नई दिल्ली। सियाचिन में 6 दिन बाद बर्फ के नीचे से निकाले गए लांस नायक हनुमनत्थपा ने गुरुवार को दिल्ली के आर आर अस्पताल में दम तोड़ दिया। उन्होंने 11 बजकर 45 मिनट पर अंतिम सांस ली। लांस नायक के अंतिम दर्शन के लिए दिल्ली के बरार स्क्वायर पर पार्थिव शरीर रखा गया। सियाचिन में छह दिनों तक भारी बर्फ के नीचे दबे रहे लांसनायक हनुमनत्थपा की गुरुवार सुबह हालत बिगड़ गई थी। डॉक्टरों के मुताबिक, उनकी किडनी और लिवर ने काम करना बंद कर दिया थी। वह गहरे कोमा में चले गए थे और उन्हें दी जा रही दवाइयों का असर नहीं हो रहा था। हनुमनत्थपा के ब्रेन में ऑक्सीेजन की कमी हो गई थी और दोनों फेफड़े निमोनिया की चपेट में थे।
एम्स के डॉक्टरों की टीम भी उनके इलाज में जुटी रही। उनकी डायलेसिस और वेंटीलेशन सपोर्ट को बढ़ाया गया था। जांबाज लांसनायक को बचाने के लिए यूपी के दो लोग आगे आए थे। लखीमपुर खीरी जिले की एक महिला और एक रिटायर्ड सीआईएसएफ हेड कॉन्स्टेबल प्रेम स्वरूप ने अपनी किडनी देने की पेशकश की थी। सरिता नाम की इस महिला ने कहा था, 'जब देश के लिए एक जवान अपनी जान दे सकता है तो क्या मैं अपनी किडनी भी नहीं दे सकती।'
सियाचिन में देश की हिफाजत के लिए तैनात लांसनायक हनुमनत्थपा 35 फीट मोटी बर्फ की परत के नीचे करीब छह दिन तक दबे रहे। सेना के रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान वह जीवित अवस्था में मिले थे। उनकी हालत बेहद खराब थी। दिल्ली के आरआर अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। लांस नायक हनुमनत्थपा की मौत ने पूरे देश को झकझोर दिया है। पूरा देश उनकी सलामती के लिए प्रार्थना कर रहा था।
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