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लालू ने शरद को राजद में आने का दिया न्योता, गैर-भाजपा दलों को एकजुट करने का भी प्रस्ताव

पटना। राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने जदयू नेता शरद यादव को राजद में शामिल होने का न्योता दिया है। साथ ही उन्हें पूरे देश में घूमकर सभी गैर भाजपा दलों को एकजुट करने का प्रस्ताव दिया है। महागठबंधन से जदयू के अलग होने के बाद लालू प्रसाद की यह नई सियासी चाल है। शनिवार को राज्य मंत्रिमंडल विस्तार के बाद शाम में लालू प्रसाद ने शरद यादव से फोन पर बात की। उन्हें राजद में शामिल होने का न्योता दिया। कहा कि 27 अगस्त को राजद की ‘भाजपा भगाओ, देश बचाओ’ रैली पटना के गांधी मैदान में है। इसके लिए वह बिहार के गांव-गांव में घूमें और जनता को भाजपा की नई चाल से अवगत करायें। वह खुद भी यादव के साथ हर जगह घूमेंगे। बाद में प्रेस से बात करते हुए प्रसाद ने कहा कि दक्षिणपंथी तानाशाही को नेस्तनाबूत करने को सबको एकजुट करने की जरूरत है। समय आ गया है, जब भाजपा, आरएसएस के खिलाफ सभी एकजुट हो काम करें। आरोप लगाया कि शरद को उनके चेले (नीतीश कुमार) ने धोखा दिया है। कहा कि मैंने व शरद जी ने साथ-साथ लाठी खाई है। मालूम हो कि जदयू द्वारा बिहार में भाजपा संग सरकार बनाने से शरद यादव दुखी बताये जाते हैं।  
नीतीश की बीजेपी से दोस्ती पर परेशान हैं शरद 
बिहार में बीजेपी और जेडीयू गठबंधन के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद भी सियासी भूचाल कम होने का नाम नहीं ले रहा है। जेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव को लेकर अभी भी असमंजस बना हुआ है। रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि शरद यादव, नीतीश कुमार के बीजेपी से हाथ मिलाने पर खुश नहीं है। रविवार को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता डी राजा ने नई दिल्ली में शरद यादव से मुलाकात के बाद दावा किया, “बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ‘महागठबंधन’ से अलग होने और बीजेपी के साथ सरकार बनाने की शरद यादव ने मंजूरी नहीं दी थी। उन्होंने कहा कि शरद यादव बिहार में जो भी हुआ उससे परेशान हैं। जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को सीएम पद से इस्तीफा देते हुए महागठबंधन तोड़ दिया था। अगले दिन उन्होंने बीजेपी के सहयोगी से सरकार बनाई। सीपीआई नेता ने पीटीआई से बातचीत में कहा, “मैं समझ सकता हूं कि शरद यादव इस फैसले से बाहर रखा गया था।” नीतीश कुमार के कदम को जनादेश के साथ धोखा करार देते हुए कहा कि इस संकट के समय में यादव को खड़े होना चाहिए और बीजेपी-आरएसएस तथा सांप्रदायिक ताकतों से लड़ाई का नेतृत्व करना चाहिए। इससे पहले आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद ने भी जेडीयू के वरिष्ठ नेता शरद यादव से इस तरह की अपील की थी। लालू ने शरद यादव के भाजपा के साथ नहीं जाने का दावा करते हुए उनसे अपील की कि सांप्रदायिक ताकतों को परास्त करने के लिए वे पूरे देश का भ्रमण करें तथा इसमें वे अपनी पूरी शक्ति लगा दें। लालू ने कहा कि आज देश में जिस प्रकार का सांप्रदायिक माहौल उत्पन्न किया गया है वैसी स्थिति में शरद जी जैसे धर्मनिरपेक्ष नेताओं की सख्त जरूरत है। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के राजग खेमे में लौटने और भाजपा के साथ गठबंधन करने के बाद गत शुक्रवार को जिस दिन नीतीश बिहार विधानसभा में विश्वास मत हासिल किया। शरद ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद और माकपा महासचिव सीताराम येचुरी से लंबी बात की थी। उल्लेखनीय है कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने कहा कि इससे पूर्व शरद यादव को यूपीए में भी शामिल होने का भी न्योता दिया था, पर शरद द्वारा इस पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया जाहिर नहीं की गयी है।
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