नई दिल्ली (उमाशंकर सिंह)। कांग्रेस और बीजेपी के बीच की बयानबाजी में शब्दों की कलाबाजी जोरों पर है। पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हवाबाज कहकर उनके कामकाज पर सवाल उठाया, तो प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस को हवालाबाजों की जमात बताकर बीजेपी की तरफ से हमले का आगाज किया। कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में अपना भाषण पढ़ते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा था कि अब ये पूरी तरह से साफ है कि चुनाव से पहले किए गए तमाम वादे हवाबाजी थी। अपने ऊपर इस सीधे हमले का जवाब पीएम नरेंद्र मोदी ने भोपाल में दिया। बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कालेधन पर जो कड़ा कानून बना है, उससे सारे हवालेबाज परेशान हैं। हवालेबाजों की जमात को लग रहा है कि संकट के बादल मंडरा रहे हैं, इसलिए वे लोकतंत्र की राह में अड़ंगा डाल रहे हैं।
जाहिर है सोनिया के बोल ने मोदी को नाराज किया, इसलिए उन्होंने भी अपनी शैली में उसका जवाब दिया। इसके बाद इस लड़ाई में कांग्रेस के रणदीप सुरजेवाला ने एक और शब्द जोर दिया- दग़ाबाज़। चुनाव पूर्व मोदी के वादों के लिए उन्होंने अपनी पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के शब्द हवाबाज का ही इस्तेमाल किया और प्रधानमंत्री बनने के बाद उन वादों को न पूरा करने के लिए दगाबाज करार दिया। हरेक व्यक्ति के खाते में 15-15 लाख रुपये के वादों को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह में बाद में चुनावी जुमला कह दिया था। सुरजेवाला ने कहा कि देश की सवा अरब आबादी तय करेगी की दगाबाजी की क्या सजा हो। हवाबाज, हवालाबाज, दगाबाजी...शब्दों की इस बाजीगरी में कांग्रेस और बीजेपी दोनों मैदान मारना चाहती है। गनीमत है कि मामला अभी दाद और खाज तक नहीं गया है। (साभार एनडीटीवी इंडिया)
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