नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह के आरोपों पर केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने पलटवार किया है। गडकरी ने दिग्गी राजा पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए कहा कि न तो उस कंपनी में उनका बेटा डाइरेक्टर है और ना ही उनका पैसा उस कंपनी में लगा है। आईआरबी कंपनी से किसी भी तरह के संबंधों से इंकार करते हुए गडकरी ने दावा किया कि यूपीए सरकार के दौरान ही इस मामले में उन्हें क्लीन चिट मिल चुकी है। गडकरी ने कहा कि इस मामले से मेरा कोई संबंध नहीं है। ये झूठे आरोप पहले भी लगे और पहले भी बहुत कुछ लिखा गया, लेकिन क्लीन चिट मिल गया। पहले की कांग्रेस की सरकार में ही मुझे क्लीन चिट मिल गई थी। कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह के आरोपों पर केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने पलटवार किया है। गडकरी ने दिग्गी राजा पर झूठ बोलने का आरोप लगाया है।
गौरतलब है कि दिग्विजय सिंह ने दावा किया था कि नितिन गडकरी ने जोजिला पास में एक सुरंग का ठेका IRB नाम की कंपनी को दिया है। इस कंपनी ने नितिन गडकरी की पूर्ति लिमिटेड में निवेश किया है और इसकी एक सब्सिडियरी कंपनी में नितिन गडकरी के बेटे निखिल डायरेक्टर रहे हैं। हालांकि 2011 में निखिल उस कंपनी से अलग हो गए थे। दिग्विजय ने गडकरी पर करप्शन का आरोप लगाते हुए इसकी शिकायत मुख्य सतर्कता आयुक्त से करते हुए उन्हें संबंधित कागजात सौंपे थे। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नितिन गडकरी को मंत्रिमंडल से तत्काल बर्खास्त करने की मांग भी की थी। दिग्विजय ने कहा कि सीवीसी की गाइडलाइंस का टेंडर प्रक्रिया में उल्लंघन हुआ है। इस कंपनी के पास ऊंचाई वाले इलाकों में सुरंग बनाने का अनुभव नहीं है लेकिन सिंगल बिडर को उसमें 10 हजार करोड़ का टेंडर दे दिया गया। सिंह ने आरोप लगाया कि प्रेशर डालकर बाकी के बिडर को टेंडर प्रक्रिया से हटवा दिया गया।
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