नई दिल्ली। आरएसएस और आरएसएस से संबंधित हिन्दुत्ववादी संगठन देश विरोधी कार्रवाईयों में में शामिल हैं, इसका जीता जागता सुबूत गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे के समय गृह सचिव रहे आरके सिंह ने देते हुए कहा कि आरएसएस से जुड़े लोगों के आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के उनके पास पुख्ता सुबूत हैं। आरके सिंह ने कह कि समझौता एक्सप्रेस, मक्का मस्जिद और अजमेर शरीफ दरगाह बम ब्लास्ट की जांच में कम से कम 10 ऐसे लोगों के नाम सामने आए हैं जो सीधे तौर पर आरएसएस या फिर आरएसएस से जुड़े संगठनों से जुड़े हैं।
गृह सचिव ने कहा कि सुनील जोशी, संदीप डांगे और कमल चौहान जैसे लोग हैं, जिनका रिश्ता आरएसएस से है। इस सभी के खिलाफ उनके पास धमाकों में शामिल होने के पुख्ता सुबूत हैं। गृह सचिव का ये बयान ऐसे समय में आया है जब शिंदे के ऐसे बयान को लेकर फंसी कांग्रेस सफाई देने की मुद्रा में आ गयी। कांग्रस महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने साफ कहा कि कांग्रेस आतंकवाद को किसी धर्म से जोड़ कर नहीं देखती। पार्टी हिंदू आतंकवाद से सहमत नहीं है और मुमकिन है गलती से ऐसी बातें किसी के मुंह से निकल गई हों। अब इस मामले को खत्म किया जाना चाहिए। उधर शिंदे के बयान पर आरएसएस का पलटवार जानी है। आरएसएस ने शिंदे के बयान को हिंदू समाज पर हमल बताया और माफी की मांग की। आरएसएस की ओर से मनमोहन वैद्य ने इस मुद्दे पर मीडिया के सामने आकर बयान दिया। गौरतलब है कि जयपुर चिंतन शिविर में गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा था कि बीजेपी और आरएसएस के कैंपों में हिंदू आतंकवाद को बढ़ावा दिया जाता है। अब मोदी सरकार को आरएसएस के खिलाफ इससे बड़ा और क्या सुबूत चाहिए कि उन्हीं के गृहमंत्रालय का सचिव आरएसएस की पोल खोलता है और उसे आतंकी गतिविधियों वाली संगठना करार देता है। फिर भी सरकार है कि आरएसएस को देशभक्त सिद्ध करने में जुटी हुई है। (साभार दैनिक जंग)
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