नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से वित्तमंत्री अरुण जेटली के ख़िलाफ़ आरोप लगाने के लिए सार्वजनिक माफ़ी की मांग की है. पार्टी का कहना है कि डीडीसीए मामले में दिल्ली सरकार की जांच में वित्तमंत्री के ख़िलाफ़ कोई सुबूत नहीं मिला है. पार्टी प्रवक्ता एमजे अकबर ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि जिस सीबीआई छापे में मिली डीडीसीए फ़ाइल के आधार पर केजरीवाल ने जेटली पर आरोप लगाए थे, उनमें जेटली का नाम ही नहीं है. वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक ट्वीट में कहा है कि यह देखना रोचक है कि कुछ मीडिया संस्थान जेटली को बेदाग़ साबित करने पर तुले हैं. जेटली जाँच से क्यों डर रहे हैं? उनका कहना था, "सच सामने है. रिपोर्ट में जेटली का नाम नहीं लिया गया है. उनके ख़िलाफ़ कोई आरोप नहीं है और न ही किसी गड़बड़ी का संकेत है. हमें लगता है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री को जेटली से माफ़ी मांगनी चाहिए.. उन्हें सार्वजनिक तौर पर माफ़ी मांगनी चाहिए."
उधर, 'आप' नेता आशुतोष ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस के ज़रिए सवाल उठाया, ''अगर भाजपा को इतना यक़ीन है कि तो वह जांच से क्यों भाग रही है? उन्हें इसे किसी नतीजे तक पहुँचाना चाहिए. जेटली जांच-पड़ताल से पीछे क्यों हट रहे हैं'' उनका कहना था, ''यहां तक कि प्रधानमंत्री ने कहा है कि आपको आडवाणी का अनुसरण करना चाहिए और इस्तीफ़ा देना चाहिए जब तक बेदाग़ साबित न हों. उन्हें आगे आकर देश के सामने उदाहरण रखना चाहिए. पहले उन्होंने कमेटी की रिपोर्ट ख़ारिज की थी और अब वो इसे पवित्र पुस्तक की तरह ले रहे हैं.'' आशुतोष ने दावा किया, "रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इस मामले पर जांच आयोग होना चाहिए. एक व्हिसलव्लोअर ने 'आप' सरकार को पहले ही बता दिया था कि जांच आयोग गठन उपराज्यपाल के ज़रिए रोक दिया जाएगा."
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