ताज़ा ख़बर

अब बदल चुकी है देश की राजनीतिक दशा और दिशाः स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती

हरिद्वार। चेहरे पर चमक, ओजपूर्ण भाषण, हिन्दू समुदाय में जोश भरने का अंदाज और अपनी खास शैली से सियासत की नई परिभाषा गढ़ना उनका शगल है। पर, अब वो चुप हैं। सियासत के सवाल पर बिल्कुल नहीं बोलते। किसी तरह का कोई कमेंट करने में भी कई बार सोचते हैं। थोड़े मायूस लगते हैं, पर हौसला शिखरस्थ है। कहते हैं कि देश की सियासत की दशा और दिशा दोनों बदल गई है। इस स्थिति में चुप रहना ही बेहतर है। अब तो आप समझ ही गए होंगे कि हम किसकी चर्चा कर रहे हैं। फिर भी बता देते हैं। पूरे देश में अपनी कड़क आवाज से लोगों को जागरूक करने वाले राजनीति के मंझे हुए खिलाड़ी विश्व प्रसिद्ध हरिद्वार स्थित परमार्थ आश्रम के परमाध्यक्ष और अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री रहे राष्ट्रीय संत स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। अपनी राजनीतिक चुप्पी, देश की धार्मिक-आध्यात्मिक दशा और सियासत की संजीदगी पर www.newsforall.in के लिए वरिष्ठ पत्रकार राजीव रंजन तिवारी ने स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती से विस्तार से बात की। प्रस्तुत है उसके कुछ संपादित अंशः  

प्रश्नः सबसे पहले यह बताइए कि आज से 15-20 साल पुराने वाले स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती कहां हैं?

उत्तरः (ठहाके लगाते हुए) यहीं हैं। आपके सामने। हां, कुछ बदलाव जरूर हुआ है, जो प्रकृति का नियम है। समय-समय से सबकुछ बदलता रहता है।

प्रश्नः नहीं, मैं आपके इस जवाब से संतुष्ट नहीं हूं। आपके तेवर कहां गए? जिस मिशन पर आज बीस वर्ष पहले आप काम कर रहे थे, उस मिशन का क्या हुआ?

उत्तरः सबकुछ बदस्तूर जारी है। तेवर भी है, कलेवर भी है, जज्बा भी है, जोश भी है और मिशन भी अपनी गति से चल रहा है। यह जरूरी नहीं कि सारी बातों को मीडिया के सामने लाया जाए। कुछ नीतिगत बातें होती हैं, जिसे गोपनीय ही रहना चाहिए।

प्रश्नः आपकी कुछ राजनीतिक सक्रियता घटी है। वजह है क्या है?

उत्तरः हमने तो कभी राजनीति नहीं की। हम एक संत हैं। लोगों की सफल-सरल जिन्दगी के संचालन को धार्मिक-आध्यात्मिक टिप्स बताना हमारा काम है। भटके हुए लोगों का मार्गदर्शन करना है। मुझे इसी काम में संतुष्टि मिलती है।  

प्रश्नः क्या बिना राजनीति किए ही केन्द्र में मंत्री बन गए? सांसद बन गए? यह बात गले से नहीं उतर रही है। इसे स्पष्ट करें।

उत्तरः मैंने कहा न। मैं नेता और राजनीतिज्ञ नहीं हूं। मैं संत हूं। मुझे कभी किसी चीज को पाने की लालसा नहीं रही। अपने धार्मिक-आध्यात्मिक कार्यों को करते हुए राह में यदि कुछ मिल गया और वह स्वीकार योग्य है तो उसे अपनाया। मेरे अंदर अलग से कुछ पाने की ललक ना थी, ना है, ना रहेगी। हां, आसानी से कुछ मिलता है और वह स्वीकार योग्य है तो उस पर अवश्य विचार करता हूं।

प्रश्नः केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार के बारे में क्या कहेंगे?

उत्तरः कुछ नहीं।

प्रश्नः क्यों। सरकार से नाराज हैं क्या?

उत्तरः नहीं। इसमें नाराजगी की क्या बात है। केन्द्र की सरकार को जैसे चलना चाहिए, वैसे चल रही है। अब उस पर टिपण्णी करने का कोई औचित्य नहीं है।

प्रश्नः यूपी में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। आपकी क्या भूमिका रहेगी। आप किसे मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहेंगे?  

उत्तरः चूंकि मैं एक धार्मिक-आध्यात्मिक प्रवृति का व्यक्ति हूं, इसलिए राजनीति में बहुत रूचि नहीं है। जहां तक मुख्यमंत्री का सवाल है तो मैं यही चाहूंगा कि जो हिन्दू धर्म की रक्षा कर सके, उसे ही यूपी का सीएम बनना चाहिए।  

प्रश्नः क्या मतलब। आपका इशारा किधर है। भाजपा में आजकल सांसद योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री उम्मीदवार बनाने की चर्चा चल रही है। क्या आप चाहेंगे कि योगी आदित्यनाथ यूपी के सीएम बनें।

उत्तरः यदि भाजपा में योगी आदित्यनाथ को सीएम के रूप में प्रोजेक्ट करने की चर्चा है तो यह बहुत अच्छी बात है। यदि योगी आदित्यनाथ सीएम बनते हैं तो न सिर्फ राज्य बल्कि पूरे राष्ट्र में हिन्दू धर्म का परचम लहराएगा। भाजपा पहले से ज्यादा मजबूत होगी। इसमें कोई शक नहीं है।

प्रश्नः www.newsforall.in से बात करने के लिए आपको बहुत-बहुत धन्यवाद।

उत्तरः आपको भी धन्यवाद। शुक्रिया।

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार और स्तंभकार हैं। उनसे फोन नं.-8922002003 पर संपर्क किया जा सकता है) 
  • Blogger Comments
  • Facebook Comments

0 comments:

Post a Comment

आपकी प्रतिक्रियाएँ क्रांति की पहल हैं, इसलिए अपनी प्रतिक्रियाएँ ज़रूर व्यक्त करें।

Item Reviewed: अब बदल चुकी है देश की राजनीतिक दशा और दिशाः स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती Rating: 5 Reviewed By: newsforall.in