सीवान। बिहार के चर्चित तेज़ाब हत्याकांड में विशेष अदालत ने सीवान से आरजेडी के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन को उम्रकैद की सज़ा सुनाई गई है। 11 साल पुराने इस हत्याकांड में शेष रहे चार आरोपियों को भी कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। गौरतलब है कि 16 अगस्त 2004 को जमीनी विवाद में रंगदारी नहीं देने पर सीवान के 2 व्यवसायियों का अपहरण कर लिया गया था। दोनों भाईयों को तेजाब से नहलाकर उनकी बेदर्दी से हत्या कर दी गई।
इस सिलसिले में पूर्व सांसद शहाबुद्दीन और अन्य को साल 2004 में सीवान के 2 व्यवसायियों की हत्या मामले में दोषी करार दिए गए थे। सीवान की विशेष अदालत ने शहाबुद्दीन को हत्या, हत्या की नीयत से अपहरण, सबूत छिपाने और आपराधिक षड़यंत्र का दोषी करार दिया था। हत्याकांड के चश्मदीद मृतकों के भाई के मुताबिक पूर्व सासंद शहाबु्ददीन खुद उस वक्त मौजूद थे। हालांकि जेल प्रशासन का दावा था कि शहाबुद्दीन उस वक्त जेल में बंद सजा काट रहे थे। शहाबुद्दीन को आज उम्रकैद या फांसी की सजा का ऐलान किया जा सकता है। इससे पहले करीब 7 मामलों में शहाबु्दीदन जेल की सजा काट रहा है।
16 अगस्त 2004 में सीवान में चंदा बाबू के जमीनी विवाद पर बैठक हो रही थी जब इस बीच कुछ लोग आए और व्यवसायी चंदा बाबू को जान से मारने की धमकी देने लगे। व्यवसायी के परिजन घर भागे और तेजाब हमलावरों पर फेंक दिया। उसी दिन 2 दुकानों से चंदा बाबू के बेटों का अपहरण हुआ। 2011 में चंदा बाबू का बड़ा बेटा राजीव कोर्ट में पेश हुआ। राजीव ने गवाही दी कि 2004 में उसका भी अपहरण हुआ था। शहाबुद्दीन के आदेश पर दोनों भाईयों की हत्या हुई। राजीव के सामने दोनों भाईयों को तेजाब से नहलाया गया। राजीव किसी तरह जान बचाकर भाग गया। 16 जून 2014 में चश्मदीद राजीव की भी हत्या कर दी गई। 9 दिसंबर 2015 को शहाबुद्दीन दोषी करार दिया गया।
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