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डीडीसीए मामला : अरविंद केजरीवाल व आशुतोष पर मानहानि का केस करेंगे अरुण जेटली

नई दिल्ली। डीडीसीए को लेकर वित्तमंत्री अरुण जेटली और आम आदमी पार्टी के बीच जारी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। अरुण जेटली ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के कुछ अन्य नेताओं के खिलाफ दीवानी एवं आपराधिक मानहानि का केस करने का फैसला किया है। जेटली ने बताया कि उन्होंने अपनी व्यक्तिगत क्षमता से केजरीवाल, कुमार विश्वास, आशुतोष, संजय सिंह, राघव चड्ढा और दीपक बाजपेयी के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में मानहानि का दीवानी मुकदमा तथा पटियाला हाउस कोर्ट में मानहानि का आपराधिक मुकदमा दायर करने के लिए कानूनी टीम को निर्देश दिया है। डीडीसीए में कथित अनियमितता और वित्तीय गड़बड़ी को लेकर केजरीवाल एवं 'आप' के अन्य नेताओं द्वारा खुद पर प्रहार किए जाने के मद्देनजर जेटली ने यह कदम उठाया है। केजरीवाल और 'आप' के पांच नेता जेटली के खिलाफ डीडीसीए के मामलों को लेकर सार्वजनिक तौर पर आरोप लगा रहे हैं। जेटली ने अपने परिवार के लोगों के खिलाफ भी आरोपों को हास्यास्पद बताते हुए कहा, मेरा ऐसा कोई पारिवारिक सदस्य नहीं है, जिसका कभी भी किसी भी तरह के कामकाज में एक पैसे की भी रुचि रही हो। खेल प्रबंधन के काम काज में मेरे परिवार का क्यों हिस्सा होना चाहिए? जेटली ने केजरीवाल और 'आप' के अन्य नेताओं को कोई कानूनी नोटिस नहीं देने का विकल्प चुना है। इसके बजाय सीधे ही अदालतों में मामले दायर किए जाएंगे। 'आप' नेता दीपक बाजपेयी ने बताया, हम धमकी भरी ऐसी तरकीबों से नहीं डरेंगे। हम अरुण जेटली के अतीत का भेद जानते हैं। आज के खुलासे के बाद, पूरा देश सच्चाई के बारे में जान गया है और हम भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं, चाहे जो कुछ भी करना पड़े।
जेटली के समर्थन में सहवाग और गंभीर
 भाजपा सांसद और पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आज़ाद की डीडीसीए में घपले पर रविवार को होने वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले कुछ पूर्व क्रिकेटर अरुण जेटली के समर्थन में आ गए हैं. आम आदमी पार्टी (आप) ने आरोप लगाया था कि वित्त मंत्री अरुण जेटली के डीडीसीए के अध्यक्ष रहते बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ. पार्टी ने दावा किया कि इस घपले से जुड़ी फ़ाइलों को हासिल करने के लिए ही केंद्रीय जाँच ब्यूरो (सीबीआई) ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के प्रधान सचिव के कार्यालय पर छापा मारा था. लेकिन अरुण जेटली ने इन आरोपो को कोरा 'कचरा' बताया था. इसके बाद कीर्ति आज़ाद ने दावा किया था कि घपले के बारे में आप के पास सिर्फ़ 15 प्रतिशत जानकारी ही है और वह रविवार को बाकी जानकारी सार्वजनिक करेंगे. इस बीच, पूर्व टेस्ट खिलाड़ी वीरेंद्र सहवाग और दिल्ली के कप्तान गौतम गंभीर ने अरुण जेटली के समर्थन में एक के बाद एक कई ट्वीट किए हैं. सहवाग ने ट्वीट किया, "डीडीसीए में कुछ अन्य से बात करना दुस्वप्न जैसा था, लेकिन अरुण जेटली किसी भी मुश्किल में खिलाड़ियों के लिए हमेशा उपलब्ध रहते थे." सहवाग ने एक और ट्वीट किया, "अगर किसी खिलाड़ी के 'गलत' चयन की जानकारी होती थी तो मुझे सिर्फ अरुण जेटली को बताना होता था. वो इसे तुरंत ठीक करते और चयन के हकदार खिलाड़ी को न्याय दिलाते." गौतम गंभीर ने सहवाग के ट्वीट को रीट्वीट तो किया ही है. साथ ही गंभीर ने ट्वीट किया, "डीडीसीए में भ्रष्टाचार के लिए जेटली को ज़िम्मेदार ठहराना उचित नहीं है. उन्होंने जनता के पैसे के बिना दिल्ली को एक शानदार स्टेडियम दिया." उन्होंने ट्वीट किया, "कुछ पूर्व खिलाड़ी डीडीसीए में भ्रष्टाचार के लिए जेटली को ज़िम्मेदार ठहरा रहे हैं, जबकि जेटली के कारण ही उन्हें डीडीसीए में अहम पद मिले."
फ़र्ज़ी कंपनियों को भुगतान
पूर्व क्रिकेटर और भाजपा सांसद कीर्ति आज़ाद ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर डीडीसीए के घोटालों का पर्दाफ़ाश करने का दावा किया है. उन्होंने रविवार को मीडिया के सामने रखे एक वीडियो के ज़रिए बताया कि डीडीसीए ने 14 ऐसी कंपनियों को लाखों रुपए का भुगतान किया, जिनका पता और जानकारी अधूरी थी या ग़लत. उन्होंने अपने वीडियो में बताया कि विकीलीक्स फ़ॉर इंडिया और सन स्टार अख़बार ने अपनी तहक़ीक़ात में एक प्रिंटर का किराया 3000 रुपए प्रतिदिन और लैपटॉप का किराया 16000 रुपए प्रतिदिन बताया है. इस पड़ताल का नाम उन्होंने 'ऑपरेशन डीडीसीए' दिया है. कीर्ति आज़ाद ने पत्रकारों के सामने चुटकी लेते हुए कहा, ''अगर किसी को भ्रष्टाचार में पीएचडी लेना है तो वो डीडीसीए जा सकता है.'' प्रेस कॉन्फ़्रेंस में उनके साथ भारतीय टीम के पूर्व कप्तान बिशन सिंह बेदी भी मौजूद रहे. प्रेस कॉन्फ़्रेंस से ठीक पहले भाजपा सांसद कीर्ति आज़ाद पर उन्हीं की पार्टी ने हमला बोला था और कहा था कि शायद वह सोनिया गांधी से मिल गए हैं. जिसके जवाब में कीर्ति आज़ाद ने कहा था कि जिस व्यक्ति ने ऐसा कहा है वह यह जान लें कि उनके पिता तो काफ़ी समय से कांग्रेस से जुड़े हुए थे. इसके अलावा उन्होंने इशारा किया कि उन पर आरोप लगाने वालों के संबंध भी तो विरोधियों से अच्छे हैं. दिल्ली के पूर्व कप्तान और साल 1983 में विश्व कप क्रिकेट टूर्नामेंट के विजेता भारतीय क्रिकेट टीम के सदस्य रहे कीर्ति आज़ाद ने पिछले कुछ वर्षों से डीडीसीए के ख़िलाफ़ अपना अभियान चला रखा है. उनके अनुसार डीडीसीए या कहें कि फ़िरोज़शाह कोटला स्टेडियम के पुनर्निर्माण में गंभीर वित्तीय गड़बड़ियां हुई हैं. उनका सबसे बड़ा विरोध इसे लेकर है कि उन्होंने समय रहते लगातार इसकी जानकारी तत्कालीन अध्यक्ष रहे अरुण जेटली को दी, पर उन्होंने इस पर कान नहीं दिया. यहां तक कि कीर्ति आज़ाद ने कई बार फ़िरोज़शाह कोटला के बाहर धरना तक दिया और उनका साथ देने वालों में भारत और दिल्ली टीम के पूर्व कप्तान रहे बिशन सिंह बेदी, मदन लाल, मनिंदर सिंह और दूसरे खिलाड़ी भी शामिल रहे. मीडिया में भी यह मामला लगातार छाया रहा. दरअसल साल 1996 में भारत में हुए विश्वकप क्रिकेट टूर्नामेंट के बाद से ही पुनर्निर्माण के नाम पर फ़िरोज़शाह कोटला मैदान में तोड़फोड़ चलती रही. आईपीएल के शुरू होने के बाद फ़िरोज़शाह कोटला के निर्माण में और भी तेज़ी आई. और इसके बाद ही कीर्ति आज़ाद का विरोध और मुखर हुआ. उनके अनुसार निर्माण करने वाली कंपनियों को एक से ज़्यादा बार भुगतान किया गया. उनके मुताबिक़ यहां तक कि एक ही पते और एक ही फ़ोन नंबर वाली कई कंपनियां थीं, जिनसे डीडीसीए के पदाधिकारियों के निजी संबंध भी ज़ाहिर हुए. इसके अलावा उन्होंने जब प्रेस कॉन्फ़्रेंस करने का फ़ैसला किया तो उससे पहले यह दावा भी किया कि इन कंपनियों के पास पैन कार्ड जैसी बुनियादी चीज़ें तक नहीं थीं. उनका इल्ज़ाम यह भी है कि खिलाड़ियों के चयन में पैसों का लेनदेन किया जाता है. इसके अलावा डीडीसीए की बार में दो अक्टूबर के दिन शराब परोसी गई. जो ग़ैरक़ानूनी था. बाद में इस बार को बंद कर दिया गया था. कीर्ति आज़ाद जिन दिनों डीडीसीए के ख़िलाफ़ आरोपों की झड़ी लगा रहे थे उसके बाद डीडीसीए ने एक समिति भी बनाई थी, जो डीडीसीए में चल रहे कामकाजों को देख रही थी. उसमें ख़ुद कीर्ति आज़ाद भी शामिल थे लेकिन बाद में यह कमेटी भंग कर दी गई थी. कीर्ति आज़ाद और उनसे जुड़े पूर्व क्रिकेटरों ने आरोप लगाया था कि उन्हें डीडीसीए के पदाधिकारी काम करना तो दूर स्टेडियम में भी घुसने नहीं दे रहे हैं. उन दिनों यह मामला भी बेहद गर्माया था. कीर्ति आज़ाद की प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले कुछ पूर्व क्रिकेटर भी अरुण जेटली के समर्थन में आ गए हैं. पूर्व टेस्ट खिलाड़ी वीरेंद्र सहवाग और दिल्ली के कप्तान गौतम गंभीर ने अरुण जेटली के समर्थन में एक के बाद एक कई ट्वीट किए.
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