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यूपी की आदित्यनाथ योगी सरकार ने किया वादा पूरा, दो करोड़ से ज्याोदा किसानों का एक लाख रुपये तक का होगा कर्ज माफ

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यामंत्री आदित्यनाथ योगी ने अपने मंत्रिमंडल की पहली बैठक में प्रदेश के दो करोड़ से अधिक लघु और सीमांत किसानों को फायदा देते हुए उनका एक लाख रुपये तक का कर्जा माफ करने का अहम फैसला लिया। सरकार ने किसानों का कुल मिलाकर 36,359 करोड़ रुपये का कर्ज माफ करने का निर्णय लिया। सरकार ने किसानों द्वारा किसी भी बैंक से लिया गया फसली कर्ज माफ किया है। इसके लिए सभी किसानों के खातों में फौरन भुगतान किया जाएगा। इस फैसले से प्रदेश के राजकोष पर 36,359 करोड रूपये का बोझ आएगा। कैबिनेट बैठक के बाद स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी की अध्यक्षता में हुई प्रदेश मंत्रिपरिषद की पहली बैठक में राज्य के किसानों के हित में ये बड़ा फैसला किया गया, जो विधानसभा चुनाव से पूर्व भाजपा के लोक कल्याण संकल्प पत्र में प्रमुख मुद्दा था। कैबिनेट बैठक के बाद स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि लघु एवं सीमांत किसानों के विषय में जो महत्वपूर्ण निर्णय कैबिनेट ने किया है, वह फसली कर्ज से संबंधित है। गत वर्ष सूखा पडा, ओलावृष्टि हुई और बाढ आई, जिससे किसानों को काफी नुकसान हुआ। उत्तर प्रदेश मंम लगभग दो करोड़ 30 लाख किसान हैं, जिनमें से 92.5 प्रतिशत यानी 2.15 करोड लघु एवं सीमांत किसान हैं। उन्होंने कहा कि उनका कर्ज माफ किया गया है। कुल 30,729 करोड रुपये का कर्ज माफ किया गया है, क्योंकि ये किसान बड़ा ऋण नहीं लेते, इसी अंदाज से एक लाख रुपये तक का ऋण उनके खाते से माफ किया जाएगा। उन्होंनने कहा कि साथ ही सात लाख किसान और हैं, जिन्होंने कर्ज लिया था और उसका भुगतान नहीं कर सके, जिससे वह ऋण गैर निष्पादित आस्तियां (एनपीए) बन गया और उन्हें कर्ज मिलना बंद हो गया। ऐसे किसानों को भी मुख्यधारा में लाने के लिए उनके कर्ज का 5,630 करोड़ रुपये माफ किया गया है। इस तरह कुल मिलाकर किसानों का 36,359 करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया गया है। इससे पहले प्रदेश के ऊर्जा मंत्री और सरकार के प्रवक्ता मंत्री श्रीकांत शर्मा ने भी मंत्रिमंडल द्वारा लिए गए फैसलों को मीडिया के सामने रखा। उन्हों्ने बताया कि बैठक में प्रदेश के किसानों को बिचौलियों से भी मुक्त करने का फैसला लिया गया है। सरकार 80 लाख मीट्रिक टन गेंहू खरीदेगी। इसके साथ ही अवैध बूचड़खानों को बंद किए जाने का फैसला भी लिया गया। उन्होंने सीएम द्वारा गठित एंटी रोमियो दस्ते को लेकर कहा कि अगर कोई कपल किसी सार्वजनिक स्थल पर बैठे हैं, तो अनावश्यक रूप से उनसे पूछताछ किए जाने की शिकायत पाए जाने पर अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि सरकार ने पाया है कि आलू के उचित मूल्यं किसानों को नहीं मिलते, इसके लिए तीन लोगों की कमेटी बनाई गई है। सरकार ने बड़ा फैसला यह भी लिया है कि कमेटी इस बात का अध्ययन करेगी कि आने वाले समय में हम आलू पैदा करने वाले किसान को किस तरह से राहत दे सकें। उन्होंनने बताया कि यूपी में बड़े तादाद में पूंजी निवेश को लेकर राज्ये सरकार ने नई उद्योग नीति बनाने का फैसला किया है। इसके लिए एक मंत्री समूह का गठन किया गया है, जो अलग-अलग राज्यों में जाकर वहां की उद्योग नीति की बारीकियों का अध्ययन करेगा और प्रदेश में सिंगल विंडो के माध्यम से एक अच्छी उद्योग नीति का यहां निर्माण कर सकें, इसके लिए यह मंत्री समूह कई प्रदेशों में जाएगा। उल्ले्खनीय है कि चुनावों के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने घोषणा करते हुए कहा था कि बीजेपी सरकार के गठन के बाद कैबिनेट की पहली बैठक में छोटे और सीमांत किसानों का कर्ज माफ किया जाएगा। उससे पहले बीजेपी के संकल्प पत्र (घोषणापत्र) में भी ऐसा ही चुनावी वादा किया गया था। प्रदेश में वर्ष 2013-14 के रबी मौसम से 2015-16 के रबी मौसम तक लगातार दैवीय आपदाओं के कारण फसलों का उत्पादन एवं उत्पादकता अत्यधिक प्रभावित रही है, जिसके कारण प्रदेश के विशेषकर लघु एवं सीमान्त कृषकों की आर्थिक दशा गंभीर हो गई है।
एक लाख तक का कर्ज लेने वालों को राहत 
उत्तर प्रदेश में सरकार गठन के 16 दिन बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज (04 अप्रैल को) पहली कैबिनेट बैठक की। इस बैठक में दोनों उप मुख्यमंत्रियों केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा समेत तमाम मंत्री मौजूद थे। लखनऊ के लोक भवन में यह बैठक हुई। बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंास में कैबिनेट मंत्री व प्रवक्ताे श्रीकांत शर्मा ने फैसलों की जानकारी दी। कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ सिंह ने जानकारी दी कि यूपी में दो करोड़ 15 लाख छोटे किसान हैं। आदित्य् नाथ सरकार ने छोटे किसानों का 30,729 करोड़ रुपए का कर्ज माफ किया है। जिन किसानों ने 1 लाख रुपए तक का कर्ज लिया है, उनका ऋण माफ किया जाएगा। करीब 7 लाख किसान का कर्ज एनपीए में शामिल हो गए हैं, उन्हेंफ मुख्यर धारा में लाने के लिए सरकार ने 5630 करोड़ का कर्ज माफ कर दिया है। कुल मिलाकर सरकार ने 36,359 करोड़ रुपए का कर्जा माफ किया है। इसके तहत 86 लाख किसानों का कर्ज माफ होगा। यूपी सरकार उद्योगों की बेहतरी के लिए मंत्रियों का एक अलग समूह बनाएगी जो रोजगार बढ़ाने पर ध्यागन देगी। इस समूह की कमान उप-मुख्यलमंत्री केशव प्रसाद मौर्या को सौंपी गई है। यह समूह गुजरात, मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में जाकर उद्योग नीति की जानकारी लेगा। गाजीपुर में स्पोौर्ट्स कॉम्लेजरक्सम बनाने का फैसला योगी सरकार ने किया है। कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ सिंह ने जानकारी दी कि राज्ये भर में सिर्फ 26 अवैध बूचड़खानों को बंद किया गया है। 
किसानों की कर्ज माफी सहित 9 बड़े फैसले 
यूपी के करोड़ों किसानों को जिस फैसले का इंतजार था उसकी घोषणा हो गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुआई में मंगलवार शाम को हुई पहली कैबिनेट बैठक में किसानों के फसली ऋण माफी के फैसले पर मुहर लगा दी गई। इसके तहत छोटे और मझोले किसानों का 1 लाख रुपये तक का फसली ऋण माफ कर दिया गया है। 2.15 करोड़ किसानों को इसका लाभ मिलेगा। इस पर सरकार 30 हजार 729 करोड़ रुपये खर्च करेगी। इसके अलावा 7 लाख किसानों का 5630 करोड़ एनपीए भी माफ किया गया है। यानी किसानों को कुल 36395 करोड़ रुपये की सौगात दी गई है। सरकार ने यह भी बताया है कि इसके लिए पैसा किसान राहत बॉन्ड जरिए जुटाएगी। करीब 2 घंटे चली बैठक के बाद यूपी सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा और सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि रामनवमी के अवसर पर योगी सरकार ने 9 फैसले किए हैं। इसमें किसानों से 80 मीट्रिक टन गेहूं खरीद, अवैध बूचड़खाने बंद करने का फैसला और गाजीपुर में स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का निर्माण भी शामिल है। उत्तर प्रदेश सरकार ने ‘राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग’ को संवैधानिक दर्जा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का धन्यवाद किया। इसके लिए धन्यवाद प्रस्ताव पारित किया गया। बैठक के बाद श्रीकांत शर्मा ने कहा कि धन्यवाद प्रस्ताव प्रधानमंत्री को भेजने का निर्णय लिया गया है। माना जा रहा है कि योगी सरकार को सबसे ज्यादा मशक्कत किसानों के कर्ज माफ करने के फॉर्म्युले लेकर करनी पड़ी। अधिकारियों के मुताबिक यूपी में इस वक्त करीब 2 करोड़ 30 लाख किसान हैं। लघु और सीमांत किसानों की संख्या 2.15 करोड़ है। प्राकृतिक आपदाओं जैसी वजहों से ये किसान करीब 62 हजार करोड़ रुपये के कर्ज को चुकाने में असमर्थ हैं। सातवें वेतन आयोग के लागू होने के बाद प्रदेश सरकार पर पहले से ही करीब 25 हजार करोड़ रुपये सालाना का बोझ है। सूबे के कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही ने बैठक से पहले कहा कि निश्चित रूप से यह दिन किसानों के लिए सबसे बड़ा दिन है। आदित्यनाथ योगी की सरकार किसानों के हित में बड़ा फैसला करने जा रही है।  
सोशल मीडिया पर भी छाया कर्ज़ माफ़ी 
यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने ट्वीट किया कि वादा पूर्ण क़र्ज़ माफ़ी का था, किसी सीमा का नहीं। एक लाख की सीमा से करोड़ों किसान ठगा सा महसूस कर रहे है। ये गरीब किसानों के साथ धोखा है। अंबुज मुकेश लिखते हैं कि 'योगी जी, किसानों का तो एक लाख तक का कर्ज माफ कर दिया, हमारा पनवाड़ी के यहां का 280 रुपया गुटखा, सिगरेट का बकाया है। वो भी माफ़ करवा दीजिए। हेमराज सिंह चौहान ने लिखा कि मोदी जी अब कुछ करिए। वरना दूसरा आपकी जगह लेने को तैयार है? ताहिरा हसन लिखती हैं कि 'किसानों की क़र्ज़ माफ़ी एक सराहनीय क़दम है। दीपिका वर्मा ने ट्वीट किया कि योगी जी ने यूपी के 86 लाख किसानों का 1 लाख तक का कर्ज माफ़ किया। किसानों को राहत। विपक्ष को आफत।  
राजीव रंजन तिवारी, फोन- 8922002003
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