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जोशीले भाषण में ये 5 गलतियां कर गईं स्मृति ईरानी?

नई दिल्ली (मुकेश तिवारी)। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने रोहित वेमुला और जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) मुद्दे पर संसद में जोरदार ढंग से सरकार का पक्ष रखा। लोकसभा में ईरानी का जोशिले शब्दों से भरा हुआ उत्साहवर्धक भाषण सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। ईरानी का नाम फेसबुक और ट्विटर पर छा गया। ईरानी का 48 मिनट का भाषण तीव्र था और नाटकीय भावों से भरा हुआ भी था। देशभर में इस भाषण की तारीफ हो रही है। इससे बीजेपी को विपक्ष पर बढ़त भी मिली है लेकिन क्या इससे ईरानी के भाषण की कमियां या यूं कहें गलतियां छुप जाती हैं? ये एक बड़ा सवाल है जो इस वीडियो के साथ हर तरफ कौंध रहा है। भारतीय राजनीति में नेता अक्सर ही अपनी बात को सच साबित करने के लिए ‘राजनीति छोड़ देने’, ‘इस्तीफा दे देना’, ‘सार्वजनिक जीवन से संन्यास’ ले लेने की बात करते रहे हैं लेकिन संसद में मायावती के साथ बहस के दौरान स्मृति ईरानी ने जो कुछ कहा वह अपने आप में पहला उदाहरण था। आखिर ऐसा बयान देने की वजह क्या थी जो किसी भी सूरत में संभव नहीं। मायावती ने भी आक्रामक अंदाज में स्मृति की इस गलती को पकड़ा और शुक्रवार शाम संसद में तंज कसते हुए कहा कि मैं आपके बयान से सहमत नहीं हूं, क्या अब आप अपना सिर काटकर मेरे चरणों में रखेंगी। ईरानी का 48 मिनट का भाषण तीव्र था। देशभर में इस भाषण की तारीफ हो रही है। लेकिन क्या इससे ईरानी के भाषण की कमियां या यूं कहें गलतियां छुप जाती हैं? हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के पीएचडी स्कॉलर रोहित वेमुला की आत्महत्या को लेकर ईरानी ने तेलंगाना पुलिस की रिपोर्ट का हवाला दिया। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि किसी भी डॉक्टर को रोहित के शव के पास जाने और उसे बचाने की कोशिश नहीं करने दी गई। रोहित के शव को राजनीतिक अस्त्र की तरह इस्तेमाल किया गया। हालांकि, हैदराबाद यूनिवर्सिटी में ऑन ड्यूटी मेडिकल एग्जामिनर ने ईरानी के बयान को गलत बताया है। चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉ. राजश्री ने कहा, ‘रोहित का शव ठंडा पड़ चुका था। वह सख्त और कठोर पड़ चुका थी। मैं जानती थी कि वह जीवित नहीं थे लेकिन फिर भी मैंने अपनी ड्यूटी निभाई। उनकी धड़कन रुक चुकी थी।’ केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा था कि रोहित को नवंबर महीने का स्टाइपंड दिया गया था। हालांकि रोहित की मां और उनके दोस्त व हैदराबाद यूनिवर्सिटी के छात्र धोंता प्रशांत ने कहा, ‘रोहित का पत्र इस बात की गवाही देता है कि यह झूठ है। उसे 7 महीनों से स्टाइपंड नहीं मिला था और वह घर पर पैसे नहीं भेज पा रहा था। कमिटी ने हमें प्रशासनिक जगहों, आम जगह, हॉस्टल रूम से सस्पेंड किया। सस्पेंशन के दौरान हम कैंपस के बाहर ही सड़क पर रहे। हमारे पास इस दौरान कुछ भी खाने के लिए नहीं था।’ रोहित की मां ने कहा कि स्मृति ईरानी झूठ बोल रही हैं और मुद्दे को भटका रही हैं। उन्होंने दावा किया कि रोहित को पिछले सात महीनों से स्टाइपंड भी नहीं मिल रहा था।’ प्रशांत ने ईरानी की एक और टिप्पणी को निराधार बताया। ईरानी ने कहा था कि यूनिवर्सिटी ऑफ हैदराबाद के चीफ वॉर्डन रोहित मामले को देख रही जांच कमिटी का हिस्सा थे। लेकिन एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के मुताबिक प्रशांत ने कहा, ‘हमारे चीफ वॉर्डन कभी भी जांच का हिस्सा नहीं थे। इस बात के प्रशासनिक सुबूत मौजूद हैं।’ लोकसभा के भाषण के एक दिन बाद राज्यसभा में देवी दुर्गा पर टिप्पणी को लेकर स्मृति को घेरने की कोशिश की गई। कांग्रेस के आनंद शर्मा ने कहा कि संविधान और नियम दोनों ही सदन के भीतर ऐसी किसी बात की अनुमति नहीं देते जिससे ईशनिंदा के साथ धार्मिक भावनाएं आहत होती हों लेकिन ईरानी ने देवी दुर्गा के बारे में अपमानजनक टिप्पणियों को सदन में ज्यों का त्यों उद्धृत कर ऐसा किया है। उन्होंने पूछा कि क्या बाहर की गई ऐसी टिप्पणियों को सदन के भीतर पढ़ा जा सकता है? अन्य विपक्षी सदस्यों ने शर्मा का समर्थन किया। येचुरी ने ईरानी के इन बयानों को कार्यवाही से निकाले जाने की मांग की। नोकझोंक के बीच उप सभापति पीजे कुरियन को कहना पड़ा कि यह परंपरा रही है कि ईशनिंदा या किसी समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली बातें सदन में नहीं उठाई जाएंगी। उन्होंने सदस्यों को भरोसा दिया कि वह सदन का रिकॉर्ड देखेंगे और यदि ऐसी बातें पाई गई तो उन्हें रिकॉर्ड से हटवा देंगे। (साभार-आईबीएन7)
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