मुंबई (सुप्रिया सोग्ले)। 'मुन्नाभाई सीरीज़', '3 इडियट्स' और 'पीके' जैसी ब्लॉकबस्टर फ़िल्में बनाने वाले निर्देशक राजकुमार हिरानी भारतीय मीडिया के कार्य शैली पर चिंता जताते हुए कहते है कि मीडिया को ज़्यादा ज़िम्मेदार होने की ज़रूरत है। पिछले कई दिनों से फ़िल्म जगत की कई हस्तियां अपने बयानो से विवाद में घिरती नज़र आई हैं। बीबीसी से ख़ास बातचीत में राजकुमार हिरानी कलाकारों का बचाव करते हुए कहते हैं, "मीडिया में जो ख़बरें आती हैं उस पर पूरी तरह भरोसा नहीं किया जा सकता।" मीडिया के काम करने के तरीक़े पर टिप्पणी करते हुए वे कहते हैं, "अक्सर ख़बरों को बेचने के लिए विवाद खोजे जाते है। अच्छी ख़बरें भी होती है लेकिन उनकी जगह विवादों से भरी ख़बरें दिखाई जाती है।"
राजकुमार किसी भी विवादित सवाल पर टिप्पणी करने से बचते हुए कहते हैं, "अब आमिर का ही उदाहरण देख लीजिए उसने इतनी सारी चीज़ों पर बात की लेकिन उसमें से एक विवादित बात ही रिपोर्ट की गई।" वे आगे कहते हैं, "आजकल मीडिया में लोग जिस तरह काम कर रहे हैं एसा लगता है जैसे किसी ने ज़हर भर दिया हो।" आमिर के साथ सहानभूती जताते हुए वे कहते हैं, "आमिर के साथ जो हुआ उससे मुझे बहुत बुरा लगा, उसे पाकिस्तान जाने के लिए कहा गया, मेरा मानना है जब वह भारत में पैदा हुआ है तो उसे हर बात कहने का हक़ है।" राजकुमार हिरानी, आमिर की तारीफ़ करते हुए आगे कहते हैं, "आमिर अपने काम के प्रति बहुत ईमानदार हैं, अगर मीडिया एसी रिपोर्ट देना बंद कर देगा तो ज़हर निकलना भी बंद हो जाएगा।" वे मीडिया को सलाह देते हुए कहते हैं, "मीडिया को ज़िम्मेदारी से काम करने की ज़रूरत है क्योंकि देश की प्रगती में मीडिया एक बड़ा योगदान देता है।" आये दिन किसी न किसी फ़िल्म के निर्माता सेंसर बोर्ड की आलोचना करते नज़र आते हैं, लेकिन राजकुमार हिरानी मानते हैं कि सेंसर बोर्ड इतना बुरा नहीं है जितना उसे दर्शाया जाता है। वे कहते हैं, "आज आप सिनेमा घरों में 'तलवार' जैसी फ़िल्में जो सीबीआई की जांच पर सवाल खड़े करती है वह भी देख पा रहे हैं। फ़िल्में जिनमें अपशब्द है वे 'अ' सर्टिफिकेट के साथ रिलीज़ होती है।" उनका मानना हैं, "अगर आप ध्यान से देखेंगे तो इतना बुरा हाल भी नहीं है, सेंसर बोर्ड पर भी काफ़ी दबाव होता है। मीडिया के लिए आसान होता है की किसी को भी विलेन की तरह पेश कर दे।" राजकुमार हिरानी कहते हैं, "आज आमिर और सेंसर बोर्ड एक विलेन की तरह ही हो गए हैं पर सेंसर का इतना बुरा हाल नहीं है जितना मीडिया बता रहा है।"
वे हाल ही में पुणे के एफ़टीआईआई की गवर्निंग काउंसिल के सदस्यों मे चुने गए। राजकुमार हिरानी इस संस्थान के छात्र भी रह चुकें हैं। छात्रो द्वारा किए जा रहे विरोध प्रदर्शन पर राजकुमार हिरानी कहते हैं, "फ़िल्म इंस्टिट्यूट आज भी सिनेमा की पढ़ाई के लिए सबसे बेहतरीन जगह है, किसी भी संस्थान को चलाने में तकलीफ़ तो आती ही है।" वे आगे बताते हैं, "अच्छी बात है कि आज सूचना और प्रसारण मंत्रालय पूर्व छात्रों के साथ मिलकर ख़ामी सुधारने का प्रयास कर रहा हैं।" राजकुमार छात्रो को सलाह देते हुए कहते हैं, "सबको मिल के काम करना चाहिए सिर्फ़ धरना देने से कुछ नहीं होगा।" फिलहाल राजकुमार हिरानी बतौर निर्माता फ़िल्म 'साला खड़ूस' के प्रचार में व्यस्त है। 29 जनवरी को रिलीज़ होने वाली इस फ़िल्म में आर माधवन और रीतिका सिंह मुख्य भुमिका में दिखेंगे।
पत्नी को समझाएं आमिरः राम माधव
नई दिल्ली। भाजपा नेता राम माधव ने गुरुवार को असहिष्णुता के विषय पर अभिनेता आमिर खान के बयान की निंदा की। साथ ही उन्होंने आमिर को सलाह दी कि उन्हें देश की प्रतिष्ठा के बारे में केवल ऑटोरिक्शा चालकों को ही नहीं बल्कि अपनी पत्नी को भी ज्ञान देना चाहिए। माधव ने कहा कि सरकार सुनिश्चित करेगी कि भविष्य में पुरस्कार वापसी की जरूरत नहीं हो। उन्होंने कहा, देश की सीमाओं की सुरक्षा और उसके आत्मसम्मान पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। दिल्ली विश्वविद्यालय के एसजीबीटी खालसा कॉलेज में छात्रों को संबोधित करते हुए माधव ने कहा, हम देश की सुरक्षा के लिए समर्पित हैं। हम अपने पड़ोसियों के साथ अच्छे रिश्ते चाहते हैं। लेकिन देश की सीमाओं की सुरक्षा और उसके आत्मसम्मान पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा, नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से देश की छवि दुनियाभर में सुधरी है। मोदी सरकार देश में गरीबी के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ रही है। हम इस समस्या को समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
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