नई दिल्ली। केंद्र सरकार प्रधानमंत्री, मंत्री और सांसदों का वेतन बढ़ाने पर विचार कर रही है। बताया जा रहा है कि सरकार की यह भावना है कि इन लोगों का वेतन सरकार के कैबिनेट स्तर के सचिव के तुलना में समानांतर सा लगे। उल्लेखनीय है कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू किए जाने के बाद से सचिवों का वेतन इन लोगों से ज्यादा हो जाएगा। फिलहाल यह प्रस्ताव है कि सांसदों का वेतन कैबिनेट सचिवों के वेतन से 1000 रुपये ज्यादा रखा जाए।
वहीं, मंत्रियों का वेतन कैबिनेट सचिव से 10000 रुपये ज्यादा किया जा सकता है। साथ ही प्रधानमंत्री का वेतन कैबिनेट सचिव से 1.5 गुना के करीब करने की बात हो रही है। इसी के साथ यह भी तय किया जा रहा है कि भविष्य में जब भी वेतन आयोग लागू किया जाए तो यह वेतन स्वत: ही बढ़ जाए। आश्चर्यजनक रूप से फिलहाल यह स्थिति है कि दिल्ली का विधायक देश के प्रधानमंत्री से ज्यादा वेतन लेगा। कल ही दिल्ली विधानसभा ने इस आशय का एक बिल पास किया है। बता दें कि हाल ही लागू किए गए सातवें वेतन आयोग के लागू होने के बाद कैबिनेट स्तर के सचिव का वेतन 2.25 लाख रुपये होगा और इस स्तर के किसी भी अधिकारी का सर्वाधिक वेतन 2.50 लाख तक सीमित रहेगा। जानकारी के लिए बता दें कि बुधवार को कुछ सांसदों ने राज्यसभा में यह मांग की थी कि उनका वेतन कैबिनेट सचिव से एक रुपये ज्यादा होना चाहिए।
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