पटना। बिहार में बीजेपी और जेडीयू के अलग होने के बाद से प्रदेश की राजनीतिक तस्वीर में तो बदलाव हुआ ही है, बल्कि सामाजिक परिस्थितियां भी खासी बदल गई हैं। दोनों दलों के बीच अलगाव के बाद से प्रदेश में सांप्रदायिक तनाव बढ़ा है। 2010 से 2013 के दौरान बिहार में हिंदू और मुस्लिमों के बीच सांप्रदायिक हिंसा की कुल 226 सांप्रदायिक घटनाएं हुई थीं।
बिहार में जेडीयू और बीजेपी के बीच अलगाव के बाद से इसमें काफी इजाफा हुआ है और बीते करीब दो साल में अब तक 667 सांप्रदायिक घटनाएं हो चुकी हैं । इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक ऐसे अधिकतर झगड़े पशुओं को दफन करने, नारेबाजी और मूर्तियों के विसर्जन के दौरान आपत्ति की वजह से हुए। 38 जिलों के पुलिस थानों के रेकॉर्ड के मुताबिक 18 जिलों में यह घटनाएं सबसे अधिक (70 फीसदी) हुईं। दोनों समुदायों के बीच अधिकतर झगड़े मस्जिद के पास मृत जानवर को दफनाने और नारेबाजी करने आदि की वजह से हुए। यहां तक कि क्रिकेट मैच के दौरान बॉल लगने की घटना ने भी कई मर्तबा दावानल का रूप ले लिया और दोनों समुदायों के बीच जंग छिड़ गई। यह आंकड़े बताते हैं कि ऊपरी तौर पर भले ही माहौल किसी एक पार्टी के पक्ष में न दिख रहा हो, लेकिन सूबे में मतदाता सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के आधार पर मतदान कर सकते हैं।
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