कैलिफोर्निया। गूगल के भारतवंशी सीईओ सुंदर पिचाई ने मुस्लिमों के समर्थन में एक खुला पत्र लिखा है। उनका यह पत्र अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी की ओर से उम्मीदवारी के दावेदार डोनाल्ड ट्रंप के हालिया मुस्लिम-विरोधी आह्वान की पृष्ठभूमि में आया है। इससे पहले फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग भी मुस्लिमों के समर्थन में सामने आ चुके हैं। पिचाई ने अपने ब्लॉग प्लेटफॉर्म 'मीडियम' पर शुक्रवार को लिखा, आइए, हम अपने मूल्यों को डर से हारने न दें। उन्होंने लिखा, यह सिर्फ अवसर के बारे में नहीं है। दिमागी खुलापन, सहनशीलता और नए अमेरिकियों को अपनाना इस देश की महानतम शक्तियों और सबसे परिभाषित विशेषताओं में से एक है। और यह कोई संयोग नहीं है कि अमेरिका आखिरकार आव्रजकों का देश था और है।
उन्होंने हालांकि सीधे ट्रंप का नाम नहीं लिया, लेकिन उनके विवादित बयान का परोक्ष संदर्भ लेते हुए लिखा, इन दिनों खबरों में असहिष्णुता की चर्चा हो रही है जिसे देखकर निराशा होती है। उन्होंने कहा, क्या लोगों की आवाजों, विचारों और योगदानों के बिना सिर्फ उनके मूल स्थान या धर्म के आधार पर हमारा देश एक बेहतर स्थान हो सकता है। ट्रंप ने इस सप्ताह की शुरुआत में अमेरिका में बाहर से मुस्लिमों के आव्रजन पर रोक लगाने का आह्वान किया था, जिसकी व्यापक स्तर पर निंदा हुई थी।
बीते अगस्त गूगल के शीर्ष पद के लिए चुने गए पिचाई खुद एक आव्रजक हैं। उनका जन्म मद्रास मे हुआ था। वह करीब 22 साल पहले अमेरिका चले गए। उन्होंने कहा, मैं पर्याप्त खुशकिस्मत हूं कि मुझे यहां एक यूनिवर्सिटी में दाखिला मिला, और समय-समय पर मैंने देखा कि कड़ी मेहनत ने दूसरे दरवाजे खोले। मैंने यहां एक कॅरियर, एक परिवार और एक जिंदगी बनाई। और मैं खुद को इस देश का एक हिस्सा महसूस करता हूं, जैसा कि मैंने भारत में भी महसूस किया। हाल में जुकरबर्ग ने कहा मुस्लिमों का समर्थन करते हुए कहा था कि उन्हें दूसरों के करतूतों के लिए सताया नहीं जाना चाहिए। उन्होंने फेसबुक के एक पोस्ट में लिखा था, पेरिस हमलों और इस सप्ताह की नफरत के बाद, मैं मुस्लिमों द्वारा महसूस किए जा रहे डर की कल्पना कर सकता हूं। वे महसूस करते हैं कि उन्हें दूसरों की करतूतों के लिए सताया जाएगा। जुकरबर्ग ने लिखा, एक यहूदी के रूप में, मेरे मातापिता ने मुझे सिखाया है कि हमें सभी समुदायों पर हमलों के खिलाफ खड़े होना चाहिए। भले ही आज वह हमला आपके खिलाफ न हो। किसी की आजादी पर हमला सबको आहत करेगा।
फेसबुक के मार्क जुकरबर्ग के बाद अब गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई अमेरिका में मुस्लमानों और अल्पसंख्यकों के समर्थन में खुलकर सामने आए हैं। राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प के विवादित बयानों के बाद सुंदर पिचाई ने असहनशीलता के मुद्दे पर अपनी राय खुलकर रखी। अपने ब्लॉग 'हमारे मूल्यों को डर से हारने मत देना' में ट्रम्प का नाम लिए बगैर पिचाई ने लिखा कि इन दिनों खबरों में लोगों के प्रति 'असहनशीलता' वाली बातचीत को सुनकर काफी दुख पहुंचता है। सुंदर ने लिखा 'हमें अमेरिका और पूरी दुनिया में मुसलमानों और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों का समर्थन करना चाहिए।' रिपब्लिकन पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार ट्रम्प ने कहा था कि 'अमेरिका में मुसलमानों के लिए दरवाज़े पूरी तरह बंद हो जाने चाहिए।' ट्रम्प के इस बयान की जुकरबर्ग के अलावा अमेज़न के प्रमुख जेफ बेज़ोस ने भी निंदा की थी। पिचाई ने ब्लॉग में लिखा है 'सहनशीलता, खुला दिमाग और नए अमेरिकियों का खुले दिल से स्वागत ही इस देश की सबसे बड़ी ताकत है।'
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