चेन्नई। तमिलनाडु कैबिनेट की बुधवार को हुई बैठक में जे. जयललिता मौजूद नहीं थी। तीन सप्ताईह पहले मुख्येमंत्री के अस्पैताल में भर्ती होने के बाद यह पहली कैबिनेट बैठक थी, मगर जयललिता की तस्वीपर गर्व से मेज पर रखी गई थी। जयललिता का कार्यभार देख रहे ओ. पन्नीतरसेल्वम ने बैठक की अध्य क्षता की, वे अपने सामने जयललिता की तस्वी्र रखकर बैठे। पन्नीतरसेल्वम ने मुख्ययमंत्री की कुर्सी भी नहीं ली, वह पूरी बैठक के दौरान खाली पड़ी रही। इससे पहले, 65 साल के पन्नीेरसेल्वम, भ्रष्टाीचार के मामले में जयललिता के जेल जाने के बाद सत्तास संभाल चुके हैं। तब उन्होंेने अपनी वफादारी दिखाते हुए अाठ महीने तक जयललिता के कार्यालय और विधानसभा में मुख्यनमंत्री की कुर्सी पर बैठने से मना कर दिया था। पिछले सप्तााह तब डॉक्ट रों ने जयललिता को कहा कि उन्हें अस्पयताल में लंबे समय तक रहना होगा, तो उन्होंऔने आठ मंत्रियों में से मुलाकात की और राज्य् के वित्त मंत्री पन्नीसरसेल्वगम को कार्यभार सौंपा।
राज्य।पाल सी. विद्यासागर राव ने कहा कि वह (पन्नी रसेल्वतम) मुख्यामंत्री की सलाह पर कैबिनेट मीटिंग भी कर सकते हैं। बताया जा रहा है कि बुधवार की बैठक में कैबिनेट के पड़ोसी राज्य कर्नाटक से कावेरी जल विवाद पर चर्चा की। इसके अलावा कई प्रोजेक्ट्सि पर तय समयसीमा के भीतर पूरा करने की प्रतिबद्धता के साथ हस्तााक्षर किए गए। आखिरी बार कैबिनेट की बैठक इस साल जुलाई में बजट पर चर्चा के लिए हुई थी। 68 वर्षीय तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता को 22 सितंबर को चेन्नई के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्होंने बुखार और निर्जलीकरण की शिकायत की थी। बाद में अपोलो अस्पताल ने बताया कि उनकी फेफड़ों की जकड़न को कम करने समेत अन्य उपचार किए जा रहे हैं और वह सतत निगरानी में हैं। अस्पताल ने बताया कि चिकित्सकों का एक पैनल मुख्यमंत्री पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। जयललिता के इलाज के लिए लंदन से भी डॉक्टर को बुलाया गया था। हाल ही में एम्स अस्पताल के डॉक्टरों की एक टीम भी अपोलो अस्पताल गई थी। अपोलो प्रशासन की ओर से कहा गया था कि जयललिता के स्वास्थ्य में लगातार सुधार हो रहा है।
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