मैरवा (सीवान, बिहार, भारत)। बेशक, जीरादेई विधानसभा क्षेत्र का चुनाव इस बार अपनी प्रकृति में अनूठा रंगत लिए हुए है। वरना, इलाके की राजनीति में गहरी पैठ रखने वाले शाही घराना के विजय प्रताप शाही उर्फ मंटू शाही भी इस बार चुनाव लड़ने को यूं ही तैयार नहीं हो जाते। कहा जा रहा है कि इलाके के लोगों से मशविरा के उपरांत मंटू शाही ने भी विधानसभा चुनाव लड़ने का अडिग फैसला लिया है। इस बाबत कई दिनों तक आपसी सलाह-मशविरा के बाद यह निर्णय हुआ है। मंटू शाही अब मैदान से कदम वापस नहीं खींचेंगे, इस बात की पुष्टि कराने के लिए उनके समर्थकों ने फेसबुक पर जनसंपर्क करते हुए उनके फोटो जारी किए हैं।
जीरादेई विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाला मैरवा प्रखंड क्षेत्र खासा अहमियत रखता है। यहां की जागरूक जनता और नेता ही जीरादेई क्षेत्र पर प्रभावी दखल रखते हैं। इस इलाके की निर्वतमान विधायक भाजपा की आशा पाठक है। इस बार इलाके में अपनी खास पहचान रखने वाले व चर्चित शाही घराने के विजय प्रताप शाही उर्फ मंटू शाही भी चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं। अपनी तैयारियों को अमली जामा पहनाने के लिए उन्होंने अपना जनसंपर्क अभियान भी शुरू कर दिया है। गौरतलब है कि मंटू शाही की इस सियासी अंगड़ाई ने किस-किस की नींद उड़ाई है, यह अलग से आंकलन का विषय है। पर इतना जरूर है कि मौजूदा विधायक की नींद में खलल तो पड़ ही गई है।
चुनाव मैदान में जोर-आजमाइश के बाद मंटू शाही की क्या स्थिति होगी, यह तो मतगणना के उपरांत ही पता चलेगी, पर इलाके में उनकी पहचान यदि वोट में तब्दील हो जाती है तो इसमें कोई शक नहीं कि पाशा भी पलट जाए। वैसे हार-जीत के बारे में अभी आकलन करना ठीक नहीं है। हां, इतना तो कहा जाने लगा है कि मंटू शाही के मैदान में आने से मुकाबला रोचक हो गया है। सूत्रों का कहना है कि चुनाव के लिए नामांकन की आखिरी तारीख तक कई प्रभावी चेहरे मैदान में आ सकते हैं।
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