नई दिल्ली। दिल्ली् में तीन दिन तक चली राष्ट्रीकय स्वायंसेवक संघ की बैठक में हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शुक्रवार को पहुंचे। सूत्रों के अनुसार करीब 15 मिनट तक दिए गए अपने भाषण में पीएम मोदी ने कहा कि उन्हें स्वयंसेवक होने पर गर्व है। और इसी वजह से वह आज जहां हैं, वहां तक पहुंचे हैं। पीएम ने कहा कि संघ से मार्गदर्शन मिला है।
इससे पहले संघ ने कहा था कि सरकार को कोई एजेंडा नहीं दिया है। आरएसएस की तीन दिनों की समन्वय बैठक के आखिरी दिन संघ नेता दत्ताेत्रय होसबोले ने कहा कि ये सरकार की कोई समीक्षा बैठक नहीं थी। हां, सरकार के मंत्री आए थे और उन्होंने अपनी बात रखी। मंत्रियों ने शासन के कामकाजों से संघ को अवगत कराया। दत्ताेत्रेय ने कहा, 'पश्चिम के कई मॉडल आज फ़ेल हो गए हैं। आज गांवों को छोड़ लोग शहर की तरफ भाग रहे हैं। संघ ने हालांकि सरकार से कहा कि शिक्षा के दायरे से कोई बाहर न रहे और विकास मॉडल पर सरकार से चर्चा हुई। इसके अलावा पड़ोसी देशों के साथ संबंधों पर बात हुई। उन्हों ने आगे कहा कि धार्मिक जनगणना पर अभी विचार नहीं किया है। वहीं, कांग्रेस पर पलटवार करते हुए आरएसएस ने कहा है कि कांग्रेस को सवाल पूछने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। संघ ने पड़ोसियों से बेहतर रिश्तों की बात कही है। दरअसल, तीन दिन तक चली इस बैठक के दौरान बीते दो दिनों में सरकार के कामकाज पर संघ और सरकार के बीच चर्चा हुई। इसके अलावा कई मंत्रियों की ओर से अपने कामकाज का ब्यौरा भी संघ के पदाधिकारियों को दिया गया। वहीं, संघ ने सरकार को उसके काम को लेकर देश में बन रहे मूड के बारे में जानकारी दी। इस बैठक में आंतरिक सुरक्षा के व्यापक मुद्दे छाये रहे, जिसमें जम्मू-कश्मीर और नक्सल समस्या से जुड़े मुद्दे शामिल हैं। ऐसा समझा जाता है कि गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए सरकार के कदमों को समझाया है, जबकि आरएसएस पदाधिकारियों ने हाल में हुए आतंकवादी हमले और पाकिस्तान की ओर से संघषर्विराम उल्लंघनों में हुई बढ़ोतरी का मुद्दा उठाया। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने भी सरकार, भाजपा और आरएसएस एवं उससे संबंधित 15 संगठनों के बीच चर्चा में हिस्सा लिया। उन्होंने सुरक्षा स्थिति पर अपना नजरिया और सीमापार से होने वाले संघषर्विराम उल्लंघनों से मुकाबले के लिए उठाये गए कदमों के बारे में जानकारी दी।
सिंह ने सरकार की ओर से एनएससीएन (आईएम) के साथ किए गए नगा शांति संधि रूपरेखा को चर्चा के लिए उठाया और सूत्रों के अनुसार बैठक में हिस्सा लेने वाले कई प्रतिभागियों ने इसकी प्रशंसा की। दोनों वरिष्ठ नेताओं के अलावा कई अन्य मंत्रियों ने भी आज बैठक में हिस्सा लिया, जिसमें मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी के अलावा भाजपा अध्यक्ष अमित शाह भी शामिल थे। इस बैठक में शिक्षा और सामाजिक मुद्दों पर भी चर्चा हुई। सभी प्रमुख मंत्रियों ने इस बैठक में हिस्सा लिया है और आरएसएस एवं उसके संबद्ध संगठनों की ओर से उठाए गए मुद्दों पर उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी दी है।
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