लखनऊ। कालेज आते-जाते छेड़खानी किए जाने से परेशान गोरखपुर के बेलीपार क्षेत्र की बीए की छात्रा ने फांसी लगा ली। छात्रा की शिकायत पर तीन दिन पहले पुलिस ने शोहदों को पकड़ा था, लेकिन बाद में समझौता कराकर उनको थाने से छोड़ दिया था। छूटने के बाद शोहदों के व्यंग्य करने से आहत होकर छात्रा ने मौत को गले लगा लिया।
पीडि़ता के भाई की तहरीर पर गांव के ही हीरालाल, सर्वेश, विनय और सत्येंद्र के खिलाफ छेड़खानी तथा आत्महत्या के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज हुआ है। छात्रा इलाके के ही एक डिग्री कालेज में प्रथम वर्ष में पढ़ती थी। आरोप है कि विद्यालय आते-जाते गांव के ही कुछ युवक उसका पीछा कर छेड़छाड़ करते थे। शुरू-शुरू में छात्रा इसे नजरअंदाज करती रही। मचले गांव में भी उससे छेड़खानी करने लगे। तीन सितंबर को बेलीपार थाने में उसने लिखित शिकायत की। पुलिस ने आरोपियों को हिरासत में लिया, लेकिन बाद में सत्ताधारी दल के कुछ लोगों के प्रभाव में आकर पीडि़ता और उसके परिवार के लोगों पर दबाव बनाकर मामले में समझौता करा दिया। आज छात्रा गांव में ही कहीं जा रही थी। रास्ते में शोहदे मिल गए। उन्होंने छात्रा पर व्यंग्य कसते हुए भद्दी टिप्पणी करनी शुरू कर दी। आसपास के कई लोगों ने उनकी यह टिप्पणी सुनी। इसकी जानकारी होने पर छात्रा के परिवार वाले मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक शोदहे वहां से जा चुके थे। इसी बीच छात्रा घर पहुंचकर छत के कुंडा में दुपट्टा बांध फंदे से झूल गई। एसएसपी प्रदीप कुमार ने कहा कि यह बेहद गंभीर घटना है। आरोपी बख्शे नहीं जाएंगे। दोषी पुलिसकर्मी के विरुद्ध भी जरूरी कार्रवाई की जाएगी।
उधर, आगरा के बिचपुरी कैंपस स्थित गल्र्स हॉस्टल में 22 वर्षीय इंजीनियरिंग छात्रा ने खुदकशी कर ली। छात्रा के पास से सुसाइड नोट नहीं मिलने से आत्महत्या का कारण पता नहीं चल सका है। इलाहाबाद के थाना खुल्दाबाद क्षेत्र की रहने वाली तोशी बिचपुरी इंजीनियरिंग कॉलेज में एमटेक प्रथम वर्ष की छात्रा थी। हॉस्टल के कमरा संख्या 122 में अकेली रह रही थी। रक्षाबंधन के बाद वह तीन दिन पूर्व लौटी थी। साथी छात्राओं के मुताबिक तोशी मानसिक तनाव में चल रही थी। उसके कमरे का दरवाजा नहीं खुला तो साथी छात्राओं ने हॉस्टल प्रशासन को जानकारी दी। हास्टल प्रशासन ने दरवाजा तोड़ा तो छात्रा का शव छत में लगे पंखे से दुपट्टे पर झूलता पाया।
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