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पूर्वांचल की सियासी फिजा में सर्वधर्म समभाव का कितना रंग घोल पाएगा धरा धाम?

लखनऊ। दो माह बाद यूपी विधानसभा का चुनाव होने वाला है। इस चुनाव की कमोबेश सारी राजनीतिक पार्टियों द्वारा अपने-अपने विचारधारा के हिसाब से तैयारी की जा रही है। कुछ दिनों पहले तक कांग्रेस की संदेश यात्राएं चलीं, अब भाजपा की परिवर्तन यात्रा और सपा की विकास यात्रा चल रही है। उधर इन सबके बीच ‘धरा धाम’ अपने सर्वधर्म समभाव वाले नारे को जन-जनतक पहुंचाने और अपनी विचारधारा की चासनी में पब्लिक को पिरोने की कोशिश चल रही है। जो एक अलग चर्चा का विषय बना हुआ है। आपको बता दें कि गोरखपुर जनपद के गांव भस्मा में धरा धाम नामक एक संस्था काम कर रही है, जिसका उद्देश्य जन-जनतक सर्वधर्म समभाव की बात को पहुंचाना और सबको मेल-मिलाप से एकसाथ रहने के लिए माहौल तैयार करना है। इसके अंतर्गत धरा धाम परिसर में सभी धर्मों के प्रतीक स्थलों का निर्माण कराया जाना है, जिसके शिलान्यास की तैयारियां चल रही हैं। साथ ही दुनिया का पहला धरती माता का मंदिर भी धरा धाम परिसर में ही बनाए जाने की योजना है। खास बात यह है कि धरा धाम एक सामाजिक संस्था होने के नाते आवाम में प्रेम-भाईचारा की बात का प्रचार-प्रसार कर रहा है। निश्चित रूप से यदि धरा धाम अपने उद्देश्यों में सफल हो जाता है तो पहले से जड़े जमाई कई राजनीतिक पार्टियों की नींव हिल जाएंगी। इसी क्रम में धरा धाम के फेसबुक वाल पर आज एक संदेश पढ़ने को मिला, जिसके कई गहरे निहितार्थ हैं। लिखा गया है- ‘हिन्दूवादी नेताओं में हलचल। पूर्वांचल का गोरखपुर इलाका हिन्दूवादियों का गढ़ माना जाता है। यहां सर्वधर्म समभाव के लिए शिद्दत से काम कर रहे धरा धाम ने हिन्दूवादियों के होश फाख्ता कर दिए हैं। धरा धाम के मुख्यसेवक श्री सौरभ पाण्डेय जी के नेतृत्व में ग्रास रूट पर फैले धार्मिक, सामाजिक विद्वेष को मिटाने का काम किया जा रहा है। फलस्वरूप सियासी नेताओं की वजह से राह भटक चुके युवा सौरभ पाण्डेय और धरा धाम को भारी समर्थन दे रहे हैं तथा सर्वधर्म समभाव के बाबत जागरूकता फैलाने के लिए सौरभ पाण्डेय के प्रति आभार प्रकट कर रहे हैं। यूं कहें कि तेजी से बढ़ती धरा धाम की ताकत ने धर्म, जाति के नाम पर राजनीति करने वालों की नींद हराम कर दी है।।’ तो देखा आपने। यदि फेसबुक का यह संदेश कारगर और सही हुआ तो निश्चित ही हिन्दूवादी संगठनों के लिए यहां समस्या पैदा होने लगेगी। बहरहाल, देखना यह है कि धरा धाम अपने मंसूबों में कितना कामयाब हो पाता है।
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