नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी सरकार में परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को अच्छे दिन आएंगे वाले बयान से पल्ला झाड़ते हुए कहा है कि ये नारा गले की हड्डी बन गया है। नितिन गडकरी ने मुंबई में एक कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी द्वारा 2014 के आम चुनाव के समय दिए गए अच्छे दिनों के नारे पर कहा, ”अच्छे दिनों का जिक्र मनमोहन सिंह ने किया था, जो हमारे गले की हड्डी बन गया है। अच्छे दिन कभी नहीं आते, अच्छे दिन सिर्फ मानने से होते हैं।” इसके बाद नितिन गडकरी ने कहा कि अच्छे दिन आएंगे वाली बात पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कही थी और उन्हें ये बात स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे कही थी उन्होंने कहा कि, ”मोदी जी ने कहा था कि एक बार एक एनआरआई ने मनमोहन सिंह से अच्छे दिन को लेकर सवाल पूछा था। जिसके जवाब में मनमोहन सिंह ने कहा था कि अच्छे दिन आएंगे।” गडकरी यही नहीं रुके उन्होंने इसके बाद देश को अतृत्प आत्माओं का सागर बताते हुए कहा कि, “हमारा देश अतृप्त महाआत्माओं का सागर है। जिसके पास साइकिल है वो मोटर साइकिल मांग रहा है। और जिसके पास मोटर साइकिल है वो कार मांग रहा है।”
नितिन गडकरी के इस बयान पर राजनीति होनी ही थी। विपक्षी पार्टी कांग्रेस के नेता मीम अफजल ने एक चैनल से बात करते हुए कहा कि, “अच्छे दिन का नारा सिर्फ नारा नहीं था ये एक ख्वाब था जो मोदी जी ने देश की जनता को दिखाया था। अब इनकी सरकार आ गई है तो इन्हें लग रहा है कि अच्छे दिन आ गए हैं।” मीम अफ्जल ने कहा, ”मोदी जी चुनाव से पहले बड़ी बड़ी रैलियों में नारा लगवाते थे। अच्छे दिन जनता जवाब देती थी कि आएंगे। अब नितिन गडकरी जिस तरह का बयान दे रहे हैं ये देश की जनता का अपमान है।” इससे पहले साल 2015 में चुनाव के दौरान अच्छे दिन आएंगे ये नारा स्वयं तब के बीजेपी के प्रधानमंत्री पर के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने दिया था। तब बीजेपी ने इस नारे को केंद्र में रख कर कई विज्ञापन भी बनवाए थे। सरकार बनने के बाद से ही मोदी सरकार से अच्छे दिन आएंगे के वादे पर सवाल-जवाब किए जाने लगे। अब सरकार इस बयान से खुद को अलग करती नजर आ रही है।
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