्खास्त करा देंगे। सभी सदस्यों को मरवा देंगे और कोई सबूत भी नहीं छोड़ेंगे। ये तुझे अच्छी तरह से पता है। हमने गुंडों से डेरे के मैनेजर को भी मरवा दिया था और आज तक इसके बारे में किसी को कुछ भी नहीं पता। न ही इसके कोई सबूत हैं क्योंाकि पैसों के बल पर हम राजनेताओं, पुलिस और न्यापय को खरीद लेंगे।“ आज मुझे पता चला कि मेरे से पहले जो लड़कियां रहती थीं। उनके साथ भी ये बलात्कार कर चुका है। डेरे में मौजूद 35 से 40 साधु लड़कियां 40 से अधिक उम्र की हैं। जिनकी शादी की उम्र निकल चुकी है। उन्होंने परिस्थितियों से समझौता कर लिया। इसमें से ज्या0दातर बीए, एमए, बीएड पास हैं। घरवालों के कट्टर अंधविश्वास होने के कारण नरक का जीवन जी रही हैं। हमें सफेद कपड़े पहना, सिर पर चुन्नी रखना, किसी आदमी की तरफ आंख ना उठाकर देखना, आदमी से पांच दस फुट की दूरी पर रहना, ऐसा महाराज का आदेश था। हम दिखाने के लिए देवी हैं मगर हमारी हालत वैश्याओं जैसी है। जब मैंने अपने घरवालों से इस बारे में बात की तो वह मुझसे गुस्से में कहने लगे कि अगर भगवान के पास रहते हुए ठीक नहीं है तो ठीक कहां है। तेरे मन में बुरे विचार आने लग गए हैं। सतगुरु का सिमरण किया कर। मैं मजबूर हूं यहां सतगुरु के आदेश मानने पड़ते हैं। यहां कोई भी दो लड़कियां आपस में बात नहीं कर सकतीं। घर पर फोन पर बात नहीं कर सकतीं। यदि कोई लड़की आवाज उठाती है तो बाबा का आदेश है कि उनका मुंह बंद कर दो। संगरूर जिले की एक लड़की ने जब सच कहना चाहा तो डेरे के गुंडों ने उसे प्रताडि़त किया जाए। मैं मरना नहीं चाहती डेरे की सच्चाई सामने लाना चाहती हूं। मैं चाहती हूं कि मेरा मेडिकल कराया जाए। उससे पता चल जाएगा कि हमारे साथ किसने गलत किए।” साभार जनसत्ता
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