मैरवा (सीवान, बिहार, भारत)। बिहार में आजकल सियासत का मौसम चल रहा है। इस मौसम में कौन सी सियासी हवा किस दिशा बहने लगे, कहा नहीं जा सकता। फिलहाल, चुनाव लड़ने के लिए दलीय-निर्दलीय प्रत्याशियों के बीच दावेदारी की होड़ मची है। हर कोई जनता की सेवा करने की बात कर रहा है। इसी में अलग नारा देते हुए समाजसेवी उपेन्द्र पाण्डेय ने भी चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। नारा दिया है- ‘उपेन्द्र पाण्डेय का सियासी आगाज, समाज का बनेंगे हम खरी आवाज’।
जी हां, यह तसवीर जीरादेई विधानसभा क्षेत्र की उभरकर सामने आ रही है। फिलहाल, यहां से भाजपा की विधायक आशा पाठक हैं। भाजपा ने फिर से आशा पाठक को ही मैदान में उतारने की घोषणा की है। जबकि महागठबंधन के प्रत्याशी के रूप में रमेश सिंह कुशवाहा मैदान में हैं, वहीं भाकपा माले से अमरजीत कुशवाहा के चुनाव लड़ने की उम्मीद है। इनके अलावा राजपूत बिरादरी से भी कई-कई महारथी चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं, जबकि ब्राह्मण प्रत्याशी के रूप में अभी तक आशा पाठक के उपेन्द्र पाण्डेय का ही नाम सामने आया है। राजनीति के जानकार बताते हैं कि यदि उपेन्द्र पाण्डेय पूरे दम-खम से चुनाव मैदान में उतर जाते हैं तो आशा पाठक की स्थिति बिगड़ सकती है। उपेन्द्र पाण्डेय का दावा है कि वे चुनाव जीतने के लिए मैदान में उतर रहे हैं, वोट काटने के लिए। कहते हैं-‘मेरी राजनीति जात-पात से ऊपर है। मेरे लिए हर जाति-धर्म के लोग एक जैसे हैं। मेरी जीत पक्की है।’
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