चंडीगढ़। हरियाणा के उग्र जाट आरक्षण आंदोलन के बाद राजपूत भी आरक्षण के लिए उग्र आंदोलन की चेतावनी दे रहे हैं। उधर हरियाणा के मुख्यमंत्री का कहना है कि हिंसा फैलाने वालों के खिलाफ ठोस कार्रवाई होगी। हरियाणा में जाट आरक्षण को लेकर हुए उग्र आंदोलन के बाद राजपूतों के एक गुट ने भी इसी तरह के उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है। राजस्थान के जयपुर में राजपूतों के संगठन राजपूत करणी सेना ने अपनी जाति के लिए आरक्षण की मांग करते हुए दिल्ली, पंजाब, गुजरात, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, हरियाणा, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में एक साथ व्यापक आंदोलन छेड़ने की बात कही है। यूट्यूब में प्रसारित एक वीडियो में राजपूत करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी का कहना है, ''आरक्षण की मांग को लेकर हम लोग जो लड़ाई शांतिप्रिय ढंग से लड़ रहे थे उसको सरकार समझ नहीं रही है... जो उग्रवादी आंदोलन होता है उसको ही यह सरकार समझ रही है... इसलिए हम जल्द से जल्द 8 राज्यों में एक साथ उग्र आंदोलन करेंगे।''
उधर, जाट आंदोलन के दौरान हिंसा का शिकार हुए लोगों से मिलने पहुंचे हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को लोगों का भारी विरोध झेलना पड़ा है। प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री के खिलाफ 'मुर्दाबाद' और 'वापस जाओ' के नारे लगाए और मुख्यमंत्री को लोगों को बिना संबोधित किए ही वहां से वापस जाना पड़ा। इससे पहले मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री खट्टर ने इन घटनाओं को गंभीर बताते हुए कहा है कि जिन लोगों ने इन प्रदर्शनों के दौरान निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। खट्टर ने बताया कि प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसक घटनाओं में अब तक 19 लोग मारे गए हैं। उनका कहना था कि हिंसक घटनाओं से प्रभावित लोगों को मुआवजा दिया जाएगा। साथ ही मुख्यमंत्री ने पुलिस और अन्य सरकारी अधिकारियों के खिलाफ लगाए जा रहे आरोपों की जांच करने के लिए एक कमेटी गठित करने की बात भी कही है। हालांकि सरकार की ओर से जाट आरक्षण को लेकन राज्य स्तरीय कानून बनाने के आश्वासन के बाद इस आंदोलन को खत्म करने की घोषणा कर दी गई थी। लेकिन आंदोलनकारियों के कुछ धड़े इसके बाद भी प्रदर्शन कर रहे थे। राज्य के गृहसचिव पीके दास ने बताया, ''हालांकि अधिकतर जाट गुटों ने सोमवार को ही अपना आंदोलन खत्म कर दिया था लेकिन कुछ धड़े इसे चलाए हुए थे। लेकिन सोमवार देर शाम को सरकार से हुई बातचीत के बाद ये धड़े भी आंदोलन खत्म करने की बात मान गए हैं।''
दूसरी तरफ आरक्षण को लेकर चल रहे इस उग्र आंदोलन से प्रभावित लोगों ने भी हरियाणा में कई जगह प्रदर्शन किए हैं। रोहतक में ऐसे ही एक प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों ने स्थितियों को नहीं संभाल पाने के चलते सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इस बीच जाट आंदोलन से दिल्ली में प्रभावित हुई पानी आपूर्ति अब भी पूरी तरह सुचारू नहीं हो पाई है। दिल्ली के जल मंत्री कपिल मिश्रा ने अपने ट्वीटर हैंडल पर लिखा है, ''जब तक पानी की नहरें पूरी तरह दुरूस्त नहीं हो जाती, आपूर्ति सीमित रहेगी। उन्होंने दिल्लीवासियों से अपील की है, ''संकट अब भी नहीं टला है। पानी का समुचित इस्तेमाल करें।'' दूसरी तरफ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर ने बताया है कि कांग्रेस ने सोमवार की रात पीसीसी प्रतिनिधि प्रो. वीरेंद्र से विवादित आॅडियो क्लिप के बारे में उनकी सफाई मांगी है. इस क्लिप में पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीबी माने जाने वाले प्रो. वीरेंद्र पर जाट आंदोलन में कथित रूप से हिंसा भड़काने के लिए एक जाट नेता से बातचीत करने का आरोप लगा है. हालांकि उन्होंने इन आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि क्लिप में आवाज उनकी है लेकिन बातचीत में छेड़छाड़ की गई है.
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