
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘चाय पर चर्चा’ की तर्ज पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ‘खाट पर चर्चा’ करेंगे। 6 सितंबर से मिशन यूपी पर निकलने वाले राहुल गांधी महायात्रा के दौरान गांवों से गुजरते वक्त ग्रामीण मतदाताओं के साथ खाट पर बैठकर बातचीत करेंगे। पीएम की नकल का आरोप ना लगे इसलिए ‘खाट पर चर्चा’ की बजाय इसे ‘खाट सभा’ का नाम दिया गया है। यही नहीं, मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति करने का जवाब देने के लिए कांग्रेस राहुल को अयोध्या ले जाकर रामलला के दर्शन कराने की भी योजना बना रही है। हालांकि पार्टी में दो राय दोने की वजह से ये फैसला कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर छोड़ दिया गया है।
राहुल 6 सितंबर से यूपी में देवरिया से 2500 किमी की महायात्रा शुरू करने जा रहे हैं। कांग्रेस के रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने राहुल के लिए यात्रा के दौरान गांवों में ‘खाट सभा’ का प्रोग्राम बनाया है, मतलब राहुल गांवों में खाट पर बैठकर चाय की चुस्की के साथ किसानों और नौजवानों से बातचीत करेंगे। ये वही प्रशांत किशोर हैं जिन्होंने पीएम के लिए चाय पर चर्चा का हिट प्रोग्राम बनाया था। अब उसी हिट फॉर्मूले में थोड़ा बहुत फेरबदल कर राहुल के लिए प्रशांत किशोर ने नई योजना बनाई है। नाम बदल दिया गया है ताकि नकल का आरोप न लगे। राहुल की महायात्रा में इस बार कोई बड़ी जनसभा नहीं होगी। राहुल लगभग एक महीने यूपी में रहेंगे। इस दौरान वो छोटी सभाएं और रोड शो करेंगे। कांग्रेस की राजबब्बर और शीला दीक्षित के नेतृत्व में दो यात्रा पहले से ही चल रही है। कांग्रेस ने इस बार अपने बड़े नेताओं को ताकीद की है कि वो राहुल गांधी के पीछे घूमने और अपना चेहरा चमकाने की बजाय लोगों के बीच रहें। हालांकि विपक्षी कह रहे हैं कि राहुल कोई भी दांव आजमा लें, यूपी में कांग्रेस का कुछ नहीं हो सकता। बीजेपी हमेशा कांग्रेस पर मुस्लिम तुष्टीकरण का आरोप लगाती है इसलिए पार्टी के कुछ नेता राहुल को अयोध्या में रामलला के दर्शन कराकर ये दाग धोना चाहते हैं। कांग्रेस के पुराने नेता ए के एंटनी भी अपनी रिपोर्ट में मोदी के हाथों 2014 की हार के लिए पार्टी की मुस्लिम परस्त नीति को जिम्मेदार ठहरा चुके हैं। हालांकि पार्टी का एक तबका तर्क दे रहा है कि राहुल के ऐसा करने से यूपी में मुस्लिम मतदाताओं को कांग्रेस की तरफ आकर्षित करने की रणनीति को धक्का लगेगा। सूत्र बताते हैं कि इस मामले पर आखिरी फैसला कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर छोड़ दिया गया है।
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