मृत गाय ले जाने के कारण पीटे गए दलितों से रिहाई मंच नेताओं ने की मुलाकात, प्रदेश की सपा सरकार को चेताया, दलितों-मुसलमानों पर हमलावर संघियों के प्रति नर्मी सरकार को पड़ेगी महंगी
लखनऊ। अराजक तत्वों द्वारा तकरोही इंदिरा नगर, लखनऊ में मृत गाय ले जाने के कारण पीटे गए दलित युवकों से रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव और रिहाई मंच लखनऊ सोशल मीडिया प्रभारी शबरोज मुहम्मदी ने मुलाकात की। रिहाई मंच सूबे समेत पूरे देश में हो रहे सांप्रदायिक-जातीय हिंसा के खिलाफ 3 अगस्त को शाम चार बजे हजरतगंज स्थित अंबेडकर प्रतिमा पर ‘दलित-मुस्लिम हिंसा के खिलाफ’ धरना देगा।
रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव व रिहाई मंच लखनऊ सोशल मीडिया प्रभारी शबरोज मुहम्मदी ने बताया कि 1 अगस्त की रात टेढ़ी पुलिया के पास विद्यासागर व छोटे से मुलाकात हुई। पीड़ितों ने बताया कि 28 जुलाई की शाम 3-4 बजे के करीब नगर निगम से प्राप्त सूचना के क्रम में मायावती कालोनी सूर्या सिटी तकरोही इंदिरा नगर से मृत गाय वे लेकर जा रहे थे। तभी रास्ते में फरीदीनगर रोड खुर्रम नगर चैराहे के पास जंगल के बीच में कुछ अज्ञात व्यक्तियों ने ट्राली को रोक लिया और कहा कि जानवर कहां से ले आ रहे हो, विद्यासागर व छोटे ने उन्हें बताया कि हम लोग मृत पशु का निस्तारण करने जा रहे हैं। उसके बाद अज्ञात व्यक्तियों ने कहा कि तुम लोग पशुओं को इंजेक्शन लगाकर बेहोश कर देते हो और उसको फिर काट देते हो। पीड़ितों ने बताया कि उन लोगों ने उनकी एक न सुनी और लात घूंसों से मारा-पीटा और उनके साथ गाली गलौज करते हुए कहा कि आइंदा मरे हुए पशु को कफन में लपेटकर नहीं ले जाओगे तो तुम लोगों को जान से मार देंगे और काम नहीं करने देंगे। इसके बाद विद्यासागर व छोटे ने अपने ठेकेदार को सूचित किया तो वे तत्काल मौके पर पहुंचे पर तब तक अराजक तत्व भाग चुके थे। उसके बाद ठेकेदार ने पीड़ितों को समझा बुझाकर मृत पशु को जंगल में ले जाकर उसका निस्तारण कराया। इस घटना से मृत पशु का निस्तारण करने वाले मजदूर काफी भयभीत हैं और विद्यासागर व छोटे के ठेकेदार ने उनकी सुरक्षा के लिए संबन्धित पुलिस को आवश्यक कार्रवाई एवं अज्ञात व्यक्तियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराने के लिए प्रार्थना पत्र दिया है। जिससे की भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों और समुचित तरीके से मृत पशुओं का निस्तारण हो सके।
रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव ने कहा कि तकरोही में जिस तरह मृत गाय के नाम पर विद्यासागर व छोटे की निर्ममता से पिटाई की गई उसी तरह इससे पहले भी रिंग रोड पर धर्म काटें के पास, एक महीने पहले दीपू चैराहे के पास, अबरार नगर और अन्य जगहों पर मृत पशुओं का निस्तारण करने वाले दलितों के साथ मारपीट की घटना होती रही है। जो स्पष्ट करती हैं कि गाय के नाम पर दलितों के साथ मारपीट करने वाले ये संगठित राजनीतिक अराजक तत्व हैं। ऐसे में अखिलेश सरकार इन मजदूरों की सुरक्षा की गांरटी करे। क्योंकि इन पशुओं का निस्तारण करने वाले दलित कर्मचारियों के बल पर ही शहर साफ-सुथरा रहता है व आम जनता महामारी से बचती है। जिस तरह गुजरात में ठीक इसी तरह की घटना के बाद आक्रोश उपजा और आनंदी बेन पटेल को इस्तीफा देने की पेशकश करनी पड़ी ऐसे में यूपी सरकार मामले को संजीदगी से ले और गाय के नाम पर हिंसा करने वाले सांप्रदायिक तत्वों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करे। रिहाई मंच लखनऊ सोशल मीडिया प्रभारी शबरोज मुहम्मदी ने कहा कि लखनऊ में गाय के नाम पर दलितों की पिटाई, मुजफ्फरनगर में गौकशी के नाम पर मुस्लिम परिवार के घर पर सांप्रदायिक तत्वों का हमला, संजरपुर आजमगढ़ के दो मुस्लिम युवकों को दो दिन पहले उठाकर फर्जी मुठभेड़ में दिखाना और बताना कि ये खुदादादपुर सांप्रदायिक हिंसा में लिप्त थे तो वहीं बुलंदशहर में हाई वे पर मां-बेटी के साथ सामूहिक बलात्कार की घटनाएं साफ करती है कि यूपी में कानून का कोई राज नहीं रह गया है।
(रिपोर्टः अनिल यादव, प्रवक्ता, रिहाई मंच, लखनऊ)
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