नई दिल्ली। याक़ूब मेमन की डेथ वांरट के ख़िलाफ़ दायर याचिका पर अब सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को सुनवाई करेगा। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में याक़ूब की याचिका पर सुनवाई हुई लेकिन अदालत किसी फ़ैसले पर नहीं पहुँच सकी। अब उनकी याचिका पर मंगलवार को सुनवाई होगी। महाराष्ट्र सरकार का कहना है कि याक़ूब मेमन को 30 जुलाई को फांसी दी जानी है और इसके लिए नागपुर जेल में तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।
शुक्रवार को याक़ूब मेमन ने सुप्रीम कोर्ट में अपने डेथ वारंट को ग़ैर क़ानूनी बताते हुए इसके ख़िलाफ़ याचिका दायर दी थी। याक़ूब मेमन के रिश्तेदार ने उनसे जेल पहुँचकर मुलाकात भी की है। याक़ूब मेमन की दलील है कि तमाम क़ानूनी विकल्पों के ख़ात्मे से पहले ही उनके लिए डेथ वारेंट जारी कर दिया गया था जो कि ग़ैर-क़ानूनी है। मुंबई हमलों के दोषी याक़ूब मेेमन को 2007 में फांसी की सज़ा सुनाई गई थी। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 2013 में उनकी दया याचिका रद्द कर दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने भी उनकी रिव्यू पिटिशन और क्यूरेटिव पिटिशन ख़ारिज कर दी है।
याक़ूब मेमन ने एक क्षमा याचना महाराष्ट्र के राज्यपाल के समक्ष भी भेजी है। भारत में कई बुद्धिजीवी भी याक़ूब मेमन की फांसी का विरोध कर रहे हैं। पूर्व न्यायाधीशों और राजनेताओं के एक समूह ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से उनकी फांसी को उम्रक़ैद में बदलने का आग्रह किया है।
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