सिवान। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के बाहुबली पूर्व सांसद शहाबुद्दीन जमानत पर 11 साल बाद भागलपुर जेल से रिहा होकर करीब एक हजार गाड़ियों के काफिले के साथ अपने गृह जनपद सिवान पहुंचे। जेल से बाहर कदम रखते ही स्पष्ट कर दिया कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए उनके दिल में कोई जगह नहीं है। कहा- "हमारे नेता तो लालू प्रसाद हैं। नीतीश कुमार परिस्थितियों के मुख्यमंत्री ठहरे।" नीतीश कुमार ने शहाबुद्दीन की रिहाई को लेकर किसी टिप्पणी से इन्कार करते हुए कहा है कि कानूनी प्रक्रिया होती है, कानून अपना काम करता है।
भागलपुर जेल के गेट पर मीडिया से बातचीत में कहा-"मैं लंबे समय के बाद लोगों के बीच जा रहा हूं। जनता ही मेरी दिशा और दशा तय करेगी। जनता ने ही जींस उतरवा कर सफेद कुर्ता पहनाया था। जनता चाहेगी तो फिर जींस पहन लूंगा।" बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी के आरोपों पर कहा कि मैं क्या, कोई उन्हें गंभीरता से नहीं लेता। मोदी ने कहा था कि राज्य सरकार ने योजनाबद्ध तरीके से शहाबुद्दीन को जेल से बाहर निकालने का रास्ता साफ कर दिया है। जेल से निकलने पर जनता में भय के सवाल पर बोले शहाबुद्दीन- "ऐसी ही बात कहकर अक्सर राजनीतिक विरोधी भय का माहौल तैयार करते हैं। जबकि परिस्थिति इससे अलग होती है। इतनी संख्या में लंबी लाइन लगाकर लोग खुशी का इजहार कर रहे हैं, क्या ये सब भयभीत लोग हैं? न्याय की लंबी लड़ाई लड़ते हुए लोगों के बीच हूं।" शहाबुद्दीन ने यह भी कहा कि वह सिवान में मारे गए पत्रकार राजदेव रंजन के परिवार से भी मिलेंगे। फिर बड़ी लड़ाई की तैयारी में लगना है। सुबह करीब 6.30 बजे शहाबुद्दीन भागलपुर जेल गेट से करीब सवा सौ गाड़ियों के काफिले के साथ सिवान के लिए रवाना हुए। उन्हें ले जाने के लिए सफेद रंग की पजेरो गाड़ी (बंगाल नंबर की) आई थी, जिसे उनका विश्र्वस्त ड्राइवर सुमन चला रहा था। सिवान जेल से विशेष दूत व रिहाई के कागजात तथा नजदीकी समर्थकों के साथ यह गाड़ी शनिवार की सुबह 4.30 बजे जेल गेट पर पहुंची थी। सिवान से पहुंची करीब एक हजार गाड़ियों को विक्रमशिला पुल के पार रोक कर रखा गया था।
शहाबुद्दीन की रिहाई के वक्त भले ही लालू-नीतीश के पोस्टर के बूते महागठबंधन दिखाने की कोशिश की गई, लेकिन इस रिहाई से जदयू ने दूरी बनाए रखी। जिले का कोई जदयू नेता यहां नहीं दिखा। गिरिधारी यादव बेलहर से जदयू के विधायक हैं, पर सभी जानते हैं कि मो.शहाबुद्दीन से उनके निजी रिश्ते हैं और यहां दल मायने नहीं रखता। राजद के युवा संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष व भागलपुर के सांसद बूलो मंडल सहित पार्टी के सभी अधिकारी जेल गेट पर मौजूद रहे। जेल गेट पर उमड़ी समर्थकों की भीड़ को संभालने के लिए पुलिस को हल्का बल प्रयोग भी करना पड़ा। शहाबुद्दीन पर हत्या, लूट व अपहरण सहित अन्य 36 आपराधिक मामले दर्ज हैं।
- Blogger Comments
- Facebook Comments
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
0 comments:
Post a Comment
आपकी प्रतिक्रियाएँ क्रांति की पहल हैं, इसलिए अपनी प्रतिक्रियाएँ ज़रूर व्यक्त करें।