लखनऊ। इटावा में होने वाला सालाना सैफई महोत्सव शुरू हो गया लेकिन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव उसमें शामिल नहीं हुए। सियासी हलकों में खबर गर्म है कि अपने दो साथियों के पार्टी से निकाले जाने से वह नाराज़ हैं। लेकिन सैफई महोत्सव के आयोजक और अखिलेश के चचेरे भाई धर्मेन्द्र यादव ने एनडीटीवी से कहा कि अखिलेश व्यस्त होने की वजह से महोत्सव में नहीं पहुंच पाये हैं, लेकिन फ़ोन से वह पल-पल की जानकारी ले रहे हैं। अखिलेश यादव के दो युवा साथी सुनील यादव 'साजन' और आनंद भदौरिया को मुलायम सिंह यादव के निर्देश पर पार्टी से निकल दिया गया है। उनके ऊपर पार्टी विरोधी काम करने का इल्ज़ामम लगाया गया है। जानकार कहते हैं कि लखनऊ के जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए समाजवादी पार्टी ने विजय बहादुर यादव का नाम तय किया था लेकिन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के क़रीबी माने जाने वाले सुनील यादव 'साजन' ने उसे बदलवा कर टिकट अपने किसी क़रीबी को दिलवा दिया। वह पार्टी उम्मीदवार की मुख़ालफ़त भी कर रहे थे। मुलायम सिंह के पास इसकी शिकायत पहुंचने पर उन्होंने उन्हें पार्टी से निकाल दिया। यह दोनों नेता अखिलेश यादव के क़रीबी माने जाते हैं। कहा जा रहा है कि उनके निष्कासन से नाराज़ अखिलेश यादव सैफई महोत्सलव में नहीं गए।
सैफई महोत्सिव का आग़ाज़ मुलायम सिंह के भाई और राज्यसभा सांसद रामगोपाल यादव ने नगाड़ा बजा कर किया। इसके बाद मुलायम की छोटी बहू अपर्णा यादव ने भक्ति गीत गए। अपर्णा ने राग भीम पलासी में सरस्वती वंदना और राग मारवा में शिव स्तुति पेश की। मशहूर लोक गायिका मालिनी अवस्थी ने भी लोक गीत पेश किये। इस मौके पर अखिलेश यादव के अलावा मुलायम सिंह का पूरा कुनबा मौजूद था। सैफई महोतसव में बॉलीवुड के ज़्यादातर बड़े स्टार अपना फन दिखा चुके हैं। इसके लिए यादव परिवार की कई बार आलोचना भी होती है, लेकिन उनका तर्क है कि देश के जिन बड़े सेलिब्रिटीज की परफॉरमेंस सिर्फ बड़े शहरों के रईस लोग ही देख सकते थे, उन्हें वे अपने गांवों के ग़रीब लोगों को दिखने के लिए सैफई लाते हैं। इस बार सैफई महोत्सव 17 दिन चलेगा।
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