पटना। बिहार के मोकामा में 200 नीलगायों की गोली मारकर हत्या के मामले में केंद्र के दो मंत्री आमने-सामने आ गए हैं। महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी जहां जानवरों को मारे जाने का विरोध कर रही हैं, वहीं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर का कहना है कि राज्यों के आग्रह के बाद ही जानवरों को मारने का आदेश दिया गया है। महिला एवमं बाल कल्याण मंत्री मेनका गांधी ने आरोप लगाया कि पर्यावरण मंत्रालय हर राज्य को चिट्ठी लिखकर पूछ रहा है कि किस जानवर को मारना है, वह आदेश दे देगा। वहीं जावड़ेकर का कहना है कि जानवरों के हाथों फसल खराब होने से परेशान किसानों ने इसकी मांग की थी, जिसके बाद जानवरों को मारने की अनुमति दी गई है।
मेनका ने कहा कि पर्यावरण मंत्रालय हर राज्य को लिख रहा है कि आप बताओ किसको मारना है। हम इजाजत दे देंगे। बंगाल में उन्होंने कह दिया कि हाथी को मारें। हिमाचल को कहा कि हाथी को मारें। गोवा में कह दिया कि मोर को। अब कोई जानवर नहीं छूटा। चांदपुर में इतना अनर्थ हो रहा है कि उन्होंने 53 जंगली सुअर मारे हैं। अभी और 50 की इजाजत दी है। इस घटना के लिए पर्यावरण मंत्रालय जिम्मेदार है। पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि किसने क्या कहा उस प्रतिक्रिया नहीं देता। लेकिन कानून के आधार पर किसान की फसल का नुकसान होता है और राज्य सरकार प्रस्ताव देती है तो हम राज्य सरकार को मंजूरी देते हैं। ये केंद्र सरकार का नहीं राज्य सरकार का काम है। इसके लिए पहले से ही कानून बना हुआ है।
0 comments:
Post a Comment
आपकी प्रतिक्रियाएँ क्रांति की पहल हैं, इसलिए अपनी प्रतिक्रियाएँ ज़रूर व्यक्त करें।