इस्लामाबाद। अफगान सम्मेलन में शिरकत के लिए पाकिस्तान पहुंची भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ऐलान किया कि भारत और पाकिस्तान समग्र वार्ता शुरू करने के लिए राजी हो गए हैं और जल्द ही दोनों देशों के विदेश सचिवों के बीच मुलाकात होगी। पाकिस्तानी समकक्ष सरताज अजीज के साथ द्विपक्षीय वार्ता के बाद भारतीय विदेशमंत्री ने यह ऐलान किया है। इसके साथ ही स्वराज ने कहा, 'यह वार्ता किस तरह आगे बढ़ेगी, इसके समय और तौर-तरीकों पर आगे निर्णय लिया जाएगा।' विदेशमंत्री सुषमा स्वराज की पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शरीफ और विदेश मामलों के सलाहकार सरताज के साथ मुलाकात के बाद यह साझा बयान जारी किया गया। इसमें बताया गया कि पाकिस्तान ने भारत को मुंबई हमले की सुनवाई को 'जल्द निष्कर्ष तक पहुंचाने के लिए इसे तेज करने के लिए कदम उठाए जाने' का भरोसा दिलाया है। भारत इस मामले को जल्द निष्कर्ष तक ले जाने के लिए लंबे समय से दबाव बनाता आ रहा है।
इस साझा बयान के अनुसार 'समग्र द्विपक्षीय वार्ता' में परस्पर विश्वास बहाली के कदम, सियाचिन, सर क्रीक, वुलर बराज- तुलबुल नौवहन परियोजना, आर्थिक एवं वाणिज्यिक सहयोग, आतंकवाद विरोधी लड़ाई, मादक पदार्थों पर अंकुश, मानवीय मुद्दे, जनता के बीच परस्पर आदान-प्रदान तथा धार्मिक पर्यटन के मुद्दे भी शामिल होंगे। दोनों देशों के इस साझा बयान में आतंकवाद की निंदा की गई है और इसका खात्मा करने के लिए सहयोग का संकल्प लिया गया है। इससे पहले विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मुलाकात की। इस मुलाकात में विदेश सचिव एस. जयशंकर और विदेश मामलों पर शरीफ के सलाहकार सरताज अजीज सहित अन्य लोग भी मौजूद थे। इसके अलावा सुषमा स्वराज ने इस्लामाबाद में चल रहे हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन में अफगानिस्तान में आतंकवाद के तेजी से बढ़ने की बात कहते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से कहा कि सुनिश्चित किया जाए कि अतिवादी ताकतें किसी भी ‘नाम या स्वरूप' में सुरक्षित पनाहगार हासिल नहीं करें। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान की सुरक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लगातार समर्थन की जरूरत है और भारत अपनी तरफ से अफगानिस्तान की सरकार के साथ काम करने को तैयार है ताकि उसकी रक्षा क्षमता मजबूत हो।
सुषमा ने कहा कि आतंकवादियों ने क्षेत्र पर कब्जा करने का लगातार प्रयास किया है जो याद दिलाता है कि वे बदले नहीं हैं। सुषमा ने कहा, यह हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है कि सुनिश्चित करें कि आतंकवादी और अतिवादी ताकतें किसी भी नाम या स्वरूप में सुरक्षित पनाहगार हासिल नहीं करें। अफगानिस्तान का नजदीकी होने के नाते इस मामले में हमारी विशेष जवाबदेही है। आतंकवादी ताकतों से मुकाबला करने में अफगानिस्तान के सुरक्षा बलों और देश के लोगों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि भारत अफगानिस्तान की ‘‘रक्षा क्षमता’’ मजबूत करने के लिए उसके साथ काम करने को तैयार है। सुषमा ने साथ ही पाकिस्तान, अफगानिस्तान और दूसरे एशियाई देशों को भारत आने का निमंत्रण दिया है। उन्होंने कहा कि मैं अगले साल आप सब लोगों का भारत में स्वागत करना चाहती हूं।
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