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राज बब्बर बने यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष, इमरान मसूद को उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी

विरोधियों को चित करने की रणनीति बनाई कांग्रेस ने, अब दिखेगा आक्रामक तेवर, नेशनल हेराल्ड केस में सोनिया-राहुल को मिली राहत 
नई दिल्ली। यूपी चुनाव की रणनीति को लेकर कांग्रेस ने बड़ा फैसला किया है. आलाकमान ने यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर राज बब्बर को नियुक्त कर दिया है. बब्बर ने हाल ही में पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा था कि उनका सीना नहीं पेट 56 इंच का है. कांग्रेस के के सीनियर नेता जनार्दन द्विवेदी ने मंगलवार को बब्बर को यूपीसीसी का अध्यक्ष बनाए जाने का ऐलान किया. उन्होंने बताया कि राजेश मिश्रा, राजाराम पाल और अमरान मसूद को प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया गया है. गौरतलब है कि राज बब्बर ने आतंकी हमले में शहीद जवान के परिवार को सांत्वना देते हुए 29 जून को फिरोजाबाद में कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सीना नहीं, बल्कि पेट 56 इंच का है. कश्मीर के पंपोर में 25 जून को हुए आतंकी हमले में घायल हुए फिरोजाबाद के जवान सुमन शर्मा और शहीद वीर सिंह के घर पर उन्होंने ये बातें कही थी. इसके पहले सुबह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और यूपी कांग्रेस के प्रभारी गुलाम नबी आजाद की चर्चा हुई, तो दोपहर प्रियंका गांधी, गुलाम नबी आजाद के घर बातचीत करने पहुचीं, लेकिन पार्टी अंतिम नतीजे तक नहीं पहुच सकी. दरअसल, शाम होने तक पार्टी में राहुल, प्रशांत किशोर और आजाद के बीच सहमति बन सकी. इसके बाद ऐलान हो पाया. राहुल गांधी की तरफ से राज बब्बर का नाम सबसे आगे था. वहीं, पीके चाहते थे कि शीला सीएम चेहरा हों और अध्यक्ष के तौर पर राजपूत-ब्राह्मण के बजाय ओबीसी या दलित पर दांव लगाया जाए. ऐसे में उनकी तरफ से ओबीसी वर्ग से आने वाले आरपीएन सिंह और श्रीप्रकाश जायसवाल के नाम सुझाए गए थे. आजाद चाहते थे कि यूपी में ब्राह्मण नेता प्रमोद तिवारी और राजपूत नेता संजय सिंह की अहम भूमिका हो. उन्होंने कहा कि सीएम उम्मीदवार के नाम की घोषणा भी सही वक्त पर कर दी जाएगी. समाजवादी पार्टी के पूर्व नेता राज बब्बर को उत्तर प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष और इमरान मसूद को उपाध्यक्ष बनाए जाने पर भारतीय जनता पार्टी ने कहा है कि इससे साफ हो गया है कि कांग्रेस सत्तारूढ़ सपा की ‘बी’ टीम के रूप में काम करेगी. यूपी बीजेपी के अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि यह हैरत की बात नहीं है. 2017 में कांग्रेस सबसे बुरे प्रदर्शन के लिए तैयार है. मसूद को लेकर कुछ नहीं बोलना पसंद नहीं है. इन्हें तो जनता ही सबक सिखाएगी.  
इमरान मसूद का कद बढ़ा 
कांग्रेस ने यूपी विधानसभा चुनाव के तहत जिन चार लोगों को प्रदेश का उपाध्यछक्ष बनाया है, उनमें 45-वर्षीय विवादास्पेद नेता इमरान मसूद भी हैं। मसूद ने 2014 लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान तब बीजेपी की तरफ से पीएम पद के उम्मीददवार 'नरेंद्र मोदी के बोटी-बोटी टुकड़े करने' संबंधी विवादित बयान दिया था। मार्च, 2014 में इस भड़काऊ भाषण देने के लिए उनको जेल भी भेजा गया था। इमरान मसूद ने पिछला लोकसभा चुनाव भी लड़ा था लेकिन हार गए थे। मंगलवार को गुलाम नबी आजाद ने मसूद का बचाव करते हुए कहा कि बीजेपी अपने भड़काऊ भाषण देने वालों की चिंता करे। मसूद के बयान को गलत तरीके से पेश किया गया था। यहीं नहीं अपने बयान के लिए उन्हों ने माफी भी मांग ली थी। इस पर बीजेपी के संबित पात्रा ने ट्वीट करते हुए कहा, 'बोटी-बोटी की बात कहने वाले उत्तेर प्रदेश के इमरान मसूद को पार्टी की प्रदेश कार्यकारिणी का उपाध्यटक्ष बनाया जाना कांग्रेस की सोच को दर्शाता है।'
नेशनल हेराल्ड केस में सोनिया-राहुल को मिली राहत 
नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी को उस वक्त झटका लगा जब दिल्ली उच्च न्यायालय ने उनकी एक याचिका खारिज कर दी थी। लेकिन दिल्लील हाईकोर्ट ने इस मामले में पटियाला हाउस कोर्ट के फैसले को पूरा पलट दिया है। कोर्ट ने कहा कि सीआरपीसी के सेक्शेन 91 के तहत दूसरे पक्ष की बातों को बिना सुने कोई भी फैसला नहीं लिया जा सकता। कोर्ट के इस फैसले से सोनिया गांधी और राहुल गांधी को काफी राहत महसूस हुई। गौरतलब है कि सुब्रमण्यसम स्वा मी ने आरोप लगाया था कि गांधी फैमिली हेराल्ड की प्रापर्टी का गलत इस्तेमाल कर रही है। सुब्रमण्यमम स्वाीमी ने इस मामले को लेकर ही कोर्ट में अर्जी लगाई थी। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, हाई कोर्ट ने पटियाला कोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने आगे कहा कि मामले में बीजेपी नेता सुब्रमण्यीम स्वा्मी ने जिस साधारण तरीके से अर्जी लगाई थी उसी के मुताबिक कोर्ट द्वारा आदेश दे दिए गए थे। पटियाला हाउस कोर्ट ने इस मामले में स्वामी की दलीले सुनने के बाद ही अपना फैसला सुनाया था। स्वामी का कहना है कि उसके द्वारा लगाई गई अर्जी सही है। तो वही रिपोर्ट के मुताबिक, हाई कोर्ट के फैसले पर सुब्रमण्य।म स्वाममी का कहना है कि वह कोर्ट सारे कागजात लेकर दोबारा पटियाला हाउस जाएंगे। तो वही इस मामले पर कोर्ट का कहना है कि सुब्रमण्यलम स्वायमी ने दावा किया था कि मामले में कागजात की जरूरत है, लेकिन वह यह समझाने में असफल थे कि आखिर ट्रायल में कागजात की जरूरत किस लिए है। फिर से इस आदेश के खिलाफ सुब्रमण्यआम स्वाकमी अपील कर सकते हैं। गौरतलब है कि कोर्ट ने 20 फरवरी को डीडीए सहित अन्य विभागों से इस मामले से जुड़े कागजात मंगवाया था। जिनको फिलहाल सील कवर में रखा गया है। क्योंकि सोनिया गांधी और अन्य की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने इस मामले को सीज कर लिया था। बता दें कि नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उपाध्यक्ष राहुल गांधी, मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडीस, सुमन दूबे और व सैम पित्रोदा आरोपी हैं।
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