मुंबई। मुंबई में बांद्रा ईस्ट के प्लाट पर जहां नेशनल हेरॉल्ड की इमारत खड़ी होनी थी। वहां आज साईप्रसाद हाउसिंग सोसायटी खड़ी है और एक डाईग्नोसिस सेंटर बनने वाला है। जबकि बाकी बचे प्लाट पर अब एक 11 मंजिला इमारत बन रही है जिसका नेशनल हेराल्ड के उद्देश्यों से कोई वास्ता नहीं। यह प्लाट मूलतः पिछड़े वर्ग के छात्रावास के लिए आरक्षित था। पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्री एआर अंतुले ने इस आरक्षण को हटाया। अंतुले ने बिना करारनामे के 1983 में प्लाट एसोसिएट जर्नल्स को दे दिया। इस के तहत यहां से नेशनल हेराल्ड, क़ौमी तंज़ीम और नवजीवन अख़बार चलने थे। बाद में 1990 तक मुम्बई के बांद्रा इलाके में कुल मिलाकर 3479 स्क्वेअर मीटर की जमीन एसोसिएट जर्नल्स को दी गई। कांग्रेसी मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने इस प्लाट का करीब 2 करोड़ 79 लाख रुपये का टैक्स भी माफ़ करा दिया। इस प्लाट के 3 दशक तक इस्तेमाल में न लाने पर दो हिस्से किए गए। जिस पर कांग्रेसी नेताओं के दखल से इमारत बनीं। जिसमें मुम्बई कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष कृपाशंकर सिंह के साथ राज्य के वर्तमान मुख्य सचिव स्वाधीन क्षत्रीय के अलावा कई रसूखदार नेताओं के घर हैं।
नेशनल हेराल्ड की कंपनी को इस प्लाट के दिए जाने और उस पर इमारत बनने एक नुकसान यह भी हुआ कि इस वजह से बांद्रा-कुर्ला लोकल लाइन नहीं बन सकी। इस लोकल लाइन की डेढ़ करोड़ मुम्बईवासियों को आज भी सख़्त जरूरत है। RTI से मुम्बई में नेशनल हेराल्ड के लिए आबंटित प्लाट का गड़बड़झाला उजागर हुआ है। जिस के बाद RTI कार्यकर्ता अनिल गलगली ने राज्य सरकार के प्रमुख मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस को ख़त लिखा है। ख़त में उन्होंने अखबार के लिए दिए प्लाट पर जारी निर्माण कार्य तुरंत प्रभाव से रोकने की मांग की है। साथ ही कहा है कि सरकार इस प्लाट को वापस लेकर वहां पिछड़े वर्ग का छात्रावास बनाए। जिसके लिए यह जमीन आरक्षित थी। इसके बाद राज्य सरकार अब इस प्लाट आवंटन की जांच करने की बात कह चुकी है। राजस्व मंत्री एकनाथ खड़से ने नागपुर में संवाददातों को बताया कि मामले की जांच होगी। ग़लतियां होने पर सरकार प्लाट वापस भी ले सकती है। नेशनल हेराल्ड के लिए दिए गए मौजूदा प्लाट पर बन रही इमारत में भव्य पार्किंग लॉट और ऑफिस स्पेस बनाने का प्रस्ताव बीएमसी को दिया गया है। उल्लेखनीय है कि दिल्ली में कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी को नेशनल हेराल्ड के मामले में कोर्ट में पेश होना है।
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