कोलकाता। पश्चिम बंगाल को एक बार फिर सांप्रदायिक झड़प का सामना करना पड़ा है। फेसबुक पर डाली गई एक आपत्तिजनक पोस्ट के बाद पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में बादुड़िया और आसपास के क्षेत्र में सांप्रदायिक हिंसा फैल गई। लगातार सामने आ रहे इस तरह के खतरों से निपटने के लिए ममता बनर्जी की सरकार ने शांतिरक्षक बलों के गठन का फैसला किया है। साथ ही उन्होंने बीजेपी पर राज्य में सांप्रदायिक उन्माद फैलाने का आरोप भी लगाया। वहीं, बीजेपी ने ममता सरकार को बर्खास्त कर राज्य में राष्ट्रपति शासन की मांग की है।
बादुड़िया हिंसा के संदर्भ में ममता सरकार एक बार फिर केंद्र से टकराव की स्थिति में है। ममता ने केंद्र पर बंगाल सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि राष्ट्रपति चुनाव जैसे मुद्दों पर साथ नहीं देने के लिए केंद्र सरकार उन्हें निशाना बना रही है। राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी के साथ ममता का विवाद भी खुलकर सामने आ चुका है। बुधवार को सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में बूथ स्तर पर शांतिरक्षक बलों का गठन किया जाएगा। ममता ने कहा कि 15 दिनों के भीतर शांति वाहिनी का गठन होगा। इस शांति वाहिनी में 15-10 की संख्या में लोग होंगे और इसमें युवा, शांतिप्रिय नागरिकों को शामिल किया जाएगा। सीएम ने बताया कि यह शांति वाहिनी राज्य प्रशासन और स्थानीय पुलिस थानों के सहयोग से काम करेगी। ममता बनर्जी ने यह भी जानकारी दी कि बादुड़िया में अब स्थिति सामान्य है। उधर, 24 परगना जिले में सोमवार को भड़की सांप्रदायिक हिंसा पर संज्ञान लेते हुये केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से हिंसा से उपजे हालात पर विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भी ममता बनर्जी और राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी से टेलीफोन पर बात कर स्थिति की जानकारी ली। सिंह ने इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री और राज्यपाल के बीच उपजे मनमुटाव को आपसी बातचीत से दूर करने का दोनों से अनुरोध किया है।
ममता बनर्जी ने बादुड़िया हिंसा पर बयानबाजी को लेकर बीजेपी नेताओं पर हमला बोला है। ममता ने किसी नेता का नाम नहीं लिया लेकिन उन्होंने कहा, 'वे (बीजेपी) पश्चिम बंगाल को लेकर इतना चिंतित क्यों हैं? ये नेता हिंसा फैला रहे हैं।' ममता ने आरोप लगाया कि बीजेपी टीएमसी का झंडा लगाकर हिंसा फैला रही है। सीएम ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव जैसे मुद्दों पर समर्थन नहीं करने के लिए केंद्र सरकार टीएमसी को घेरने की कोशिश कर रही है। ममता बनर्जी और राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी के बीच मामला ठना हुआ है। राजनाथ सिंह ने भी हस्तक्षेप कर स्थिति सुधारने की कोशिश की है। इस बीच ममता के एक मंत्री ने राज्यपाल को बीजेपी की कठपुतली कह इस विवाद को और हवा दे दी है। पश्चिम बंगाल के वरिष्ठ मंत्री सुब्रत मुखर्जी ने कहा है कि जो राज्य बीजेपी कहती है, राज्यपाल वही करते हैं।
फेसबुक पर सोमवार को एक विवादित टिप्पणी को लेकर 24 परगना जिले के बादुड़िया और बसीरहाट कस्बों में हिंसक वारदातें हुईं। इसमें इलाके की कई दुकानों और मकानों को आग के हवाले कर दिया गया। हिंसा का असर बादुड़िया के अलावा तेंतूलिया, गोलाबारी कस्बों में भी हुआ है। सरकार ने हिंसा से उपजे हालात पर काबू पाने के लिये हिंसा प्रभावित इलाकों में धारा 144 लगाते हुये इंटरनेट सेवायें एहतियातन बंद कर दी हैं। फेसबुक पर विवादित पोस्ट चस्पा करने वाले युवक को भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। इस बीच हिंसा पर काबू पाने में राज्य पुलिस की मदद के लिये मंगलवार को गृह मंत्रालय ने अर्धसैनिक बल की कुछ टुकड़ियां प्रभावित इलाकों में भेज दी हैं।
बादुड़िया हिंसा के बाद बीजेपी ने ममता बनर्जी पर हमला किया है। बीजेपी ने कहा है कि राज्य में कानून व्यवस्था की हालत खराब है और यहां राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए।बीजेपी ने राज्य में बीजेपी प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव ने ममता बनर्जी पर सांप्रदायिक आधार पर भेदभाव करने का आरोप लगाया है। बीजेपी के पश्चिम बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने राज्य पुलिस पर हालात को नियंत्रण में न कर पाने का आरोप लगाते हुए केंद्र से दखल की मांग की है। साभार एनबीटी
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