निनाद के वार्षिक कार्यक्रम की अनूठी प्रस्तुतियों ने किया मंत्रमुग्ध
पटना। भारतीय संस्कृति एवं संगीत के प्रचार प्रसार में सक्रिय संस्था ‘निनाद‘ द्वारा स्थानीय दीप नारायण इंस्टीयूट में वार्षिक कार्यक्रम प्रतिभा का आयोजन किया गया। वैसे तो निनाद पूरे वर्ष छोटे बड़े कलाकारों के विविध कार्यक्रमों का आयोजन करता है लेकिन वर्ष में दो कार्यक्रम अपने संस्था के प्रशिक्षुओं के मंच प्रदर्शन हेतु करता है। प्रतिभा उनमें से ही एक है। इस कार्यक्रम के द्वारा निनाद प्रशिक्षुओं को मंच प्रदान करके उनका उत्साह वर्धन करता है।
रविवार को आयोजित इस कार्यक्रम की शुरूआत सृजनात्मक नृत्य की प्रस्तुति से हुई। इसके पश्चात संस्था के गिटार प्रशिक्षुओं ने ही ‘गुलाबी आंखें...’ गीत की प्रस्तुति करके माहौल शायराना कर दिया। तत्पश्चात गायन प्रशिक्षुओं ने भजन ‘ठुमक चलत रामचंद्र’ की प्रस्तुति से कार्यक्रम को शास्त्रीय मोड़ दिया। इसके बाद शायंतन मोइत्रा ने राग देस पर आधारित ‘बदरा ले जा नीर हमारे’ के एकल प्रस्तुति से श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। इसके बाद ऋषिका चौधरी ने सूफी गा कर एक बार फिर से कार्यक्रम को मिजाज बदल दिया। इसके बाद निनाद के तबला प्रशिक्षुओं ने झपताल एवं कायदा, टुकरा, परज एवं रेला आदि पस्तुत किया तत्पष्चात नृत्य प्रशिक्षुओं ने अलग-अलग समूहों में कथक में ‘बरतन छबी श्याम’ रास रचत, होली, सूफी, धम्मार, तराना, झपताल, कृष्ण वंदना आदि को प्रस्तुत की। इसके पश्चात दक्षिण भारत के शुद्व शास्त्रीय नृत्य विधा भरतनाटयम् जिसका प्रशिक्षण हाल ही में निनाद में शूरु किया गया है, की प्रस्तुति की गई। दोपहर एक बजे से संध्या छह बजे तक चलने वाले इस कार्यक्रम में निनाद के लगभग 250 प्रशिक्षुओं ने कला के विविध विधाओं की सुन्दर प्रस्तुति की।
0 comments:
Post a Comment
आपकी प्रतिक्रियाएँ क्रांति की पहल हैं, इसलिए अपनी प्रतिक्रियाएँ ज़रूर व्यक्त करें।