गोरखपुर। वैसे सभी दलों के प्रत्याशी कमोबेश अपने-अपने हिसाब से तैयारी कर रहे हैं, लेकिन गोरखपुर ग्रामीण क्षेत्र के बसपा प्रत्याशी राजेश पाण्डेय के लोग भी कह रहे है कि ‘दमबा’। भोजपुरी क्षेत्र के इस इलाके में दमबा मतलब दमदार होता है। राजेश पाण्डेय को समर्थकों के इसी ‘दमबा’ पर भरोसा है। उन्हें लगता है कि वे ‘दमबा’ के भरोसे चुनाव जीत जाएंगे।
आप सोच रहे होंगे कि आखिर यह ‘दमबा’ क्या है। हम बताते हैं। ‘दमबा’ मतलब दलित, मुस्लिम और ब्राह्मण। बसपा हाईकमान इन्हीं बिरादरियों पर अपना फोकस कर रही है। गोरखपुर ग्रामीण इलाके में ‘दमबा’ के भरोसे दर-दर दौड़ लगाने वाले प्रत्याशी राजेश पाण्डेय भी आश्वस्त है कि उन्हें ‘दमबा’ जीताकर विधानसभा भेज देगा। इलाके में हर जाति-बिरादरी तक पहुंच बनाने के लिए अपनी पूरी टीम के साथ लगातार जनसंपर्क अभियान व छोटी-मोटी सभाएं कर रहे राजेश पाण्डेय यह आश्वस्त कर रहे हैं यदि उनकी जीत इस इलाके से हो जाती है तो वे उन सारी कमियों को पूरा कर देंगे, जो आजतक नहीं हुआ। सूत्रों का कहना है कि राजेश पाण्डेय को समर्थन भी मिल रहा है, जिससे वे खुद भी बहुत उत्साहित हैं।
इसी क्रम में बुधवार को उन्होंने अल्पसंख्यकों की एक बैठक अपने कार्यालय पर की, जिसमें उन्होंने पार्टी की नीतियों को भलि-भांति समझाने का प्रयास किया। मीटिंग से निकलने के बाद बसपा प्रत्याशी राजेश पाण्डेय की बातों से संतुष्ट दिखे कुछ मुस्लिम वर्ग के लोगों ने कहा कि बंदे में दम है। यदि ‘दमबा’ समीकरण सटीक बैठ जाता है तो राजेश पाण्डेय चुनाव जीत सकते हैं। कहा जा रहा है कि फिलहाल राजेश पाण्डेय के पक्ष में हवा है। अब भविष्य में हवा का रुख क्या होगा, कहा नहीं जा सकता।(advt)
‘धरा धाम’ के प्रमुख मनीषी सौरभ पाण्डेय से मिले राजेश पाण्डेय
अपने जनसंपर्क अभियान के क्रम में ही बुधवार को सर्वधर्म समभाव के लिए दुनिया में मशहूर होते जा रहे ‘धरा धाम’ के प्रमुख मनीषी सौरभ पाण्डेय से मुलाकात कर राजेश पाण्डेय ने समर्थन की गुहार लगाई। दरअसल, ‘धरा धाम’ से हजारों की संख्या में विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों के लोग जुड़ गए हैं और तेजी से जुड़ते जा रहे हैं। ‘धरा धाम’ के अनुयायियों को वोटिंग के लिए अपने प्रमुख सौरभ पाण्डेय के इशारे का इंतजार है। फलस्वरूप जिन प्रत्याशियों को यह एहसास हो गया है कि ‘धरा धाम’ के कल्याणार्थ भाव रखने पर ‘धरा धाम’ के अनुयायियों के वोट मिल सकते हैं, वे ‘धरा धाम’ के प्रमुख सौरभ पाण्डेय से संपर्क कर रहे हैं। उधर, सूत्रों ने बताया कि राजेश पाण्डेय छोटे-मोटे मीडियाकर्मियों को बहुत भाव नहीं दे रहे हैं। उन्हें केवल बड़ा मीडिया घराना ही दिख रहा है। इसलिए यह आशंका है कि पोर्टल और सोशल मीडिया से जुड़े लोग चुनाव के एन मौके पर उनके खिलाफ हवा बहाने का प्रयास कर सकते हैं, जो उनके सारे किए-कराए पर पानी फेर सकता है।
राजीव रंजन तिवारी, फोन- 8922002003
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