नई दिल्ली। पठानकोट एयरबेस पर हुए चरमपंथी हमले के कई घंटे बीत जाने के बाद भी चरमपंथियों पर काबू नहीं पाया जा सका है ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यालय ने योग पर मोदी के भाषण का एक ट्वीट किया जो सोशल मीडिया पर कई लोगों को पसंद नहीं आया. सोशल मीडिया पर लोग इस बारे में तीख़ी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं. प्रधानमंत्री ने कहा, "योग वैश्विक धरोहर है. पूरी दुनिया, बड़े उत्साह के साथ पारंपरिक भारतीय चिकित्सा को गले लगा रही है." जम्मू और कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, "सारा काम सामान्य रूप से चल रहा है इसमें कोई समस्या नहीं लेकिन योग के बारे में भाषण, वो भी एनकाउंटर के वक़्त, पूरी तरह से अटपटा लगता है."
हार्दिक राजगोर ने लिखा, "पठानकोट में चरमपंथ विरोधी अभियान जारी है और मोदी योग पर बोल रहे हैं. योग के बारे में यही ख़ास बात है, यह हमेशा आपको अजीब स्थिति में डालता है." ब्रूस वायने ने लिखा, "मोदी हमें रोमन राजा नीरो की याद दिलाते हैं. जब रोम जल रहा थो नीरो बांसुरी बजा रहा था और जब भारत में लहू बह रहा है, तो मोदी योग की बातें कर रहे हैं." राज कुमार ने मोदी के एक पुराने ट्वीट को पोस्ट कर उन्हें चेताया है, "अब समय हो गया है, उठ जाएं प्रधानमंत्री जी." अवारी नाम के एक ट्विटर हैंडल ने मोदी को बाबा नरेंद्र मोदी कहा है और लिखा है, "और इस बीच बाबा नरेंद्र मोदी: हम योग और मन की बात से चरमपंथ को ख़त्म कर सकते हैं." ग़ुस्सैल जोकर नाम के ट्विटर हैंडल में लिखा था, "अगर योग से सब समस्याएं हल होतीं तो बाबा रामदेव सबसे बढ़िया प्रधानमंत्री होते."
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा, 'चरमपंथी हमले मनमोहन (कांग्रेस के समय में प्रधानमंत्री) औऱ मोदी के समय में हुए हैं. तो फिर मोदी को इसलिए चुना क्योंकि वे योग जानते थे.' विनय ढोकानिया ने लिखा, "जब पेरिस पर हमला हुआ तो फ्रांसुआ ओलां जवाबी हमले का प्रण ले रहे थे, और लोगों को बता रहे थे कि हम सब साथ हैं. 56 इंच के सीने वाले मोदी योग पर ट्वीट कर रहे हैं." अभिषेक बक्शी का कहना है, "जब देश के सशस्त्र बल एक चरमपंथी हमले से जूझ रहे हैं और शहीद हो रहे हैं तो पीएमओ को मोदी जी के योग पर विचारों को ट्वीट करना, सही नहीं था." (साभार बीबीसी)
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